जेट एयरवेज के खाली पड़े स्लॉट को अन्य घरेलू एयरलांइस को देने का विचार
नई दिल्ली। सरकार जेट एयरवेज के लिए दिए गए उड़ानों के खाली पड़े समय को अंतरिम आधार पर दूसरी घरेलू एयरलाइनों को आवंटित कर सकती है।
केंद्र के एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार कहा कि जेटएयरवेज के संकट से रद्द उड़ानों की संख्या घटाने के उपायों पर विचार करते हुए यह बात सामने आई है।
नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज के कम से कम 47 विमान उड़ान नहीं भर रहे। इसका कारण पट्टा है कि कंपनी इन विमानों का किराया नहीं दे पा रही है। इसके अलावा कई अन्य विमान अन्य कारणों से परिचालन में नहीं है।
नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों ने विभिन्न घरेलू एयरलाइंस के प्रतिनिधियों के साथ बुधवार को बैठक की।
नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला ने कहा कि मंत्रालय जेट एयरवेज के साथ उसकी जरूरतों के बारे में चर्चा करेगा। इसमें उपयोग की जा रहा स्लॉट की संख्या शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि अंतरिम व्यवस्था के तहत व्यस्त हवाई अड्डों पर जेट एयरवेज के उपयोग नहीं हो रहे स्लॉट को अन्य घरेलू एयरलाइंस को दिए जाएंगे। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों में एयर इंडिया, स्पाइसजेट, गो एयर तथा इंडिगो के प्रतिनिधि शामिल थे।
एसबीआई ने कहा जेट को बचाने के लिए करेंगे हरसंभव प्रयास : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के चेयरमैन रजनीश कुमार ने बुधवार को कहा कि जेट एयरवेज के कर्जदाता संकट में फंसी एयरलाइन को परिचालन में बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
कुमार ने विमानन सचिव प्रदीप सिंह खरोला के साथ वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेन्द्र मिश्र से मुलाकात की। कुमार ने कहा कि जेट एयरवेज को परिचालन में बनाए रखने के लिए हरसंभव प्रयास किए जाएंगे।
एक सूत्र ने कहा कि बैंक प्रबंधन में बदलाव के जरिए जेट एयरवेज के लिए पुनरुद्धार योजना पर काम करने का प्रयास कर रहा है। जेट एयरवेज में नई कंपनी या इकाई को लाने के बारे में कुमार ने कहा कि किसी भी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि एतिहाद के साथ बातचीत जारी है। ऐसा नहीं है कि उन्होंने पूरी तरह से निर्णय कर लिया है कि वे बाहर होंगे। लेकिन कुछ शर्तें हैं जिसे वे चाहते हैं कि पूरी हों और यह कुछ और नहीं बल्कि यह है कि एयरलाइन का प्रबंधन पेशेवर तरीके से और बिना हस्तक्षेप के हो। एतिहाद के पास फिलहाल जेट एयरवेज में 24 प्रतिशत हिस्सेदारी है। सूत्र ने कहा कि जेट एयरवेज को परिचालन में बनाए रखना कर्जदाताओं तथा उपभोक्ताओं के हित में हैं।
जेट एयरवेज के पायलटों के संगठन ने मंगलवार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर उनके वेतन का भुगतान 31 मार्च तक नहीं होता है तो उड़ान रोक दी जाएगी। कुमार ने यह भी कहा कि जेट एयरवेज को ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवाला संहिता (आईबीसी) के अंतर्गत ले जाना अंतिम विकल्प है।