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Dussehra 2023: दशहरा पर शस्त्र पूजा कैसे करें, जानें शुभ मुहूर्त

Dussehra 2023: दशहरा पर शस्त्र पूजा कैसे करें, जानें शुभ मुहूर्त - Arms Shashtra Puja on Dussehra
Dussehra Puja 2023: दशहरा पर लोग अपने अपने कार्य के उपकरणों और वाहनों की पूजा करते हैं। जैसे, शस्त्र, आयुध, कलम, पोधी, किताब, औजार, हल आदि। जो व्यक्ति जिस भी औजार से काम करता है उसकी पूजा करते हैं। जैसे कोई नाई कैची और कंघी की पूजा करता है तो कोई सैनिक अपने हथियार की। आओ जानते हैं कि दशहरा पर शस्त्र पूजा कैसे करते हैं।
 
दशमी तिथि प्रारम्भ:- 23 अक्टूबर 2023 को शाम 05:44 से
दशमी तिथि समाप्त:- 24 अक्टूबर 2023 को दोपहर 03:14 तक।
दशहरा कब है- उदया तिथि के मान से दशहरा 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
 
दशहरा के शुभ मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त : 11:42:40 से 12:27:43 तक।
विजयादशमी पूजा का शुभ मुहूर्त : 24 अक्टूबर मंगलवार 2023 को दोपहर 02:05 से 02:51 तक। 
अपराह्न पूजा का समय: 24 अक्टूबर मंगलवार 2023 को दोपहर 01:19 से 03:37 बजे तक। 
अबूझ मुहूर्त: शहरा के दिन को साढ़े तीन अबूझ मुहूर्त में से एक मानते हैं, इसलिए पूरा दिन ही शुभ होता है।
दशहरा पर शस्त्र पूजा कैसे करें । How to perform Shastra Puja on Dussehra:
  • शस्त्र पूजा विजयी मुहूर्त में करते हैं, जो 24 अक्टूबर को दोपहर 02:18 से 03:05 बजे के बीच रहेगा।
  • घर की पूर्वोत्तर की दिशा में कोई पवित्र स्थान पर माता दुर्गा, काली और श्रीराम की छवि या मूर्ति की स्थापना करें।
  • पूजा स्थल पर अच्छी तरह से साफ किए हुए अपने सभी आयुध/शस्त्र को भगवान के सामने रखें।
  • विजयादशमी के शुभ अवसर पर शक्तिरूपा दुर्गा, काली की आराधना के साथ-साथ शस्त्र पूजा की परंपरा है।
  • विजय की कामना के साथ चंद्रिका का स्मरण करते हुए शस्त्रों का पूजन करना चाहिए। 
  • उन पर कंकू, अक्षत, हल्दी, अबीर गुलाल, फूल और माला अर्पित करें, आररती उतारें और नमन करें।
शस्त्र पूजा में सावधानी रखें:
  1. दशहरा पर्व के अवसर पर अपने शस्त्र को पूजने से पहले सावधानी बरतना न भूलें। 
  2. हथियार के प्रति जरा-सी लापरवाही बड़ी भूल साबित हो सकती है।
  3. घर में रखे अस्त्र-शस्त्र को अपने बच्चों एवं नाबालिगों की पहुंच से दूर रखें। घर में हथियार तक पहुंच किसी भी स्थिति में न हो।
  4. हथियार को खिलौना समझने की भूल करने वालों के दुर्घटना के शिकार होने के कई मामले सामने आ चुके हैं।
  5. सबसे अहम यही है कि पूजा के दौरान बच्चों को हथियार न छूने दें और किसी भी तरह का प्रोत्साहन बच्चों को न मिले।
  6. हथियार खतरनाक होते हैं इसलिए इनकी साफ-सफाई में बेहद सावधानी की जरूरत होती है।
  7. 12 बोर और पिस्टल में सतर्कता रखनी पड़ती है। अपने-अपने घरों में जो भी हथियार साफ करें, बिलकुल संभलकर करें।