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Last Updated : शुक्रवार, 17 नवंबर 2023 (12:31 IST)

छठ पर्व प्रारंभ: नहाय खाय पूजा के शुभ मुहूर्त और सांध्य अर्घ्य

छठ पर्व प्रारंभ: नहाय खाय पूजा के शुभ मुहूर्त और सांध्य अर्घ्य - Nahay khay chhath puja
Nahay khay chhath puja 2023: कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को छठ पूजा का त्योहार रहता है। इस दिन सूर्य देव एवं छठी मैया की पूजा की जाती है। इस बार छठ पर्व 17 नवंबर से 20 नवंबर 2020 के मध्य मनाया जाएगा। चार दिन के इस पर्व में पहला दिन नहाय खाये, दूसरा दिन खरना, तीसरा धर्म सांध्य अर्घ्‍य चौथे दिन उषा अर्घ्य का कार्य किया जाता है। छठ पूजा में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का प्रचलन और उन्हें अर्घ्य देने का विधान है। मान्यता अनुसार इस दिन निःसंतानों को संतान प्राप्ति का वरदान देती हैं छठ मैया।
 
  • 17 नवंबर : नहाय खाये (चतुर्थी) 
  • 18 नवंबर : खरना (पंचमी)
  • 19 नवंबर : संध्या अर्घ्य (षष्ठी)
  • 20 नवंबर : उषा अर्घ्‍य (सप्तमी)
 
1. नहाय खाये (पहला दिन) : पहले दिन नहाय खाये अर्थात साफ-सफाई और शुद्ध शाकाहारी भोजन सेवन का पालन किया जाता है। कार्तिक शुक्ल चतुर्थी अर्थात इसी दिन से छठ पर्व प्रारंभ हो जाता है। इस दिन से घर और शरीर को भीतर और बाहर से शुद्ध किया जाता है। किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन नहीं किया जाता है।
 
17 नवंबर : नहाय खाये (चतुर्थी):-
  • सूर्योदय : सुबह 06:45 पर।
  • सूर्यास्त : शाम 05:26 पर।
  • संध्या पूजा मुहूर्त : 17 नवंबर शाम 05:27 से 06:47 तक।
संध्या अर्घ्य:- 
  1. छठ का यह तीसरा दिन महत्वपूर्ण होता है। 
  2. इस दिन कार्तिक शुक्ल की षष्ठी होती है। 
  3. संध्या षष्ठी को अर्घ्य अर्थात संध्या के समय सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है और विधिवत पूजन किया जाता है।
  4. शाम को बांस की टोकरी में ठेकुआ, चावल के लड्डू और कुछ फल रखें जाते हैं और पूजा का सूप सजाया जाता है और तब सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और इसी दौरान सूर्य को जल एवं दूध चढ़ाकर प्रसाद भरे सूप से छठी मैया की पूजा भी की जाती है। 
  5. बाद में रात्रि को छठी माता के गीत गाए जाते हैं और व्रत कथा सुनी जाती है।
 
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