कांग्रेस के 'चाणक्य' के आगे बागी हुए सरेंडर, उम्मीदवारों ने ली राहत की सांस
भोपाल। चुनाव में टिकट बंटवारे के बाद बागी उम्मीदवारों से निपटना पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती साबित होता है। ऐसे में बागी नेताओं को मनाना आसान काम नहीं है, लेकिन मध्यप्रदेश में कांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद बागी हुए 50 से अधिक नेताओं को जिस तरह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मना लिया है, उससे एक बार उन्होंने साबित कर दिया है कि उन्हें सियासत का चाणक्य क्यों कहा जाता है।
कांग्रेस ने पार्टी से बागी उम्मीदवारों को मनाने की जो जिम्मेदारी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंपी थी, उस काम में दिग्विजय सिंह पूरी तरह कामयाब होते दिख रहे हैं। कांग्रेस में टिकट बंटवारे के बाद भोपाल में सबसे ज्यादा बगावत देखने को मिली थी। बागी नेताओं को मनाने के लिए खुद दिग्विजय सिंह ने मोर्चा संभालते हुए एक-एक कर सभी दागी नेताओं को पार्टी के उम्मीदवारों के साथ कर लिया।
प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में तीन दिन से डेरा डालकर बैठे दिग्गी सभी बागियों को एक-एक कर बुलाकर समझाइश दे रहे हैं। इस दौरान दिग्विजय सिंह अपनी ही स्टाइल में नेताओं को मना रहे है और जो नहीं मान रहे, उनके घर जाकर पार्टी के प्रत्याशी के लिए काम में जुट जाने की बात कह रहे हैं।
दिग्विजय सिंह सबसे पहले दक्षिण पश्चिम सीट पर बागी हुए पार्टी के नेता संजीव सक्सेना को समझाने उनके घर पहुंचे। दिग्विजय की समझाइश का असर इतना अधिक हुआ कि संजीव सक्सेना ने बकायदा रैली कर कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा के समर्थन का ऐलान किया।
इसके बाद दिग्विजय सिंह ने भोपाल की मध्य सीट पर बागी नेताओं को टारगेट किया। इस सीट पर कांग्रेस की तरफ से आरिफ मसूद का नाम फाइनल होने के बाद से कांग्रेस में सबसे ज्यादा बगावत देखने को मिली। टिकट बंटते ही प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में जमकर हंगामा भी हुआ।
कांग्रेस के तीन पुराने मुस्लिम नेता साजिद अली, मुनव्वर कौसर, नासिर इस्लाम ने मसूद के विरोध में नामांकन भी दाखिल कर दिया। इस सीट पर सियासी समीकरण बिगड़ता देख दिग्विजय ने खुद मोर्चा संभाला। दिग्विजय की समझाइश के बाद अब ये तीनों नेता पीछे हटने को तैयार हो गए हैं, वहीं कांग्रेस की परंपरागत सीट भोपाल उत्तर सीट पर इस बार निर्दलीय पार्षद मोहम्मद साऊद ने आरिफ अकील के सामने पर्चा भरने के बाद कांग्रेस को होने वाले नुकसान को देखते हुए दिग्विजय ने मोहम्मद साऊद को कांग्रेस में शामिल करवाया।
इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह भाजपा के गढ़ में सेंध लगाते हुए हुजूर में भाजपा के बागी श्याम सिंह मीणा को कांग्रेस में शामिल कर भाजपा के वर्तमान विधायक रामेश्वर शर्मा की मुश्किल बढ़ा दी है, वहीं गोविंदपुरा विधानसभा सीट में भी दिग्विजय ने विरोधी दल के नेताओं को कांग्रेस में शामिल करके ये बता दिया कि उन्हें ऐसे नहीं राजनीति का चाणक्य कहा जाता है।
दिग्विजय की समझाइश के बाद निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले जतारा विधायक दिनेश अहिरवार भी नाम वापसी के लिए तैयार हो गए है। इंदौर एक सीट पर बागी हुए कांग्रेस की नेता प्रीति अग्निहोत्री और कमलेश खंडेलवाल को मनाने का दौर अब भी जारी है। दिग्विजय की तरफ से पार्टी के बड़े नेता महेश जोशी भी कमलेश खंडेलवाल को मनाने पहुंचे थे, वहीं इंदौर 5 सीट से बागी हुए छोटे यादव को मनाने के लिए दिग्विजय सिंह ने फोन पर छोटे यादव से बात की है। पार्टी को उम्मीद है कि दिग्विजय सिंह इंदौर में पार्टी के संकट को पूरी तरह निपटा लेंगे।