• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. धार्मिक आलेख
  4. Lightning Crisis
Written By

तमसो मा ज्योतिर्गमय : अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो

तमसो मा ज्योतिर्गमय : अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो - Lightning Crisis
हिन्दू धर्म में प्रकाश का बहुत महत्व है। प्रकाश के भी कुछ प्रकार बताए गए हैं। परमात्मा और आत्मा का प्रकाश ऐसा होता है जिसे प्रकाशित होने के लिए किसी ईंधन या ऊर्जा की जरूरत नहीं होती है। हमारे जीवन में प्रकाश का बहुत महत्व है, परंतु भारत इस समय ऐतिहासिक बिजली संकट के कगार पर खड़ा है। भारत में 70 फीसदी से अधिक बिजली कोयले से उत्पादित होती है, परंतु अब कोयले का संकट गहरा रहा है। ऐसे में भारत में ऐतिहासिक बिजली संकट पैदा होने की आशंका बढ़ गई है।
 
जीवन में प्रकाश का बहुत महत्व है। जीवन में स्वस्थ रहने के लिए जितनी शुद्ध हवा आवश्यक है, उतना ही प्रकाश भी आवश्यक है। प्रकाश में मानव शरीर के कमजोर अंगों को पुनः सशक्त और सक्रिय बनाने की अद्भुत क्षमता है। बिजली से जहां घर-बाजार रोशन होते हैं, वहीं इससे कई तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण भी संचालित होते हैं। बिजली अर्थव्यवस्था के साथ ही हमारे आधुनिक होने का एक महत्वपूर्ण अंग है। इसके नहीं रहने से जीवन बेपटरी हो जाएगा।
 
 
शुक्ल यजुर्वेद से जुड़े एक उपनिषद बृहदारण्यक उपनिषद में एक बहुत ही सुंदर और प्रसिद्ध श्लोक है।
 
'असतो मा सद्गमय, तमसो मा ज्योतिर्गमय, मृत्यर्मा मा अमृत गमय।' -बृहदारण्यक उपनिषद
अर्थात हमें असत्य से सत्य की ओर ले चलो। अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो। मृत्यु से अमरता की ओर ले चलो॥
सत्य से ही जीवन प्रकाशित होता है और अमरता प्राप्त करना अर्थात हमेशा के लिए अज्ञान के अंधकार को दूर करना होता है। हिन्दू धर्म के कई त्योहार प्रकाश से ही जुड़े हुए हैं। दीपोत्सव का एक टिपटिमाता दीपक भी अनंत दूर तक फैले अंधकार को मिटाने की ताकत रखता है। जीवन में कितना ही घना अंधियारा हो, प्रकाश की चाह कभी न छोड़ें।
 
 
हमें हमेशा जीवन या संसार के अंधकार से प्रकाश की ओर बढ़ते रहने चाहिए। 'तमसो मा ज्योतिर्गमय' का सामान्य अर्थ यह है कि अंधकार से प्रकाश की ओर चलो, बढ़ो। आज का मानव भले ही इसका गूढ़ार्थ नहीं समझे, परंतु उस काल के हमारे ऋषि-मुनियों ने जीवन में प्रकाश के महत्व को समझकर इसके बारे में बहुत कुछ लिखा था। आज का विज्ञान भी इस बात को मानता है कि मनुष्य के जीवन में प्रकाश का क्या महत्व है?
 
हिन्दू धर्म में इसीलिए सूर्य को 'जगत की आत्मा' कहा गया है, जो हमारे ब्रह्मांड को प्रकाशित करता है। उसके प्रकाश के कारण ही धरती पर जीवन संचालित हो रहा है। आप कल्पना करें कि यदि सूर्य एक दिन अचानक कहीं गायब हो जाएगा तो इस धरती पर जीवन का क्या होगा? कब तक मानव जिंदा रह पाएगा? इसीलिए हिन्दू धर्म में सूर्य से जुड़े कई त्योहार हैं, जैसे मकर संक्रांति, छठ पर्व, रथ सप्तमी, कुंभ पर्व आदि।
 
 
हिन्दू धर्म में सूर्य पूजा का बहुत महत्व है। श्रीराम, बालि, हनुमान से लेकर श्रीकृष्ण और कर्ण तक सभी सूर्य की उपासना करते थे। सूर्य उपासना से ही शक्ति प्राप्त होती है। जिस तरह सूर्य की प्रात: रश्मियों से रात का अंधकार विलुप्त हो जाता है, उसी तरह मानव रात के अंधेरे को बिजली जैसे साधनों से दूर करने में लगा है। हजारों वर्षों के बाद मनुष्य ने अंधकार के युग को त्यागकर प्रकाश के युग में प्रवेश किया है। अंधकार से युक्त जीवन, मृत्यु के समान ही है। इसीलिए कहा गया है- तमसो मा ज्योतिर्गमय।

- वेबदुनिया डेस्क
ये भी पढ़ें
कर्क,तुला व मकर राशि वाले सावधान, आज सितारे कर सकते हैं परेशान