AAP नेता सौरभ भारद्वाज का भारतीय कप्तान सूर्यकुमार के लिए तीखा वार, 'औकात है तो दे दो [VIDEO]
एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए हाई-वोल्टेज मैच ने मैदान के बाहर भी गर्मी बढ़ा दी है। इस मुकाबले को लेकर अब राजनीति शुरू हो गई है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bharadwaj) ने भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव (Suryakumar Yadav) और बीसीसीआई पर तीखा हमला बोला है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में सौरभ भारद्वाज ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा: "सूर्यकुमार यादव अगर तुम्हारी औकात है, तुम्हारी बीसीसीआई की औकात है और तुम्हारी आईसीसी की औकात है तो तुम्हें दूसरी चुनौती भी देते हैं। जितना पैसा तुमने इस प्रसारण अधिकार (Broadcasting Rights) से कमाया है, विज्ञापनदाताओं से कमाया है और क्रिकेट से कमाया है दे दो हमें शहीदों की विधवाओं को उन 26 औरतों को। हम भी मान जाएंगे तुमने डेडिकेट किया है।”
उन्होंने कहा कि अगर खिलाड़ी सच में शहीदों के प्रति समर्पित हैं, तो उन्हें सिर्फ बातें नहीं करनी चाहिए, बल्कि पाकिस्तान के खिलाफ इस मैच से मिले प्रसारण और विज्ञापन के सभी पैसे उन विधवाओं को दान कर देने चाहिए जिनके पति पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए।
वहीं मैच के बाद भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने इस जीत को देश के सशस्त्र बलों को समर्पित किया। उन्होंने कहा:
“हम इस जीत को अपने बहादुर जवानों और उनके परिवारों को समर्पित करते हैं। हम पीड़ित परिवारों के साथ खड़े हैं और उनकी मजबूती हमें मैदान पर प्रेरित करती है।”
सूर्यकुमार ने यह भी कहा: मुझे लगता है कि यह एक बेहतरीन मौका है मैं कहना चाहता हूं कि हम पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं और अपनी एकजुटता व्यक्त करते हैं।
उन्होंने कहा, मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम आज की जीत अपने सभी सशस्त्र बलों को समर्पित करना चाहते हैं जिन्होंने अदम्य साहस दिखाया और आशा करते हैं कि वे हमें प्रेरित करते रहेंगे और जब भी हमें मौका मिले, हम उन्हें मैदान पर मुस्कुराने का और भी कारण देंगे।
सौरभ भारद्वाज के इस बयान की सोशल मीडिया पर कई जगह कड़ी आलोचना भी हुई, कुछ लोगों ने कहा कि उन्हें भारतीय कप्तान के लिए "औकात" जैसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए था। यह बयान वायरल होने के बाद उन्होंने X (पूर्व Twitter) पर पोस्ट कर लिखा,
"मैंने जो कहा है, उस पर क़ायम हूँ , खिलाड़ी हो, खेल खेलो, पैसे भी कमाओ। मगर आतंकवादी देश के साथ खेल के बाद शहीदों के नाम पर पॉलिटिक्स मत खेलो।भाजपा सरकार की स्क्रिप्ट मत सुनाओ। “हमारी जीत शहीदों को समर्पित” वाला ज्ञान अगर किसी शहीद की विधवा या बुजुर्ग माँ के सामने दिया होता तो वो वहीं दिमाग़ ठीक कर देती।"