आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू के इस दावे पर गुरवार को बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया कि पिछली सरकार के दौरान तिरुपति के लड्डुओं में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। वाईएसआरसीपी ने नायडू पर राजनीतिक लाभ के लिए “घृणित आरोप” लगाने का आरोप लगाया है, जबकि तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने इस दावे के समर्थन में एक प्रयोगशाला रिपोर्ट प्रसारित की।
नायडू ने बुधवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल की बैठक के दौरान दावा किया कि पिछली वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने तिरुपति में श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर को भी नहीं बख्शा और लड्डू बनाने के लिए घटिया सामग्री और पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।
तेदेपा प्रवक्ता अनम वेंकट रमण रेड्डी ने एक संवाददाता सम्मेलन में दावा किया कि प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) द्वारा उपलब्ध कराए गए घी के नमूनों में गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है।
उन्होंने कथित प्रयोगशाला रिपोर्ट दिखाई, जिसमें दिए गए घी के नमूने में “पशु की चर्बी”, “लार्ड” (सूअर की चर्बी से संबंधित) और मछली के तेल की मौजूदगी का भी दावा किया गया है। जुलाई में नमूना लिया गया और प्रयोगशाला रिपोर्ट 16 जुलाई की थी।
आंध्र प्रदेश सरकार या तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी), जो प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर का प्रबंधन करता है, की ओर से हालांकि प्रयोगशाला रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सदस्य वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने कहा कि नायडू के आरोपों से देवता की पवित्र प्रकृति को नुकसान पहुंचा है और भक्तों की भावनाओं को ठेस पहुंची है।
चार सालों तक टीटीडी के अध्यक्ष रहे सुब्बा रेड्डी ने कहा, “यह कहना भी अकल्पनीय है कि भगवान को अर्पित किए जाने वाले प्रसाद और भक्तों को दिए जाने वाले लड्डुओं में पशु चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। पशु चर्बी के इस्तेमाल का आरोप लगाना एक घिनौना प्रयास है।”
उन्होंने कहा, “मैं वेंकटेश्वर स्वामी में आस्था रखता हूं और आप (नायडू) भी उनके भक्त होने का दावा करते हैं, इसलिए आइए देवता के सामने शपथ लें। मैं देवता के सामने शपथ लेने के लिए तैयार हूं। मैं अपने परिवार के साथ आकर शपथ लूंगा।”
उन्होंने आगे कहा कि यदि नायडू अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहते हैं और सबूत पेश नहीं करते हैं तो वह कानूनी सहारा लेंगे और सर्वोच्च न्यायालय तक जाएंगे।
वाईएसआरसीपी के वरिष्ठ नेता और टीटीडी के पूर्व अध्यक्ष बी. करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने राजनीतिक लाभ के लिए तिरुपति के लड्डुओं पर अपवित्र आरोप लगाए हैं।
तिरुपति में विश्व प्रसिद्ध श्री वेंकटेश्वर मंदिर के आधिकारिक संरक्षक, तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के दो बार अध्यक्ष रह चुके बी. करुणाकर रेड्डी ने आरोप लगाया कि नायडू ने विपक्षी पार्टी और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी को निशाना बनाने के उद्देश्य से ऐसा कहा है।
रेड्डी ने स्थानीय मीडिया से कहा, “वाईएसआरसीपी, वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और पिछली सरकार पर हमला करने के लिए उन्होंने (नायडू) यह घिनौना आरोप लगाया कि स्वामी (देवता) के लड्डू बनाने में जानवरों की चर्बी का इस्तेमाल किया गया था। यह निंदनीय है।”
प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री नारा लोकेश ने बुधवार को तिरुपति प्रसादम (लड्डू) में पशु चर्बी के कथित उपयोग पर आश्चर्य व्यक्त किया।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “तिरुमाला में भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर हमारा सबसे पवित्र मंदिर है। मुझे यह जानकर आश्चर्य हुआ कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी प्रशासन ने तिरुपति प्रसादम में घी की जगह पशु चर्बी का इस्तेमाल किया।”
राज्य कांग्रेस प्रमुख वाई.एस. शर्मिला ने नायडू के दावे की पुष्टि के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जांच की मांग की। उन्होंने तिरुपति लड्डू की तैयारी को लेकर घृणित राजनीति करने के लिए मुख्यमंत्री और वाईएसआरसीपी पर हमला बोला।
आंध्र प्रदेश भारतीय जनता पार्टी ने एक्स पर अपने आधिकारिक खाते से एक पोस्ट में कहा कि लड्डू मुद्दे पर मुख्यमंत्री नायडू की टिप्पणी से सभी हिंदुओं को पीड़ा हुई है। पार्टी ने राज्य सरकार से अपील की कि पिछली सरकार में हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले सभी मुद्दों की तुरंत जांच की जाए।
केंद्रीय मंत्री बंदी संजय कुमार ने कहा कि लड्डू बनाने में पशु चर्बी का कथित उपयोग भगवान वेंकटेश्वर में आस्था रखने वाले हिंदुओं की आस्था और विश्वास के साथ गहरा विश्वासघात है।
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने मांग की कि आंध्र प्रदेश सरकार मामले की तत्काल जांच कराए, ताकि सच्चाई सामने आए और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
तेलंगाना में भाजपा विधायक राजा सिंह ने कहा कि पिछली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान पवित्र लड्डू प्रसादम बनाने में “पशु की चर्बी और मछली के तेल” का कथित इस्तेमाल हमारी समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत पर सीधा हमला है, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। इनपुट भाषा