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Last Updated :राजौरी , मंगलवार, 23 सितम्बर 2025 (00:17 IST)

Operation Sindoor : पाकिस्तानी हमलों के पीड़ितों से नाना पाटेकर ने की मुलाकात, सामने आईं भावुक करने वाली तस्वीरें

Operation Sindoor
वरिष्ठ अभिनेता नाना पाटेकर पाकिस्तानी गोलाबारी के पीड़ितों को राहत सामग्री वितरित करने के दौरान सोमवार को भावुक हो गए। अपने गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) निर्मला गजानन फाउंडेशन की ओर से पाटेकर ने मई में हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान  पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई का खामियाजा भुगतने वाले पुंछ और राजौरी जिलों के सीमावर्ती इलाकों के निवासियों से मुलाकात की।
अभिनेता पाटेकर ने फिल्म ‘प्रहार’ में सेना के मेजर की भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि वह स्वयं उस 11 वर्षीय लड़की की  शिक्षा का खर्च उठा रहे हैं जिसने पुंछ में हुई गोलाबारी में अपने पिता अमरीक सिंह को खो दिया था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान 7 से 10 मई के बीच अपने परिवार के किसी सदस्य को खो चुके या फिर अपने घर पर किसी तरह  का नुकसान झेल चुके 117 परिवारों को नाना पाटेकर ने 42 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की
 
पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकवादियों द्वारा हमला कर 26 लोगों की हत्या कर दी गई थी और मारे गए अधिकतर लोग  पर्यटक थे। इसके बाद भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के जवाब में पाकिस्तान में आतंकवादियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए ‘ऑपरेशन  सिंदूर’ शुरू किया। इस दौरान नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तानी सेना द्वारा की गई जवाबी गोलाबारी, मिसाइल हमलों और ड्रोन हमलों में कम से कम 28  लोग मारे गए।
पाटेकर ने कहा कि यह उन परिवारों के लिए एक छोटा सा योगदान है जो हमारे अपने हैं और केवल इसलिए कष्ट झेल रहे हैं  क्योंकि वे सीमाओं पर रह रहे हैं। हम उन्हें संदेश देना चाहते हैं कि वे अकेले नहीं हैं।’’ पाटेकर के साथ 25वीं इन्फैंट्री डिवीजन के जनरल ऑफिसर कमांडिंग मेजर जनरल कौशिक मुखर्जी और राजौरी के उपायुक्त  अभिषेक शर्मा भी मौजूद थे। अभिनेता ने फिल्म उद्योग से अमिताभ बच्चन और जॉनी लीवर का भी नाम लिया जो परोपकारी कार्यों में योगदान देते हैं।
पाटेकर ने कहा कि हालांकि वह पहली बार राजौरी आए हैं लेकिन उन्होंने 1999 के कारगिल युद्ध में अपना योगदान दिया था और  जम्मू कश्मीर के विभिन्न भागों में भी गए थे। पद्मश्री पुरस्कार विजेता पाटेकर (74) ने कहा कि उनके एनजीओ ने शिक्षा मानकों और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए 48 सेना  सद्भावना स्कूलों को गोद लिया है जिनमें से 28 कश्मीर में, सात लद्दाख में और बाकी जम्मू में हैं।
 
जम्मू-पुंछ राष्ट्रीय राजमार्ग की खराब स्थिति के बारे में उन्होंने कहा, ‘‘मैं सीमावर्ती निवासियों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने के लिए इसके तत्काल रखरखाव के लिए दिल्ली में संबंधित विभागों के समक्ष यह मुद्दा उठाऊंगा। एजेंसियां Edited by : Sudhir Sharma
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