26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर कौन होंगे मुख्य अतिथि, कैसे करते हैं चयन?
President of france emmanuel macron: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर हर साल किसी देश के प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाए जाने की परंपरा है। इसी के साथ ही देश विदेश के कई गणमान्य नागरिकों को भी निमंत्रण दिया जाता है, जो पहली पंक्ति में बैठते हैं। वर्ष 2024 के गणतंत्र दिवस पर भी इसी परंपरा को निभाया गया है।
कौन होगा इस बार का मुख्य अतिथि: भारत ने इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन को आमंत्रित किया गया है। गणतंत्र दिवस की परेड में मुख्य अतिथि होंगे। गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने के लिए भारत से मिले न्योते पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा- थैंक्यू माय डियर फ्रेंड। इस पर नरेन्द्र मोदी ने भी कहा- आपका बहुत बहुत स्वागत है मिस्टर प्रेसीडेंट। साथ में उन्होंने दोनों का फोटो भी शेयर किया है। इसी के साथ वह छठे फ्रांसीसी नेता बन जाएंगे, जिन्हें भारत ने यह सम्मान प्रदान किया है। इस वर्ष, हम भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।
जयपुर में वेलकम शो : फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के 25 जनवरी को जयपुर में पहुंचने वाले हैं। पीएम मोदी भी 25 जनवरी को जयपुर के प्रस्तावित दौरे पर होंगे। पीएम मोदी और मैक्रों जयपुर में रोड शो करेंगे। ये रोड शो सांगानेरी गेट से शुरू होगा। रोड शो जोहरी बाजार, बढ़ी चौपड़ से गुजरेते हुए बड़ी चौपड़ और त्रिपोलिया गेट पहुंचेगा। दोनों का रोड शो त्रिपोलिया से अंदर जंतर मंतर, सिटी पैलेस, हवामहल पहुंचेगा। हवामहल से रोड शो वापस सांगानेरी गेट जाएगा। इसके बाद पीएम मोदी सांगानेर से होटल रामबा के लिए रवाना होंगे।
बैस्टिल डे परेड में शामिल हुए थे मोदी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 14 जुलाई को पेरिस में आयोजित बैस्टिल डे परेड में सम्मानित अतिथि के रूप में भाग लिया था। यह कार्यक्रम फ्रांस के राष्ट्रीय दिवस समारोह का हिस्सा है। वहीं, मैक्रों सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे।
कैसे चयन होता है मुख्य अतिथि का : मुख्य अतिथि किसे बनाना चाहिए, इसको लेकर विदेश मंत्रालय विचार विमर्श करके तय करता है। इसमें आमंत्रण चयन में भारत और उस देश के संबन्धों को ध्यान में रखा जाता है। इस बात पर भी विचार किया जाता है कि कहीं आमंत्रित अतिथि को बुलाने से किसी अन्य देश से संबन्ध पर विपरित असर तो नहीं पड़ेगा। इन सभी पहलुओं पर सोच विचार करने के बाद मुख्य अतिथि का नाम तय होता है। इसके बाद इस मामले में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की मंजूरी ली जाती है। मंजूरी के बाद आमंत्रित किए जाने वाले अतिथि की उपलब्धता के बारे में पता लगाकर ही उसे निमंत्रण भेजते हैं। संभावित मुख्य अतिथि की लिस्ट में और भी नाम होते हैं। पहले क्रम से इसका चयन करते हैं। यह प्रक्रिया करीब 6 माह पूर्व ही प्रारंभ हो जाती है।
कैसे करते हैं मुख्य अतिथि का सत्कार : मुख्य अतिथि के लिए रेड कार्पेट बिछाकर उनको 'गार्ड ऑफ ऑनर' दिया जाता है। दोपहर में मुख्य अतिथि के लिए प्रधानंमत्री द्वारा भोज का आयोजन होता है। शाम को राष्ट्रपति उनके लिए विशेष स्वागत समारोह आयोजित करते हैं। इसके बार सुबह परेड में शामिल होते हैं।