शुक्रवार, 15 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. महाभारत
  4. क्या कर्ण के वैवस्वत मनु, यमराज और शनिदेव भाई थे?
Written By अनिरुद्ध जोशी
Last Updated : शनिवार, 6 जून 2020 (15:51 IST)

क्या कर्ण के वैवस्वत मनु, यमराज और शनिदेव भाई थे?

Karna and shanidev | क्या कर्ण के वैवस्वत मनु, यमराज और शनिदेव भाई थे?
हिन्दू पुराण और महाभारत में कई रहस्य छिपे हुए हैं। उन्हें जानना और समझने बहुत ही कठिन है। पुराणों के जानकार मानते हैं कि वैवस्वत मनु, यमराज और शनिदेव और महाभारत के कर्ण भाई भाई थे।
 
 
1.वैवस्वत मनु और यमराज- विश्वकर्मा की पुत्री संज्ञा विवस्वान् अर्थात सूर्य की पत्नी हुई। उसके गर्भ से सूर्य ने तीन संतानें उत्पन्न की। जिनमें एक कन्या और दो पुत्र थे। सबसे पहले प्रजापति श्राद्धदेव, जिन्हें वैवस्वत मनु कहते हैं, उत्पन्न हुए। तत्पश्चात यम और यमुना- ये जुड़वीं संतानें हुईं। 
 
2.शनिदेव- भगवान सूर्य की तूसरी पत्नी छाया थीं। छाया को संज्ञा की छाया ही माना जाता था। छाया से ही शनिदेव का जन्म हुआ था।
 
3.कर्ण : सूर्य पुत्र कर्ण को महाभारत का एक महत्वपूर्ण योद्धा माना जाता है। कर्ण के धर्मपिता तो पांडु थे, लेकिन पालक पिता अधिरथ और पालक माता राधा थी। राजा शूरसेन की पुत्री कुंती अपने महल में आए महात्माओं की सेवा करती थी। एक बार वहां ऋषि दुर्वासा भी पधारे। कुंती की सेवा से प्रसन्न होकर दुर्वासा ने कहा, 'पुत्री! मैं तुम्हारी सेवा से अत्यंत प्रसन्न हुआ हूं अतः तुझे एक ऐसा मंत्र देता हूं जिसके प्रयोग से तू जिस देवता का स्मरण करेगी वह तत्काल तेरे समक्ष प्रकट होकर तेरी मनोकामना पूर्ण करेगा।' इस तरह कुंती को वह मंत्र मिल गया।
 
एक दिन कुंती के मन में आया कि क्यों न इस मंत्र की जांच कर ली जाए। कहीं यह यूं ही तो नहीं? तब उन्होंने एकांत में बैठकर उस मंत्र का जाप करते हुए सूर्यदेव का स्मरण किया। उसी क्षण सूर्यदेव प्रकट हो गए। कुंती हैरान-परेशान अब क्या करें?
 
सूर्यदेव ने कहा, 'देवी! मुझे बताओ कि तुम मुझसे किस वस्तु की अभिलाषा करती हो। मैं तुम्हारी अभिलाषा अवश्य पूर्ण करूंगा।' इस पर कुंती ने कहा, 'हे देव! मुझे आपसे किसी भी प्रकार की अभिलाषा नहीं है। मैंने मंत्र की सत्यता परखने के लिए जाप किया था।' कुंती के इन वचनों को सुनकर सूर्यदेव बोले, 'हे कुंती! मेरा आना व्यर्थ नहीं जा सकता। मैं तुम्हें एक अत्यंत पराक्रमी तथा दानशील पुत्र देता हूं।' इतना कहकर सूर्यदेव अंतर्ध्यान हो गए।
 
4. कर्ण के अन्य भाई- कुंति पुत्र कर्ण एक महान योद्ध था जो कौरवों की ओर से लड़ा था। कुंती श्रीकृष्ण के पिता वसुदेव की बहन और भगवान कृष्ण की बुआ थीं। कुंति का पुत्र होने के कारण कर्ण भगवान श्री कृष्ण का भाई था। इसके अलावा पांचों पांडव भी कर्ण के भाई ही थे।
ये भी पढ़ें
Mars Transit in Pisces 2020 : 18 जून को मंगल करेंगे मीन राशि में प्रवेश, जनिए सभी राशियों पर कैसा पड़ेगा प्रभाव