एक बार गुप्ता अपनी बीवी के साथ ट्रेन में सफर कर रहा था ।
अचानक गुप्ता की बीवी को सर्दी लगने लगी तो उसने गुप्ता से खिड़की बंद करने के लिए कहा ।
गुप्ता खिड़की के पास गया और खिड़की को नीचे धकेलने लगा लेकिन खिड़की बंद नहीं हुई ।
तभी अचानक एक बूढा जो सामने की सीट पर बैठा था,
खिड़की के पास आया और एक झटके मे ही खिड़की को बंद करते हुए गुप्ता से बोला, "बेटा कुछ खा लिया करो"
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थोड़ी देर बाद
गुप्ता की बीवी गुप्ता से बोली, मुझे गर्मी लग रही है वो खिड़की खोल दो ।
गुप्ता खिड़की के पास गया और खिड़की खोलने का प्रयास किया लेकिन इस बार भी गुप्ता असफल रहा ।
तभी वही बूढा उठा और एक झटके में खिड़की खोलते हुए वही बात दोहराई, "बेटा कुछ खा लिया करो"
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गुप्ता को इस बात से शर्म महसूस हुई और उसने बदला लेने की सोची ।
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गुप्ता उठा और ट्रेन रुकने वाली चैन को पकड़कर ऐसे हाव भाव करने लगा कि मानो वह चैन को खींचना चाहता हो ।
तभी वही बुढा उठा और झट से चैन को खींच दिया और वही बात बोला, "बेटा कुछ खा लिया कर" .
ट्रेन रुक गई और टीटीई ने बिना कारण चैन खींचने पर बुढे को पकड़ लिया ।
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जब टीटीई बुढे को पकडकर ले जा रहा था तो बूढा गुस्से में गुप्ता की तरफ देखने लगा ।
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तभी गुप्ता मुस्कुराते हुए बोला,
"ताऊ जी थोड़ा कम खाया करो"