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Last Updated : सोमवार, 24 जनवरी 2022 (14:01 IST)

मेरा भारत, मेरी संस्कृति : भारत को महान बनाती है ये खास बातें

मेरा भारत, मेरी संस्कृति : भारत को महान बनाती है ये खास बातें | 26 january republic day
Mera bharat mahan hai : 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर जानिए कि आखिर हम क्यों कहते हैं 'मेरा भारत महान'। ऐसी कौनसी बातें है तो भारत को महान बनाती है? ऋषि-मुनियों की भूमि भारत एक रहस्यमय देश है। आओ जानते हैं इसकी महानता के कारण।
 
 
1. अद्भुत प्रकृति : एक ओर समुद्र तो दूसरी ओर बर्फीले हिमालय है। एक ओर रेगिस्तान तो दूसरी ओर घने जंगल है। एक ओर ऊंचे-ऊंचे पहाड़ तो दूसरी ओर मैदानी इलाके हैं। प्रकृति के ऐसे सारे रंग किसी अन्य देश में नहीं है। भारतीय मौसम दुनिया के सभी देशों के मौसम से बेहतर है। सिर्फ यहीं पर प्रमुख रूप से चार ऋतुएं होती है। विदेशी यहां आकर भारत के वातावरण से मंत्रमुग्ध हो जाते हैं।
 
2. ऋषि-मुनि : सप्त ऋषियों के अलावा, कपिल, कणाद, गौतम, जैमिनि, व्यास, पतंजलि, बृहस्पति, अष्टावक्र, शंकराचार्य, गोरखनाथ, मत्स्येंद्र नाथ, जालंधर, गोगादेव, झुलेलाल, तेजाजी महाराज, संत नामदेव, संत ज्ञानेश्वर, रामानंद, कबीर, पीपा, रामसापीर बाबा रामदेव, पाबूजी, मेहाजी मांगलिया, हड़बू, रैदास, मीराबाई, गुरुनानक, धन्ना, तुलसीदास, दादू दयाल, मलूकदास, पलटू, चरणदास, सहजोबाई, दयाबाई, एकनाथ, तुकाराम, समर्थ रामदास, भीखा, वल्लभाचार्य, चैतन्य महाप्रभु, विट्ठलनाथ, संत सिंगाजी, हितहरिवंश, गुरु गोविंदसिंह, हरिदास, दूलनदास, महामति प्राणनाथ, शिरडी के साई बाबा, शैगांव के गजानन महाराज, रामकृष्‍ण परमहंस, स्वामी विवेकानंद, मेहर बाबा, दादा धूनी वाले, लाहड़ी महाशय, शीलनाथ बाबा, महर्षि अरविन्द, जे कृष्णमूर्ति, ओशो रजनीश, स्वामी प्रभुपाद, दयानंद सरस्वती, महर्षि महेश योगी, एनी बिसेंट, आनंद मूर्ति, दादा लेखराज, श्रीशिव दयाल सिंह, श्रीराम शर्मा आचार्य, देवहरा बाबा, नीम करौली बाबा आदि ऐसे हजारों साधु और संत हैं।
 
3. 'प्रथम मानव' : यूं तो मनुष्य विकासक्रम से मनुष्य बना, लेकिन कहते हैं कि मनुष्य प्रारंभ में भारत में ही रहता था। शोधानुसार सप्तचरुतीर्थ के पास वितस्ता नदी की शाखा देविका नदी के तट पर मनुष्य जाति की उत्पत्ति हुई। प्रथम सृष्टिकर्ता मानव को स्वायंभु मनु कहा गया।
 
4. 'प्रथम धर्म' : ऋग्वेद को संसार का प्रथम धर्मग्रंथ माना जाता है। ऋग्वेद को भारतीयों ने ही सरस्वती नदी के तट पर बैठकर लिखा गया। चार ऋषियों अग्नि, वायु, अंगिरा और आदित्य ने मिलकर ऋग्वेद के ज्ञान को वाचिक परंपरा में ढाला जो अभी तक जारी है। वेदों पर आधारित धर्म को ही सनातन वैदिक या हिन्दू धर्म कहा जाता है।
 
5. मोक्ष का दर्शन : योग, तप, षड् दर्शन और ध्यान ही धर्म और मोक्ष का मार्ग है। प्राचीन काल से ही साधु-संतों ने इसे प्रचारित किया। ऋषि पतंजलि ने इसे 'आष्टांग योग' नाम से सुव्यवस्थित किया। आष्टांग योग के बाहर धर्म, दर्शन और अध्यात्म की कल्पना नहीं की जा सकती।
6. मंदिर और गुफाएं : भारत में कई प्राचीन रहस्यमी मंदिर, स्तंभ, महल और गुफाएं हैं। बामियान, बाघ, अजंता-एलोरा, एलीफेंटा और भीमबेटका की गुफाएं। 12 ज्योतिर्लिंग, 51 शक्तिपीठ के अलावा कई चमत्कारिक मंदिर यहां देखे जा सकते हैं जिनके रहस्य को अभी तक उजागर नहीं किया गया है।
 
