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Written By WD Feature Desk
Last Updated : सोमवार, 4 नवंबर 2024 (14:13 IST)

Chhath puja date: छठ पूजा का महापर्व कब है, क्या है सूर्योदय और सूर्यास्त का समय?

Chhath puja date: छठ पूजा का महापर्व कब है, क्या है सूर्योदय और सूर्यास्त का समय? - Chhath puja suryoday time 2024
Chhath puja shubh muhurat 2024 time: 07 नवंबर 2024 से चार दिन चलने वाला छठ महोत्सव प्रारंभ होने वाला गया है। पहले दिन नहाय खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन सांध्य अर्घ्‍य और चौथे दिन उर्षा अर्घ्य की परंपरा है। इस दिन व्रत रखकर शाम को सूर्य देव को अर्घ्‍य अर्पित करके उनकी पूजा करते हैं इसके बाद अलगे दिन सुबह उषा अर्घ्य के साथ व्रत का पारण होगा। छठ पूजा को सूर्य षष्ठी, छठ, छठी, छठ पर्व, डाला पूजा तथा डाला छठ के नाम से भी जाना जाता है।
षष्ठी तिथि प्रारम्भ- 07 नवंबर 2024 को सुबह 12:41 से।
षष्ठी तिथि समाप्त- 08 नवंबर 2024 को सुबह 12:34 तक।
उदयातिथि अनुसार 07 नवंबर 2024 को छठ महोत्सव है।
सूर्योदय समय छठ पूजा के दिन- प्रात: 06:38 बजे।
सूर्यास्त समय छठ पूजा के दिन- शाम 05:32 बजे।
 
छठ पूजा विधि विधान:-
  • इस दिन संध्या के अस्त होते हुए सूर्य को अर्घ्‍य यानी जल अर्पण किया जाता है।
  • इसके बाद छठी मैया की पूजा का भी वि‍धान है।
  • छठ पर्व में मंदिरों में पूजा नहीं की जाती है और ना ही घर में साफ-सफाई की जाती है।
  • पर्व से दो दिन पूर्व चतुर्थी पर स्नानादि से निवृत्त होकर भोजन किया जाता है।
  • पंचमी को उपवास करके संध्याकाल में किसी तालाब या नदी में स्नान करके सूर्य भगवान को अर्घ्य दिया जाता है। 
  • तत्पश्चात अलोना (बिना नमक का) भोजन किया जाता है।
  • षष्ठी के दिन प्रात:काल स्नानादि के बाद संकल्प लिया जाता है। संकल्प लेते समय इन मंत्रों का उच्चारण करें। 
  • ॐ अद्य अमुक गोत्रो अमुक नामाहं मम सर्व पापनक्षयपूर्वक शरीरारोग्यार्थ श्री सूर्यनारायणदेवप्रसन्नार्थ श्री सूर्यषष्ठीव्रत करिष्ये।
  • पूरा दिन निराहार और नीरजा निर्जल रहकर पुनः नदी या तालाब पर जाकर स्नान किया जाता है और सूर्य देव को अर्घ्य दिया जाता है।
  • अर्घ्य देने की भी एक विधि होती है। एक बांस के सूप में केला एवं अन्य फल, अलोना प्रसाद, ईख आदि रखकर उसे पीले वस्त्र से ढंक दें।
  • तत्पश्चात दीप जलाकर सूप में रखें और सूप को दोनों हाथों में लेकर इस मंत्र का उच्चारण करते हुए तीन बार अस्त होते हुए सूर्य देव को अर्घ्य दें।
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