छठ पर सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान एवं विधि
Chhath puja 2023: इस बार छठ पर्व 17 नवंबर से 20 नवंबर 2023 के मध्य मनाया जाएगा। 19 नवंबर रविवार को छठ पूजा होगी और सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया जाता है। इस दिन सूर्य के साथ ही छठ मैया की पूजा होती है। मान्यता अनुसार इस दिन निःसंतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं छठ मैया।
छठ पूजा विधि विधान:-
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इस दिन संध्या के अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्य यानी जल अर्पण किया जाता है।
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इसके बाद छठी मैया की पूजा का भी विधान है।
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छठ पर्व में मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ-सफाई की जाती है।
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पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है।
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पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है।
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तत्पश्चात अलोना (बिना नमक का) भोजन किया जाता है।
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षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मंत्रों का उच्चारण करें।
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ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
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पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
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अर्घ्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढंक दें।
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तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।