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ये 10 प्रकार के दरवाजे नहीं होना चाहिए, वर्ना पछताएंगे

Main Door Vastu | ये 10 प्रकार के दरवाजें नहीं होना चाहिए, वर्ना पछताएंगे
घर के दरवाजे बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं। कई बार हम मकान खरीदते वक्त या बनवाते वक्त यह ध्यान नहीं देते हैं कि किस प्रकार के दरवाजे लगाए जा रहे हैं। घर का मुख्‍य द्वार वास्तु अनुसार होता है तो कई समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाती है। बेहतर होगा कि दरवाजा शीशम या सागौन की लकड़ी और धातु का बना हो।
 
 
दरजावा किसी भी प्रकार सा टूटा फूटा या तिरछा नहीं होना चाहिए। द्वार के खुलने बंद होने में आने वाली चरमराती ध्वनि स्वरवेध कहलाती हैं जिसके कारण आकस्मिक अप्रिय घटनाओं को प्रोत्साहन मिलता है। आओ जानते हैं कि घर का मुख्य द्वार कैसा होना चाहिए।
 
 
1. एक सीध में तीन दरवाजे नहीं होना चाहिए।
2. दरवाजे के भीतर दरवाजा नहीं बनाना चाहिए।
3. एक पल्ले वाला दरवाजा नहीं होना चाहिए। दो पल्ले वाला हो।
4. ऐसा दरवाजा नहीं होना चाहिए जो अपने आप खुलता या बंद हो जाता हो।
5. घर का मुख्य द्वार बाहर की ओर खुलने वाला नहीं होना चाहिए।
6. कुछ दरवाजे ऐसे होते हैं जिनमें खिड़कियां होती हैं ऐसे दरवाजों में वास्तुदोष हो सकता है।
7. मुख्य द्वार त्रिकोणाकार, गोलाकार, वर्गाकार या बहुभुज की आकृति वाला नहीं होना चाहिए।
8. मुख्य दरवाजा छोटा और उसके पीछे का दरवाजा बड़ा नहीं होना चाहिए। मुख्य दरवाजा बड़ा होना चाहिए।
9. घर के ऊपरी माले के दरवाजे निचले माले के दरवाजों से कुछ छोटे होने चाहिए।
10. घर में दो मुख्‍य द्वार हैं तो वास्तुदोष हो सकता है। विपरीत दिशा में दो मुख्य द्वार नहीं बनाना चाहिए।
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