गणेश विसर्जन के दिन चढ़ाएं ये 2 भोग, प्रसन्न होकर देंगे खुशहाली का वरदान
सामग्री : 200 ग्राम चने की दाल, 300 ग्राम आटा, 300 ग्राम शकर, 6-7 पिसी हुई इलायची, 2 ग्राम जायफल, 8-10 केसर के लच्छे, 300 ग्राम शुद्ध घी।
विधि : सबसे पहले एक प्रेशर कुकर में चने की दाल को अच्छी तरह से धोकर, दाल से डबल पानी लेकर कम आंच पर 30 से 35 मिनट पकने दें। 2-3 सीटी लेने के बाद गैस बंद कर दें। कुकर ठंडा होने के बाद चना दाल को स्टील की छन्नी में निकाल लें ताकि उसका सारा पानी निकल जाए। दाल जब ठंडी हो जाए, तब उसमें 300 ग्राम शकर में से 150 ग्राम शकर मिलाकर मिक्सी में पीस लें। पीसी हुई दाल के मिश्रण को एक कड़ाही में निकालकर उसमें बची हुई 150 ग्राम शकर भी मिला दें। इस प्रकार पूरी 300 ग्राम शकर भी मिला दें।
अब इस मिश्रण को कम आंच पर औटाएं यानी तब तक पकाएं, जब तक पूरन की गोली न बनने लगे। जब पूरन बन जाए तब आंच से उतार लें और ठंडा करें। ऊपर से जायफल, इलायची, केसर डालकर मिश्रण के आवश्यकतानुसार 10-12 गोले बना लें।
एक थाली में मैदे की छन्नी से छना आटा लें। उसमें 1 बड़ा चम्मच शुद्ध घी का मोयन डालकर रोटी के आटे जैसा गूंथ लें। इसकी छोटी-छोटी लोइयां बनाकर 1-1 लोई में 1-1 पूरन का गोला रखकर आटा लगाकर मोटी रोटी की तरह बेल लें। अब गरम तवे पर धीमी आंच पर शुद्ध घी लगाकर दोनों तरफ गुलाबी सेंक लें। अब तैयार पूरनपोली का श्री गणेश को भोग लगाकर बिदा करें।
श्रीखंड
सामग्री : 2 किलो ताजा दही, मेवे की कतरन, 1/2 चम्मच जायफल पाउडर, कुछेक लच्छे केसर, 1 छोटा चम्मच इलायची पाउडर, शकर स्वादानुसार।
विधि : सबसे पहले ताजा दही को एक दिन पहले मलमल के कपड़े में बांधकर लटका दें। दूसरे दिन पूरा पानी निथर जाने पर उतार लें। अब इसमें शकर मिलाकर कुछ देर के लिए रख दें। शकर घुल जाने पर किसी बर्तन पर मलमल का बारीक कपड़ा बांधकर इसे छान लें।
आधे चम्मच दूध में केसर डालकर कुछ देर भीगे दो, फिर घोट लें। अब इलायची पाउडर, मेवे की कतरन, जायफल पाउडर और घोंटी हुई केसर मिलाकर अच्छी तरह मिक्स कर लें। अब तैयार श्रीखंड से भोग लगाएं।
इसके अलावा गणेश जी को प्रिय लड्डू और मोदक का भोग आज के दिन उन्हें अवश्य लगाएं।