• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. ज्योतिष आलेख
  4. Kishore jantri 2022 calendar
Written By
Last Updated : मंगलवार, 1 मार्च 2022 (16:14 IST)

रूस-यूक्रेन युद्ध की भविष्यवाणी का वायरल हो रहा भारतीय पंचांग, जानिए और क्या लिखा है इसमें

रूस-यूक्रेन युद्ध की भविष्यवाणी का वायरल हो रहा भारतीय पंचांग, जानिए और क्या लिखा है इसमें - Kishore jantri 2022 calendar
Kishore jantri 2022 calendar: कई दिनों से एक पंचांग सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर देश-दुनिया के हलात के साथ ही रूस यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की भविष्यवाणी का उल्लेख किया गया है। 
 
भारतीय पंचांग जंत्री में दावा किया गया है कि लगभग 26 फरवरी 2022 के बाद 7 अप्रैल 2022 तक शनि और मंगल का मकर राशि में योग योरपीय देशों की नीति विश्‍वव्यापी अशांति किंवा युद्ध का वातावरण बना सकती है।... इस पंचांग में संपूर्ण विश्व की स्थिति के बारे में लिखा हुआ है। परंतु खासकर युद्ध के परिप्रेक्ष में उसकी ये भविष्यवाणी के सच होने के दावा किया जा रहा है। 
 
पहले भी बनी थी इसी प्रकार की स्थिति : बताया जा रहा है कि जब भी इस तरह की गोचर स्थिति बनती है तो बीमारी, युद्ध, अराजकता के साथ महंगाई भी तेजी से बढ़ती है। यह स्थिति 1962 के अलावा 1992-93 में उत्पन्न हुई थी। 1992 में अफगानिस्तान में गृह युद्ध के बाद तालिबान को कब्जा हुआ था। गत वर्ष 2020 में शनि देव का मकर राशि में प्रवेश करते ही भारत-चीन के मध्य विवाद हुआ था। 
 
अब 26 फरवरी, 2022 को शनि के साथ मंगल ग्रह का आना अंगारक योग बना रहा है जो कि जान-माल के लिए और ज्यादा घातक होता है। इससे अराजकता के साथ हिंसा, रक्तपात, प्राकृतिक आपदाएं बढ़ सकती हैं।
 
यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध 26 फरवरी से तीन दिन पूर्व ही आरंभ हो गया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर इस पंचांग की भविष्यवाणी इन दिनों खूब वायरल हो रही है। कहा जा रहा है कि भारतीय संस्कृति, धर्म ग्रंथ, ज्योतिष कितने प्रमाणिक हैं, इसका अंदाजा वैदिक पंचांगों से लगाया जा सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध की भविष्यवाणी पंचांगों में एक वर्ष पूर्व ही कर दी गई थी।
 
 
कहां का पंचांग है यह : बताया जा रहा है कि ये भारतीय कैलेंडर किशोर जंत्री 2022 की है जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इसी पंचांग में यह भी लिखा है कि आने वाले समय में गुरू, शुक्र एवं शनि तथा मंगल की स्थिति के कारण मुस्लिम राष्ट्रनायकों की नीति एवं भारत के साथ उनके व्यवहार में सुधार संभव है।
Lal kitab remedies
किशोर जंत्री कैलेंडर के जरिए आप सभी भारतीय त्योहारों, अवकाशों, आदि की संपूर्ण जानकारी हासिल कर सकते हैं। कहा जा रहा है कि यह कलैंडर एस्ट्रोसेज द्वारा पेश किया गया है, जिसमें प्रत्येक माह के ग्रह गोचर अनुसार महत्वपूर्ण घटनाओं की सटीक तारीख और दिन की जानकारी प्रदान की गई है। इस भारतीय कैलेंडर की मदद से भारतीय अवकाशों और क्षेत्रीय त्योहारों के बारे में अधिक जानकारी अभी प्राप्त कर सकते हैं। 
 
वेबदुनिया इस पंचांग की कोई आधिकारिक पुष्टि या दावा नहीं करता है, हालांकि ये पंचांग सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। लोग ट्वीट करके अपनी बात रख रहे हैं।
 
अंगारक योग बनता है युद्ध का कारण : इस समय विक्रमी संवत 2078 के अंतर्गत आनंद नामक संवत्सर चल रहा है। दरअसल इस संवत की शुरुआत मंगलवार को हुई थी। संवत्सर के राजा और मंत्री मंगल हैं। मंगल को ज्योतिष में युद्ध का कारक ग्रह माना जाता है। वर्तमान में मकर राशि में शनि देव पहले से ही विद्यमान हैं। 26 फरवरी को मंगल भी मकर राशि में आ गए। मकर राशि में मंगल सबसे ज्यादा बलवान होता है क्योंकि यह उसकी उच्च दशा की राशि है। यहीं पर शनि और मंगल की युति से अंगारक नामक योग का निर्माण हुआ है। यह योग 7 अप्रैल तक रहेगा। यह युद्ध, भूकंप, सीमा पर तनाव की स्थिति को बढ़ाता है। पंचांग में साफ लिखा है कि अंगारक योग यूरोपीय देशों के बीच युद्ध का कारण बनेगा।
 
 
यही कारण है कि 26 फरवरी को मकर राशि में पहले से विराजमान शनि के साथ मंगल ग्रह पहुंचे, उसके तीन दिन पूर्व ही इन ग्रहों ने अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया था और यूक्रेन-रूस के बीच युद्ध 26 फरवरी से तीन दिन पूर्व ही आरंभ हो गया।
 
हर 30 साल के अंतर पर बनती है ऐसी स्थिति : ज्योतिेष मान्यता के अनुसार हर 30 साल के अंतर पर शनि ने इन्हीं क्षेत्रों में युद्ध या हिंसात्मक कारवाई की स्थिति बनाई है। पिछले 3 वर्षो से पूरे विश्व में अशांति है, महामारी फैली है और साथ ही भारत पाकिस्तान के साथ ही भारत-चीन के बीच भी तनाव बढ़ा हुआ है। 2020 में गलवान घाटी विवाद में भारत-चीन के कई सैनिक मारे गए थे। उस समय भी शनि मकर राशि में गोचर हो रहा था। शनि मकर राशि में 28 अप्रैल 2022 तक रहेगा। तब तक पूरे विश्व में तनाव का माहौल रहेगा। 
 
बढ़ेगा भारत का दबदबा : स्वतंत्र भारतवर्ष की वृषभ लग्न की कुंडली के नवम भाव अर्थात भाग्य भाव में यह पंचग्रही योग बन हो रहा है और राशि अनुसार कर्क राशि से यह सप्तम भाव में बन रहा है। ऐसी स्थिति में यह पंच ग्रही योग दुनिया में भारत का मान-सम्मान बढ़ाने वाला साबित होगा। भारत अपने विरोधी देशों पर भारी पड़ता हुआ नजर आएगा और विश्व मंच पर अपनी अलग पहचान बनाने में सर्वोपरि दिखेगा। यह देशवासियों के साहस और पराक्रम में भी वृद्धि करेंगे तथा भाग्य को मजबूत बनाएंगे जिससे विश्व पटल पर भारत की छवि मजबूत होगी।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।
ये भी पढ़ें
मार्च माह में कौन कौन-से ग्रह करेंगे राशि परिवर्तन, क्या रहेंगे ग्रह संयोग, होगा क्या असर