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Last Updated : सोमवार, 1 फ़रवरी 2021 (17:55 IST)

Budget 2021 : आम आदमी को लगा बड़ा झटका, वित्तमंत्री के ऐलान के बाद महंगे होंगे स्मार्टफोन्स

Budget 2021 : आम आदमी को लगा बड़ा झटका, वित्तमंत्री के ऐलान के बाद महंगे होंगे स्मार्टफोन्स - budget 2021 smartphones may get-expensive as government removes exemption on parts of chargers mobiles
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने आज आम बजट पेश किया। वित्तमंत्री ने कस्टम ड्यूटी को लेकर कहा कि 1 अक्टूबर 2020 से नया स्ट्रक्चर आएगा तो वहीं मोबाइल पार्ट्स पर भी अब कस्टम ड्यूटी लगेगी।

भारत में काम कर रही कई मोबाइल कंपनियों की यह मांग थी कि विदेशों से आयात कर रहे मोबाइल पार्ट्स पर अगर कस्टम ड्यूटी को न लगाया जाए तो आने वाले समय में ये कंपनियों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
 
ऐसे में जब मोबाइल पार्ट्स पर कस्टम ड्यूटी लगाया जाएगा तो भारत में स्मार्टफोन्स महंगे हो जाएंगे। मोबाइल पार्ट्‍स के दाम भी बढ़ जाएंगे। मोबाइल चार्जर भी महंगा होगा, क्योंकि कई बड़ी कंपनियों ने अपने स्मार्टफोन्स के साथ चार्जर देना बंद कर दिया है। इनमें ऐपल, शिओमी और सैमसंग जैसी कंपनियां शामिल हैं। इनके चार्जर अलग से खरीदना पड़ते हैं।  
 
बजट सेशन के दौरान वित्त मंत्री ने घोषणा की कि अब मोबाइल पार्ट्स पर भी कस्टम ड्यूटी लगाई जाएगी। कस्टम ड्यूटी लगाने से भारत में बन रहे स्मार्टफोन्स अब महंगे हो जाएंगे।
 
केंद्र सरकार ने कहा कि घरेलू निर्माताओं को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है। भारत में आज कई स्मार्टफोन कंपनियां हैं जो मोबाइल पार्ट्स को विदेशों से मंगाती हैं।

ऐसे में अब इन पार्ट्स पर रोक लगाकार इन्हें भारत में ही बनाया जाएगा क्योंकि अगर कोई भी कंपनी विदेश से इन पार्ट्स का आयात करवाती है तो स्मार्टफोन्स बेहद महंगे हो सकते हैं।

दूरसंचार क्षेत्र से 53,986 करोड़ राजस्व का अनुमान : सरकार ने अगले वित्त वर्ष में दूरसंचार क्षेत्र से 53,986 करोड़ रुपए के राजस्व का लक्ष्य रखा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2021-22 का बजट पेश करते हुए कहा कि अगले वित्त वर्ष में दूरसंचार क्षेत्र से 53,986 करोड़ रुपये का राजस्व मिलने का अनुमान है।
 
वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में सरकार ने दूरसंचार क्षेत्र से 1.33 लाख करोड़ रुपए के राजस्व का अनुमान लगाया था। इसे सोमवार को बजट में पेश संशोधित अनुमानों में घटाकर सिर्फ 33,737 करोड़ रुपए कर दिया गया है।
 
बजट दस्तावेजों में कहा गया है कि ‘अन्य संचार सेवाओं’ से प्राप्तियों में मुख्य रूप से दूरसंचार ऑपरेटरों से मिलने वाले लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम प्रयोग शुल्क से प्राप्त होने वाला राजस्व शामिल होता है। लाइसेंस शुल्क समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) का 8 प्रतिशत होता है। इसे दूरसंचार सेवाओं से प्राप्त आय माना जाता है।
 
दूरसंचार क्षेत्र से राजस्व प्राप्तियों के अनुमान को ऐसे समय घटाया गया है जबकि सरकार स्पेक्ट्रम नीलामी की तैयारी कर रही है। सरकार का इरादा 3.92 लाख करोड़ रुपए का स्पेक्ट्रम नीलामी के लिए पेश करने का हे। मोबाइल सेवाओं के लिए सात स्पेक्ट्रम बैंडों में नीलामी 1 मार्च से शुरू होगी