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Last Modified: सोमवार, 31 जनवरी 2022 (10:35 IST)

सोमवती अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां

सोमवती अमावस्या पर भूलकर भी न करें ये 10 गलतियां - Somvati Amavasya Caution
Magh somvati Mauni amavasya 2022: 31 जनवरी 2022 सोमवार को सोमवती है और 1 फरवरी 2022 मंगलवार को मौनी अमावस्या है। प्रत्येक तिथि और वार का हमारे मन और मस्तिष्क पर गहरा असर पड़ता है। इस तिथि के प्रभाव को जानकर ही व्रत और त्योहारों को बनाया गया। आओ जानते हैं कि अमावस्या के दिन भूलकर भी कौनसी 10 गलतियां नहीं करना चाहिए।
 
 
1. इस दिन किसी भी प्रकार की तामसिक वस्तुओं का सेवन नहीं करना चाहिए। इस दिन हो सके तो उपवास रखना चाहिए। जानकार लोग तो यह कहते हैं कि चौदस, अमावस्या और प्रतिपदा उक्त 3 दिन पवित्र बने रहने में ही भलाई है। इस दिन शराब आदि नशे से भी दूर रहना चाहिए। इसके शरीर पर ही नहीं, आपके भविष्य पर भी दुष्परिणाम हो सकते हैं।
 
2. सोमवती अमावस्या के दिन सुई का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसे में इस दिन कपड़े सिलना या कटाई-बुनाई करने से बचना चाहिए। कहते हैं कि व्रती को व्रत अवधि में सूई के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिए।
 
3. इस दिन व्यक्ति में नकारात्मक सोच बढ़ जाती है। ऐसे में नकारात्मक शक्तियां उसे अपने प्रभाव में ले लेती है तो ऐसे में नकारात्मक बातें नहीं सोचना चाहिए। हनुमानजी का जप करते रहना चाहिए। अमावस्या के दिन ऐसे लोगों पर ज्यादा प्रभाव पड़ता है जो लोग अति भावुक होते हैं। अत: ऐसे लोगों को अपने मन पर कंट्रोल रखना चाहिए और पूजा पाठ आदि करना चाहिए।
 
4. इस दिन बाल नहीं काटना चाहिए। दाढ़ी बनाना और नाखून काटना भी वर्जित माना गया है। पलंग पर सोना भी नहीं चाहिए।
 
5. इस दिन पितरों, पिता, दादा और घर के बड़े बुढ़ों का अपमान नहीं करना चाहिए। अमावस्या के देवता हैं अर्यमा जो पितरों के प्रमुख हैं। अमावस्या में पितृगणों की पूजा करने, तर्पण श्राद्ध करने से वे सदैव प्रसन्न होकर प्रजावृद्धि, धन-रक्षा, आयु तथा बल-शक्ति प्रदान करते हैं। यह बलप्रदायक तिथि हैं।
 
7. इस दिन रात में कहीं घूमना नहीं चाहिए। खासकर महिलाओं को बाहर नहीं निकलना चाहिए। 
 
8. अमा‍वस्या के दिन भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, निशाचर जीव-जंतु और दैत्य ज्यादा सक्रिय और उन्मुक्त रहते हैं। ऐसे दिन की प्रकृति को जानकर विशेष सावधानी रखनी चाहिए। अमावस्या में दानवी आत्माएं ज्यादा सक्रिय रहती हैं, तब मनुष्यों में भी दानवी प्रवृत्ति का असर बढ़ जाता है इसीलिए उक्त दिनों के महत्वपूर्ण दिन में व्यक्ति के मन-मस्तिष्क को धर्म की ओर मोड़ दिया जाता है। ऐसे में नकारात्मक साहित्य पढ़ना, फिल्में देखना और इसी तरह की बातें करना वर्जित है।
 
9. सोमवती अमावस्या के दिन भोजन में नमक का उपयोग नहीं करना चाहिए। फलाहार करना बेहतर होता है। क्योंकि ऐसा करने से व्रत का फल नहीं मिलता है।  
 
10. यदि व्रत रख रहे हैं तो ऐसे में व्रती को व्रत के दौरान तकिया का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि तकिया में रूई का इस्तेमाल किया जाता है और सोमवती अमावस्या पर रूई को छूना भी निषेध है।
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