7. रहस्यमयी विद्याएं : प्राणविद्या, त्राटक, सम्मोहन, जादू, टोना, स्तंभन, इन्द्रजाल, तंत्र, मंत्र, यंत्र, चौकी बांधना, गार गिराना, सूक्ष्म शरीर से बाहर निकलना, पूर्वजन्म का ज्ञान होना, अंतर्ध्यान होना, त्रिकालदर्शी बनना, मृत संजीवनी विद्या, ज्योतिष, सामुद्रिक शास्त्र, वास्तु शास्त्र, हस्तरेखा, पानी बताना, धनुर्विद्या, अष्टसिद्धियां, नवनिधियां आदि सैंकड़ों विद्याओं का जन्म भारत में हुआ है।
 
8. रहस्यमय किताबें : उपनिषद की कथाएं, पंचतंत्र, बेताल या वेताल पच्चीसी, जातक कथाएं, सिंहासन बत्तीसी, हितोपदेश, कथासरित्सागर, तेनालीराम की कहानियां, शुकसप्तति, कामसूत्र, कामशास्त्र, रावण संहिता, भृगु संहिता, लाल किताब, संस्कृत सुभाषित, विमान शास्त्र, योग सूत्र, परमाणु शास्त्र, शुल्ब सूत्र, श्रौतसूत्र, अगस्त्य संहिता, सिद्धांतशिरोमणि, चरक संहिता, सुश्रुत संहिता, च्यवन संहिता, शरीर शास्त्र, गर्भशास्त्र, रक्ताभिसरण शास्त्र, औषधि शास्त्र, रस रत्नाकर, रसेन्द्र मंगल, कक्षपुटतंत्र, आरोग्य मंजरी, योग सार, योगाष्टक, अष्टाध्यायी, त्रिपिटक, जिन सूत्र, समयसार, लीलावती, करण कुतूहल, कौटिल्य के अर्थशास्त्र, आदि लाखों ऐसी किताबें हैं जिनके दम पर आज विज्ञान, तकनीक आदि सभी क्षेत्रों में प्रगति हो रही है।
 
9. अद्भुत कलाएं : कलारिपट्टू (मार्शल आर्ट), भाषा, लेखन, नाट्य, गीत, संगीत, नौटंकी, तमाशा, स्थापत्यकला, चित्रकला, मूर्तिकला, पाक कला, साहित्य, बेल-बूटे बनाना, नृत्य, कपड़े और गहने बनाना, सुगंधित वस्तुएं-इत्र, तेल बनाना, नगर निर्माण, सूई का काम, बढ़ई की कारीगरी, पीने और खाने के पदार्थ बनाना, पाक कला, सोने, चांदी, हीरे-पन्ने आदि रत्नों की परीक्षा करना, तोता-मैना आदि की बोलियां बोलना आदि कलाओं का जन्म भारत में हुआ है।
 
10. खेल : शतरंज, फुटबॉल, कबड्डी, सांप-सीढी का खेल, ताश का खेल, तलवारबाजी, घुड़सवारी, धनुर्विद्या, युद्ध कला, खो-खो, चौपड़ पासा, रथ दौड़, नौका दौड़, मल्ल-युद्ध, कुश्ती, तैराकी, भाला फेंक, आखेट, छिपाछई, पिद्दू, चर-भर, शेर-बकरी, चक-चक चालनी, समुद्र पहाड़, दड़ी दोटा, गिल्ली-डंडा, किकली (रस्सीकूद), मुर्ग युद्ध, बटेर युद्ध, अंग-भंग-चौक-चंग, गोल-गोलधानी, सितौलिया, अंटी-कंचे, पकड़मपाटी, पोलो या सगोल कंगजेट, तीरंदाजी, हॉकी, गंजिफा, आदि खेलों का जन्म भारत में हुआ।
 
11. अविष्कार : पहिया, बटन, रूलर स्केल, शैम्पू, विमान, नौका, जहाज, व्यंजन, रथ, बैलगाड़ी, भाषा, व्याकरण, शून्य और दशमलव, शल्य चिकित्सा, हीरे का खनन, खेती करना, रेडियो, बिनारी कोड, स्याही, धातुओं की खोज, प्लास्टिक सर्जरी, अस्त्र-शश्त्र, बिजली, ज्यामिती, गुरुत्वाकर्षन का नियम, आयुर्वेद चिकित्सा, पृथ्वी का सूर्य का चक्कर लगाना, ब्रह्मांड की लंबाई चौड़ाई नापना, कैलेंडर, पंचांग, परमाणु सिद्धांत, वाद्ययंत्र, पाई के मूल्य की गणना, लोकतंत्र, साम्यवाद आदि का अविष्कार भारत में हुआ।
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