26 जनवरी भारतीय गणतंत्र का इतिहास
Republic day 2024: 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। पहले दिन हमारा देश आजाद हुआ था और दूसरे दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी का दिन बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। अंग्रेजों के शासनकाल से छुटकारा पाने के 894 दिन बाद हमारा देश स्वतंत्र राज्य बना। तब से आज तक हर वर्ष समूचे राष्ट्र में गणतंत्र दिवस गर्व और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। आओ जानते हैं इस दिन के इतिहास को।
- 26 जनवरी 1950 को भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के बाद भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को फहराकर भारतीय गणतंत्र के ऐतिहासिक जन्म की घोषणा की थी।
- लगभग 2 दशक पुरानी इस यात्रा को सन् 1930 में एक सपने के रूप में संकल्पित किया गया और हमारे भारत के शूरवीर क्रांतिकारियों ने सन् 1950 में इसे एक गणतंत्र के रूप में साकार किया।
- 31 दिसंबर 1929 की मध्य रात्रि में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लाहौर सत्र के दौरान राष्ट्र को स्वतंत्र बनाने की पहल की गई थी। इस सत्र की अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की थी।
- बैठक में उपस्थित सभी क्रांतिकारियों ने अंग्रेज सरकार के शासन से भारत को आजाद करने और पूर्णरूपेण स्वतंत्रता को साकार करने के लिए 26 जनवरी 1930 को 'स्वतंत्रता दिवस' के रूप में एक ऐतिहासिक पहल बनाने की शपथ ली थी। भारत के उन शूरवीरों ने अपनी लक्ष्य पर खरे उतरने की भरसक कोशिश की और भारत सचमुच स्वतंत्र देश बन गया।
- उसके बाद भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें भारतीय नेताओं और अंग्रेज कैबिनेट मिशन ने भाग लिया। भारत को एक संविधान देने के विषय में कई चर्चाएं, सिफारिशें और वाद-विवाद हुआ।
- कई बार संशोधन करने के पश्चात भारतीय संविधान को अंतिम रूप दिया गया जो 3 वर्ष बाद यानी 26 नवंबर 1949 को आधिकारिक रूप से अपनाया गया।
- इस अवसर पर डॉ. राजेन्द्र प्रसाद ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। हालांकि भारत 15 अगस्त 1947 को एक स्वतंत्र राष्ट्र बन चुका था, लेकिन इस स्वतंत्रता की सच्ची भावना को प्रकट किया 26 जनवरी 1950 को।
- इर्विन स्टेडियम जाकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और इस तरह गणतंत्र के रूप में भारतीय संविधान प्रभावी हुआ।