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Written By WD Feature Desk
Last Updated : मंगलवार, 5 नवंबर 2024 (16:43 IST)

छठ पूजा से जुड़ी ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप, जानें छठ व्रत से जुड़े रहस्य, पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं

छठ पूजा से जुड़ी ये 10 बातें नहीं जानते होंगे आप, जानें छठ व्रत से जुड़े रहस्य, पूजा विधि, महत्व और पौराणिक कथाएं - Chhath Puja History
Chhath Puja 2024: छठ पूजा भारत का एक प्रमुख पर्व है, विशेषकर बिहार, झारखंड, और उत्तर प्रदेश में इस पर्व को विशेष तौर पर मनाया जाता है। यह त्योहार सूर्य भगवान और छठी मैया की आराधना के लिए जाना जाता है। इस पूजा में श्रद्धालु सूर्य को अर्घ्य देकर परिवार के सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। आइए जानते हैं छठ पूजा से जुड़ी 10 अनजानी बातें जो शायद आप नहीं जानते होंगे।

1. छठ पूजा का इतिहास (History of Chhath Puja)
छठ पूजा की परंपरा कई प्राचीन कथाओं से जुड़ी है। मान्यता है कि रामायण और महाभारत के समय से यह पूजा की जाती रही है। जब भगवान राम और माता सीता अयोध्या लौटे, तो उन्होंने सूर्य को अर्घ्य देकर छठ पूजा की शुरुआत की थी।

2. छठी मैया की पूजा का महत्व (Importance of Chhathi Maiya)
छठ पूजा में छठी मैया का विशेष महत्व है। वह संतान सुख और परिवार की समृद्धि देने वाली देवी मानी जाती हैं। छठ पूजा में छठी मैया और सूर्य भगवान दोनों की आराधना की जाती है, जो जीवन में नई ऊर्जा और समृद्धि का प्रतीक है।
 
3. सूर्य भगवान को अर्घ्य देना (Offering Arghya to Sun God)
छठ पूजा में सूर्य को जल चढ़ाने की परंपरा है। श्रद्धालु सूर्यास्त और सूर्योदय के समय अर्घ्य देकर सूर्य भगवान से आशीर्वाद मांगते हैं। यह प्राचीन परंपरा न केवल धार्मिक रूप से बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी लाभकारी मानी जाती है।
 
4. 4 दिनों का कठिन व्रत (The Four-Day Strict Fast)
छठ पूजा का व्रत चार दिनों तक चलता है, जिसमें व्रती भोजन और जल का त्याग कर संयम का पालन करते हैं। इस व्रत में विशेष नियमों का पालन करना होता है और इसे कठिन माना जाता है।

5. नहाय-खाय का महत्व (Importance of Nahay-Khay)
छठ पूजा का पहला दिन नहाय-खाय के नाम से जाना जाता है। इस दिन व्रती स्नान करते हैं और शुद्ध शाकाहारी भोजन करते हैं। इस प्रक्रिया से मन और शरीर की शुद्धि होती है।

6. खरना का दिन (The Day of Kharna)
दूसरे दिन को खरना कहते हैं। इस दिन शाम को प्रसाद में गुड़ और चावल की खीर बनाई जाती है और व्रती इसे खाकर व्रत का संकल्प लेते हैं। इसके बाद व्रत के दौरान सिर्फ अर्घ्य के समय जल ग्रहण किया जाता है।

7. सूर्यास्त और सूर्योदय अर्घ्य (Evening and Morning Arghya)
छठ पूजा के तीसरे और चौथे दिन व्रती नदी, तालाब या अन्य जल स्रोत पर जाकर सूर्य को अर्घ्य देते हैं। यह सूर्यास्त और सूर्योदय अर्घ्य क्रमशः अंधकार से प्रकाश की ओर यात्रा का प्रतीक माना जाता है।

8. छठ के गीतों का महत्व (Importance of Chhath Songs)
छठ पूजा में पारंपरिक लोक गीतों का विशेष स्थान होता है। ये गीत छठ पूजा के महत्व को उजागर करते हैं और भक्तों को मानसिक रूप से इस पूजा से जोड़ते हैं। इन गीतों में छठी मैया और सूर्य देवता की महिमा का वर्णन होता है।

9. छठ पूजा की वैज्ञानिक मान्यता (Scientific Significance of Chhath Puja)
छठ पूजा को विज्ञान से भी जोड़ा गया है। सूर्य को अर्घ्य देने से सूर्य की ऊर्जा सीधे शरीर में प्रविष्ट होती है, जिससे स्वास्थ्य लाभ मिलता है। यह प्रक्रिया शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में भी सहायक होती है।

10. छठ पूजा का प्रसाद (The Sacred Prasad of Chhath Puja)
छठ पूजा में ठेकुआ, चावल के लड्डू, और फलों का प्रसाद तैयार किया जाता है। ये प्रसाद घर-घर में बांटे जाते हैं और इसका सेवन शुभ माना जाता है।

छठ पूजा न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह प्रकृति से जुड़ाव और परिवार की भलाई के लिए की जाने वाली साधना भी है। इस पूजा के दौरान व्रती कठिन तपस्या करते हैं और अपने मनोबल को मजबूत करते हैं। इस तरह छठ पूजा की हर एक परंपरा का अपना विशेष महत्व है, जो हमारे जीवन को सकारात्मकता और ऊर्जा से भर देता है।

 
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