ASA ने किया भारत बंद का आह्वान, सरना धर्म को मान्यता देने की मांग
Call for symbolic Bharat Bandh regarding Sarna religion : जनजातीय संगठन आदिवासी सेंगेल अभियान (ASA) ने बुधवार को सरना धर्म को मान्यता देने की अपनी मांग के समर्थन में 30 दिसंबर को सांकेतिक भारत बंद का आह्वान किया। दावा किया जा रहा कि 1951 की जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग संहिता थी लेकिन कांग्रेस ने इसे बाद में समाप्त कर दिया, वहीं भाजपा अब आदिवासियों को वनवासी और हिंदू बनाने की कोशिश कर रही है।
एएसए के अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि सरना धर्म संहिता देश के 15 करोड़ आदिवासियों की पहचान है और इस आदिवासी समुदाय को धर्म की मान्यता नहीं देना संवैधानिक अपराध के समान है।
उन्होंने कहा कि समुदाय पर दूसरे धर्मों का पालन करने का दबाव बनाना उन्हें धर्म की दासता स्वीकार करने के लिए बाध्य करने की तरह है। मुर्मू ने कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी पर आदिवासियों को उनकी धार्मिक स्वतंत्रता से वंचित करने का आरोप लगाया।
उन्होंने दावा किया कि 1951 की जनगणना में सरना धर्म के लिए अलग संहिता थी लेकिन कांग्रेस ने इसे बाद में समाप्त कर दिया, वहीं भाजपा अब आदिवासियों को वनवासी और हिंदू बनाने की कोशिश कर रही है।
मुर्मू ने कहा कि एएसए आदिवासी समुदाय के हितों को सुरक्षित रखने के पक्ष में है। उन्होंने कहा, हम उस किसी भी पार्टी को वोट देंगे जो सरना धर्म को मान्यता देती है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour