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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (12:52 IST)

Vastu Tips: घर में किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस दिशा में नहीं होना चाहिए?

Vastu Tips: ईशान और नैऋत्य कोण में कभी नहीं बनाएं किचन, होगा भारी नुकसान

kitchen vastu direction
Kitchen vastu Tips : किचन और शौचालय दो ऐसी चीजें हैं जिनका सही दिशा में होना जरूरी है। किचन यदि गलत दिशा में है तो घर की महिलाएं बीमार रहती है या घर के मुखिया के साथ घटना दुर्घटना के योग भी बनते हैं। आओ जानते हैं कि किचन किस दिशा में होना चाहिए और किस में नहीं। रसोईघर अर्थात किचन को वास्तु अनुसार बनाना भी जरूरी है अन्यथा यह रोग, शोक और धन की बर्बादी का कारण बन सकता है।
 
किस दिशा में होना चाहिए किचन?
- वास्तु विज्ञान के अनुसार रसोईघर आग्नेय कोण में होना शुभ फलदायी माना गया है।
 
- आग्नेय कोण की दिशा का स्वामी ग्रह शुक्र होता है। शुक्र ही सुख और समृद्धि देने वाला ग्रह है।
 
- किचन आग्नेय में नहीं है तो पूर्व में चलेगा। बाकी की दिशाओं से वास्तुदोष निर्मित होता है। 
 
-  रसोई घर की खिड़कियां बड़ी हों तो उत्तम होता है। इसके अलावा रसोई घर में प्राकृतिक रोशनी और हवा की व्यवस्था भी होना चाहिए।
 
- यदि आग्नेय कोण में रसोई की व्यवस्था न हो सके तो पूर्व या वायव्य कोण ठीक रहता है, लेकिन इस स्‍थिति में यह ध्यान रखना जरूरी होगा कि रसोई घर चाहे जहां हो, भोजन आग्नेय कोण में ही बने। इससे बिगड़े काम भी बन सकते हैं।
Vastu Tips
किचन कहां नहीं होना चाहिए?
- पश्चिम और नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) में भूलकर भी किचन न बनाएं। उत्तर या ईशान कोण में बना किचन गंभीर रोग देता है। यदि गलत दिशा में किचन बना है तो उपाय करें।
 
- वास्तु के मुताबिक भूलकर भी घर की दक्षिण-पश्चिम दिशा में किचन नहीं बनाना चाहिए। इस दिशा में किचन का होना घर का एक बड़ा वास्तु दोष है। इसे घर की महिला रोगी होगी और अनावश्‍यक खर्चें बढ़ेंगे। नैऋत्य (दक्षिण-पश्चिम) कोण में भी किचन या रसोई घर अच्‍छा नहीं माना जाता है। इससे गृह कलह, परेशानी और दुर्घटना का भय बना रहता है। 
 
- रसोई घर ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में भूल से भी नहीं बनाना चाहिए, क्योंकि इससे मानसिक तनाव बढ़ सकता है। साथ ही खान-पान का खर्चा भी कई गुना बढ़ सकता है और अपव्यय की स्थिति बन सकती है।
 
- इसी प्रकार वायव्य (उत्तर-पश्चिम) कोण में स्‍थित किचन/ रसोई घर भी न सिर्फ खर्च बढ़ाने वाला माना जाता है, बल्कि अग्नि दुर्घटना भी दे सकता है। किचन वायव्य कोण में हो और वहां घर की बहुएं काम करती हों तो उनका मन रसोई में नहीं लगेगा और वे एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाती पाई जाएंगी। 
 
- किचन यदि आग्नेय कोण में नहीं है तो इससे महिलाओं की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अन्न और धन की भी हानि होती है। इससे पाचन संबंधी अनेक बीमारियां हो सकती हैं।