पीएम मोदी बोले- पूरी व्यवस्था को तबाह कर देती है वोट बैंक की राजनीति
अजमेर। वोट बैंक की राजनीति करने वालों पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को यहां कहा कि ऐसी राजनीति केवल चुनावों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि पूरी व्यवस्था को तबाह कर देती है।
मोदी ने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वाले हिन्दू, मुस्लिम, अगड़े, पिछड़े, शहर, गांव जैसे मुद्दों को लेकर समाज को बांटते हैं और नौकरशाही में भी उसी आधार पर भेदभाव करते हैं, जिससे शासन पूरी तरह प्रभावित हो जाता है। हम लोग वोट बैंक की राजनीति में नहीं, ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास रखते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश और दुनिया के लिए भले ही वे प्रधानमंत्री हों, लेकिन भाजपा के लिए अब भी एक आम कार्यकर्ता हैं और कार्यकर्ता के नाते पार्टी उन्हें जो भी काम सौंपेगी उसे वे जी-जान लगाकर करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने वोट बैंक को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कि जो लोग साठ साल तक सत्ता में विफल रहे वे विरोधी दल के रूप में भी विफल साबित हुए। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि बड़ी मुश्किल से साठ साल बाद देश ने एक दिशा पकड़ी है, अब उन्हें (समाज को बांटने वालों को) यहां झांकने का मौका भी मत दीजिए।
मोदी ने इस अवसर पर केन्द्र और प्रदेश की भाजपा सरकार के विकास कार्यों को गिनाया। उन्होंने कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी के कारण किसानों की आय 62 हजार करोड़ रुपए बढ़ने जा रही है और यह बढ़ोतरी हमेशा के लिए होगी।
उन्होंने कहा, पूर्वी नहर परियोजना का तकनीकी अध्ययन किया जा रहा है और केन्द्र सरकार सारे पहलुओं का लेखा-जोखा करने के बाद इस पर पूरी संवेदनशीलता के साथ फैसला करेगी।
राजस्थान में एक बार कांग्रेस और एक बार भाजपा सरकार आने की परंपरा का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि राजस्थान ने इस परंपरा को बदलने का फैसला कर लिया है।
उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय के उत्साह को देखते हुए कहा कि आप लोगों ने प्रदेश के भविष्य की हस्तरेखा आज लिख दी है। उन्होंने कहा कि हमारी दिशा सही है, नीति स्पष्ट है, हमारी नीयत पर कोई शक नहीं कर सकता। हम जी-जान से जुटते हैं। हमारे लिए 125 करोड़ ही हमारा परिवार है, उसी को लेकर आगे चल रहे हैं।
सर्जिकल स्ट्राइक के मुद्दे पर कांग्रेस की आलोचना करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस को ऐसी राजनीति और ऐसी सोच पर शर्म आनी चाहिए। मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की गौरव यात्रा के समापन पर अजमेर के कायड विश्राम स्थली में यह सभा रखी गई थी।