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Last Updated : शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (09:02 IST)

Weather Updates: जाते जाते मानसून कई राज्यों को कर रहा तरबतर, IMD ने जारी किया 13 राज्यों को लेकर येलो अलर्ट

दक्षिण पश्चिम मानसून से 20, 21 और 22 सितंबर को 13 राज्यों में होगी वर्षा

Weather Updates: जाते जाते मानसून कई राज्यों को कर रहा तरबतर, IMD ने जारी किया 13 राज्यों को लेकर येलो अलर्ट - Latest weather news for 20 September in India
IMD Weather Forecast: दक्षिण-पश्चिम मानसून अपनी वापसी में तांडव मचा रहा है। बारिश का दौर एक बार फिर से शुरू हो गया है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने 13 राज्यों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। दिल्ली-एनसीआर में बुधवार को बारिश का येलो अलर्ट जारी कर दिया गया है, वहीं यूपी के 34 जिलों में मूसलधार बारिश की चेतावनी दी है। मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और हिमाचलप्रदेश तथा उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है।
 
इसके साथ ही मौसम विभाग ने पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है और हिमाचलप्रदेश तथा उत्तराखंड के कई जिलों में भारी बारिश की संभावना जताई है। मानसून जाते-जाते कई राज्यों में घनघोर बारिश कर रहा है। इस कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।

 
दिल्ली में सुबह मौसम हुआ सुहावना, बारिश के आसार : राष्ट्रीय राजधानी में नई दिल्ली में रातभर हुई बारिश के बाद गुरुवार की सुबह मौसम सुहावना रहा और न्यूनतम तापमान घटकर 21.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो मौसम के औसत से 4 डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।
 
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने कहा कि दिन में बादल छाए रहने और गरज के साथ छींटें पड़ने के आसार है जबकि अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। सुबह 8.30 बजे आर्द्रता का स्तर 98 प्रतिशत दर्ज किया गया।
 
स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार मध्यप्रदेश के मध्य भागों पर कम दबाव का क्षेत्र कमजोर हो गया है। इससे जुड़ा चक्रवाती परिसंचरण उत्तरी मध्यप्रदेश पर है और मध्य क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है। मानसून ट्रफ अब बीकानेर, ग्वालियर, डाल्टनगंज, रांची, दीघा से होकर दक्षिण-पूर्व दिशा में बंगाल के पूर्वी मध्य भाग की ओर बढ़ गई है। पंजाब के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है।
 
पिछले 24 घंटों की मौसमी हलचल : पिछले 24 घंटों के दौरान अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और उत्तरप्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश हुई। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा के कुछ हिस्सों, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, तमिलनाडु और तटीय आंध्रप्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश हुई। पंजाब, जम्मू-कश्मीर, मध्यप्रदेश, बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और लक्षद्वीप में हल्की बारिश हुई।

 
आज के मौसम की संभावित गतिविधि : स्काईमेट वेदर (Skymet Weather) के अनुसार आज शुक्रवार, 20 सितंबर को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश हो सकती है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ एक या दो बार भारी बारिश हो सकती है। आंध्रप्रदेश के उत्तरी तट, पूर्वी मध्यप्रदेश और कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और केरल में हल्की बारिश संभव है।
 
आज से 2 दिन पहले ऐसा लग रहा था कि दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी भारत में इंद्रदेव आफत लाने वाले हैं। बुधवार को दिल्ली-एनसीआर सहित यूपी बिहार झारखंड में जमकर बारिश हुई। मगर मौसम विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को वेदर का पूर्वानुमान जारी करते हुए बताया कि देश के किसी भी हिस्से में बारिश का अलर्ट नहीं है या संभावना नहीं है। अंडमान निकोबार में भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना है।
 
आज गुरुवार को अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में मध्यम से भारी बारिश की संभावना है, वहीं ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कहीं-कहीं 1 या 2 बार भारी बारिश हो सकती है। आईएमडी के अनुसार आंध्रप्रदेश के उत्तरी तट, पूर्वी मध्यप्रदेश और कर्नाटक में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है। बिहार, झारखंड, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान और केरल में हल्की बारिश संभव है। ऐसा समझ लीजिए कि दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अन्य भागों में मौसम साफ रह सकता है। 22 सितंबर को पूर्वी तट और उत्तर-पूर्वी भारत के राज्यों भारी बारिश की संभावना है।

 
तय हो गई मानसून की वापसी की तारीख : मौसम विभाग ने बताया कि दिल्ली से मानसून की वापसी की तारीख नजदीक आ रही है। दिल्ली में मानसून वापसी की सामान्य तारीख 25 सितंबर है और अगले 4 दिनों में 21-22 सितंबर के वीकेंड सहित बारिश कम होने की संभावना है। हालांकि बंगाल की खाड़ी में एक और मौसम प्रणाली बनने जा रही है, जो आगे बढ़कर अगले सप्ताह 25-26 सितंबर के आसपास के राज्य में भारी बारिश ला सकती है। इससे दिल्ली में मानसून निर्धारित तारीख से आगे बढ़ सकती है। साथ ही बारिश की वजह से मौसम में और भी ठंडापन महसूस होने लगेगा।
 
1970 के बाद इस साल जून से अगस्त तक दूसरा सबसे गर्म मौसम रहा : अमेरिका स्थित जलवायु वैज्ञानिकों और संचारकों के एक समूह की एक नई रिपोर्ट के अनुसार भारत में 1970 के बाद इस साल जून से अगस्त तक दूसरा सबसे गर्म मौसम रहा। इस दौरान देश की एक-तिहाई से अधिक आबादी ने कम से कम 7 दिन खतरनाक गर्मी का सामना किया।

 
'क्लाईमेट सेंट्रल', नई दिल्ली की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण इन 3 महीनों के दौरान 29 दिन तापमान संभवत: 3 गुना अधिक महसूस किया गया। इसमें कहा गया है कि कम से कम 1970 के बाद से जून से अगस्त 2024 की अवधि भारत में दूसरी सबसे गर्म अवधि रही।
 
रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में दक्षिण एशिया में जलवायु परिवर्तन के चलते तापमान की मार झेलने वाले सबसे अधिक लोग भारत के थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि कम से कम 60 दिन तक 2.05 करोड़ से अधिक लोग जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़े तापमान से प्रभावित हुए।
 
वैज्ञानिकों ने कहा कि 42.6 करोड़ से अधिक लोगों (भारत की लगभग एक तिहाई आबादी) को उनके इलाकों में कम से कम 7 दिनों तक भीषण गर्मी का सामना करना पड़ा और इस दौरान तापमान सामान्य से 90 प्रतिशत से अधिक हो गया था। उनके मुताबिक वैश्विक स्तर पर 2 अरब से अधिक लोगों (विश्व आबादी का 25 प्रतिशत) ने 30 या अधिक दिनों तक अत्यधिक गर्मी का अनुभव किया, जो कि संभवत: जलवायु परिवर्तन के कारण कम से कम 3 गुना अधिक हो गई।

 
भारत के कई शहरों में जलवायु परिवर्तन से तापमान काफी अधिक महसूस किया गया। तिरुवनंतपुरम, वसई-विरार, कावारत्ती, ठाणे, मुंबई और पोर्ट ब्लेयर जैसे शहर सबसे अधिक प्रभावित हुए। इनमें से प्रत्येक में जलवायु परिवर्तन के कारण 70 से अधिक दिनों तक कम से कम 3 गुना ज्यादा गर्मी पड़ी।
 
मुंबई में जलवायु परिवर्तन के कारण 54 दिन भीषण गर्मी दर्ज की गई। इस बीच कानपुर और दिल्ली में लंबे समय तक खतरनाक गर्मी महसूस की गई और औसत तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। रिपोर्ट के मुताबिक जलवायु परिवर्तन के चलते यह असर देखा गया।
 
'क्लाईमेट सेंट्रल' में विज्ञान विभाग के उपाध्यक्ष एंड्रयू पर्शिंग ने कहा कि भीषण गर्मी स्पष्ट रूप से जलवायु परिवर्तन का नतीजा है और इसने उन 3 महीनों के दौरान दुनियाभर के अरबों लोगों के स्वास्थ्य को खतरे में डाल दिया।
 
क्लाईमेट एंड सस्टेनेबिलिटी इनिशिएटिव (सीएसआई) के कार्यकारी निदेशक वैभव प्रताप सिंह ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव देशभर के लोगों और व्यवसायों पर साफ दिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि हर साल हम बाढ़, सूखा और लू जैसी अधिक गंभीर जलवायु संबंधी घटनाओं का सामना कर रहे हैं। ये जीवन और आजीविका को खासा नुकसान पहुंचा रही हैं।
 
सिंह ने कहा कि यह आकलन करना महत्वपूर्ण है कि ग्लोबल वॉर्मिंग के विभिन्न स्तर से हमारे पर्यावरण पर क्या असर पड़ रहा है और साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि यह कृषि सहित लोगों, नौकरियों और उद्योगों को कैसे प्रभावित कर रहा है। इससे हमें विभिन्न क्षेत्रों के लिए विशिष्ट अनुकूलन आवश्यकताओं की पहचान करने में मदद मिलेगी। साल 2023-24 में अल नीनो और मानवजनित जलवायु परिवर्तन के संयुक्त प्रभाव के कारण दुनिया मौसम के चरम रूप को देख रही है।
 
जनवरी-अगस्त की अवधि के लिए वैश्विक तापमान 1991-2020 के औसत से 0.70 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किए जाने के साथ वैज्ञानिकों ने कहा है कि इस बात की संभावना बढ़ गई है कि 2024 के नाम सबसे गर्म वर्ष होने का रिकॉर्ड दर्ज होगा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार भारत में इस गर्मी में 536 दिनों तक लू चली, जो 14 वर्षों में सबसे अधिक है। विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में 1901 के बाद से जून का महीना सबसे गर्म दर्ज किया गया।(एजेंसियां)(Photo courtesy: IMD)
 
Edited by: Ravindra Gupta
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