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Last Modified: नई दिल्ली , गुरुवार, 11 जनवरी 2024 (21:13 IST)

अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.3 फीसदी, विनिवेश 50 हजार करोड़ से कम का अनुमान

अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.3 फीसदी, विनिवेश 50 हजार करोड़ से कम का अनुमान - Fiscal deficit in interim budget 5.3 percent
  • 2025-26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत रखा जा सकता है
  • संसद में 1 फरवरी को पेश होगा अंतरिम बजट
  • सरकार की उधारी को दर्शाता है राजकोषीय घाटा
Fiscal deficit in interim budget 5.3 percent : रेटिंग एजेंसी इक्रा ने वित्त वर्ष 2024-25 के अंतरिम बजट में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत और विनिवेश लक्ष्य 50000 करोड़ रुपए से कम रखे जाने का अनुमान जताया है। राजकोषीय घाटा कुल राजस्व और व्यय के बीच अंतर को पाटने के लिए सरकार की उधारी को दर्शाता है।
 
इसके चालू वित्त वर्ष में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के छह प्रतिशत पर रहने का अनुमान है जो बीते वर्ष एक फरवरी को पेश बजट में 5.9 प्रतिशत के अनुमान से थोड़ा अधिक है। इक्रा ने 2024-25 के अंतरिम बजट को लेकर उम्मीद पर अपनी रिपोर्ट में कहा कि हालांकि प्रत्यक्ष कर और केंद्रीय जीएसटी संग्रह 2023-24 के बजट अनुमान से क्रमश: एक लाख करोड़ रुपए और 10000 करोड़ रुपए पार जाने का अनुमान है।
 
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण संसद में एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। इक्रा के अनुसार, केंद्र का पूंजी व्यय बजट अनुमान 10 लाख करोड़ रुपए से 75000 करोड़ रुपए कम रह सकता है। हालांकि इसके बावजूद यह सालाना आधार पर 26 प्रतिशत अधिक होगा।
हालांकि यह वृद्धि दर बजट में जताए गए पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 35.9 प्रतिशत के अनुमान से कम है। पूंजीगत व्यय 73200 करोड़ रुपए प्रति महीना रहा। यह 10 लाख करोड़ रुपए के बजटीय लक्ष्य के हिसाब से 83400 करोड़ रुपए औसत मासिक व्यय से कम है।
 
विनिवेश लक्ष्य के बारे में इक्रा ने कहा कि बाजार में सौदों के लिहाज से जारी अनिश्चितताओं को देखते हुए वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 50000 करोड़ रुपए से कम का लक्ष्य उपयुक्त लगता है। रेटिंग एजेंसी ने कहा, कुछ बड़ी कंपनियों के विनिवेश में देरी को देखते हुए 50000 करोड़ रुपए से कम का विनिवेश लक्ष्य उपयुक्त जान पड़ता है।
सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विनिवेश से अब तक 10000 करोड़ रुपए जुटाए हैं। यह पूरे वित्त वर्ष के लिए तय लक्ष्य 51000 करोड़ रुपए से कहीं कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023-24 में राजकोषीय घाटा निरपेक्ष रूप से संभवत: बजटीय लक्ष्य 17.9 लाख करोड़ रुपए के अनुमान से ऊपर नहीं जाएगा।
 
लेकिन जीडीपी के प्रतिशत के रूप में यह कुछ अधिक छह प्रतिशत हो सकता है। इसका कारण बाजार मूल्य पर जीडीपी है जिसके बजट अनुमान से कम रहने की संभावना है। इक्रा के अनुसार, अगले वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 5.3 प्रतिशत रखे जाने का अनुमान है, जबकि 2025-26 में राजकोषीय घाटे का लक्ष्य 4.5 प्रतिशत रखा जा सकता है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour 
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