Ram Mandir News - अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं होंगे ये 12 दिग्गज, क्या है वजह?
- लोगों में राम मंदिर उद्घाटन समारोह को लेकर भारी उत्साह
-
इंडिया गठबंधन से जुड़े 8 बड़े नेताओं ने समारोह से बनाई दूरी
-
चारों शंकराचार्य भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में नहीं जाएंगे
Ayodhya Ram Mandir news : अयोध्या में 22 जनवरी को होने वाले राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर देशभर में उत्साह का माहौल है। सभी लोग चाहते हैं कि किसी तरह वे इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का हिस्सा बन जाएं। हालांकि कांग्रेस समेत कई राजनीतिक दलों ने इस कार्यक्रम से दूरी बना ली है। शंकराचार्यों समेत कई दिग्गज साधू-संत में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल नहीं हो रहे हैं।
'इंडिया' गठबंधन के कई नेताओं ने घोषणा कि है कि वो कार्यक्रम का हिस्सा नहीं बनेंगे। कांग्रेस ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और अधीर रंजन चौधरी इस इस समारोह का हिस्सा नहीं होंगे। पार्टी कहा कि यह कार्यक्रम भाजपा और संघ का है। यहां आधे-अधूरे मंदिर का उद्घाटन किया जा रहा है।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी इस बात के संकेत दिए हैं वे कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। कहा जा रहा था विहिप के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने उन्हें न्यौता भेजा था। हालांकि अखिलेश का कहना है कि मैं उन्हें नहीं जनता, न कभी उनसे मुलाकात हुई। हम जिनको जानते हैं उन्हीं से व्यवहार लेते हैं।
CPIM के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन में शामिल होने का निमंत्रण ठुकरा दिया था। पूर्व कांग्रेस नेता और राज्यसभा संसद कपिल सिब्बल भी कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे।
तृणमूल कांग्रेस की अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी कार्यक्रम में नहीं जाएंगी। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना भी समारोह में शिरकत नहीं करेगी। पार्टी के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा कि यह भाजपा के वर्चस्व वाला कार्यक्रम है। हमारा कोई भी कार्यकर्ता इसमें हिस्सा नहीं लेगा।
हैरानी की बात यह है कि चारों शंकराचार्यों ने प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से दूरी बना ली है। कुछ ही दिनों पहले पुरी पीठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा था कि क्या हम इस कार्यक्रम में ताली बजाने के लिए जाएंगे। शारदा पीठ के शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने भी प्राण प्रतिष्ठा के तौर तरीके पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम राम मंदिर का नहीं, बल्कि वोटों का है।
वहीं उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठ के जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में चारों शंकराचार्य नहीं जाएंगे। मंदिर अभी पूरी तरह से बना नहीं है, इसलिए आधे अधूरे मंदिर में भगवान को स्थापित किया जाना धर्म संम्मत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम एंटी मोदी नहीं है लेकिन हम एंटी धर्म शास्त्र भी नहीं होना चाहते।
Edited by : Nrapendra Gupta