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Last Modified: सोमवार, 11 दिसंबर 2023 (16:13 IST)

Year ending 2023 : वर्ष 2023 में चर्चा में रहे ये 10 धर्मगुरु

Year ending 2023 : वर्ष 2023 में चर्चा में रहे ये 10 धर्मगुरु - Famous saints of the year 2023
Year End 2023: वर्ष 2023 समाप्त होने वाला है। वर्ष 2023 ने कोरोना की दहशत से छुटकारा पाकर एक नए जीवन की ओर कदम रखना प्रारंभ किया है। इससे पहले के वर्षों में इंटरनेट और सोशल मीडिया में कई तरह के संत और कथावाचकों ने अपना मुकाम हासिल किया था जो अब वर्ष 2023 में ग्राउंड लेवल पर ज्यादा सक्रिय रहे। इस वर्ष 5 संत या कथावाचक ऐसे रहे हैं जो पूरे वर्षभर चर्चा में रहे थे और आज भी चर्चा में हैं।
 
1. संत प्रेमानंद | sant premanand ji maharaj : पूरे वर्ष टॉप पर बने रहे संत प्रेमानंद महाराज जो बहुत निर्मल और सरल स्वभाव के संत हैं। वे वृंदावन में ही रहते हैं और उनके भजन एवं सत्संग को सुनने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। उनके दर्शन करने के लिए भी कई बड़े लोग आते रहते हैं। विराट कोहली और अनुष्का शर्मा, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत सहित सभी धर्मों के संत और गुरु भी उनके दर्शन करने के लिए उनके धाम पहुंचे हैं। प्रेमानंद जी के बचपन का नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. इनके पिता का नाम श्री शंभू पांडे और माता का नाम श्रीमती रामा देवी है। 13 वर्ष की उम्र से ही वे संत बने हुए हैं।
 
2. पंडित धीरेंद्र शास्त्री (बागेश्‍वर धाम) | Pandit Dhirendra Garg : दूसरे नंबर पर बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र गर्ग बहुत चर्चा में बने रहे हैं। कहते हैं कि वह लोगों के मन की बात जानकर उनकी समस्या का समाधान कर देते हैं। ऐसा दावा है कि रामकथा के साथ ही वे दिव्य दरबार लगाते हैं, जिसमें वे चमत्कारिक रूप से लोगों के दु:ख दूर करते हैं। धीरेंद्र गर्ग की चार्च देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है। ब्रिटेन और मॉरिशस में भी उनका दिव्य दरबार लग चुका है। 9 वर्ष की उम्र में ही वे हनुमानजी बालाजी सरकार की भक्ति, सेवा, साधना और पूजा करने लगे थे। कहते हैं कि इसी साधना का उन पर ऐसा असर हुआ की, बालाजी की कृपा से उन्हें लोगों के मन की बात पता चलने लगी। छतरपुर के पास एक गांव गढ़ा में बालाजी हनुमान का एक सिद्ध मंदिर।
 
3. जया किशोरी | jaya kishori i : वर्ष 2023 में कथावाचक जया किशोरी जी बहुत लोकप्रिय बनी रही। अब वे कथावचक से मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गई हैं। इनका पूरा नाम जया शर्मा है। 13 अप्रैल 1995 को सुजानगढ़ राजस्थान में उनका जन्म हुआ था। मात्र 26-27 साल की यह कथावाचक यूट्यूब पर भी बहुत प्रसिद्ध हैं। राजस्थान के श्री गौड़ ब्राह्मण परिवार में जन्मी जया किशोरी राजस्थानी हैं। इनके पिता का नाम शिव शंकर शर्मा, माता का नाम सोनिया शर्मा, छोटी बहन का नाम चेतना शर्मा है। जया किशोरी अपने दादा दादी से बहुत प्रभावित थीं। उनसे ही उन्हें धार्मिक शिक्षा मिली। वे उन्हें कहानियां सुनाते और भजन सिखाते थे। जया किशोरी ने बहुत ही कम उम्र में लोगों को भगवत गीता, नानी बाई का मायरा और नरसी की भात जैसी कथाओं को अपनी मधुर तथा मीठी वाणी से रोचक तरीके के सुनाकर प्रसिद्धि पाई है। जया किशोरी जी भजन गायिका भी हैं। 
4. सद्गुरु जग्गी वासुदेव | Sadhguru jaggi Vasudev: कर्नाटक में जन्में सद्गुरु जग्गी वासुदेव मोटिवेशनल स्पीकर के साथ ही योगा टीचर भी हैं और इसी के साथ वे एक लेखकर और कवि भी हैं। दुनियाभर में वे अपने विचारों ही नहीं कार्यों के लिए भी प्रसिद्ध हैं। फिर वह चाहे नदी या मिट्टी बचाने की मुहिम हो या वृक्ष लगाने की मुहिम। उनके ईशा फाउंडेशन ने हर क्षेत्र में कार्य किया। उन्हें सदगुरु भी कहा जाता है और वे  सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। उनके यूट्यूब हिन्दी चैनल पर करीब 6 मिलियन सब्सक्राइबर। अंग्रेजी सहित वे कई भाषाओं में उपलब्ध हैं। सद्गुरु जी के ट्विटर अकाउंट पर 4 मिलियन और इंस्टाग्राम पर 9 से अधिक मिलियन फॉलोअर्स हैं।
 
5. श्री श्री रविशंकर | Gurudev Sri Sri Ravi Shankar: तमिलनाडु में जन्में आध्यातिमक और मानववादी गुरु श्री श्री रविशंकर ने आर्ट ऑफ लिविंग एवं इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर ह्यूमन वैल्यूज के माध्यम से लाखों लोगों को प्रभावित किया। उन्होंने दुनियाभर में शांति वार्ताओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। दुनियाभर में उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित भी किया गया है। श्री श्री रविशंकर जी के इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर 2 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं।
 
6. गौर गोपाल दास | Gaur Gopal Das: महाराष्ट्र में जन्में मोटिवेशनल स्पीकर और कृष्ण भक्त संत गौर गोपाल दास वर्ष 2023 में अपने विचारों और धर्म की व्याख्या को लेकर बहुत चर्चा में रहे। पुणे से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारक संत गोपालदास इस्कॉन से जुड़े हुए हैं। यूट्यूब पर उनके 4 मिलियन से अधिक सब्सक्राइबर हैं। कई जगहों पर उन्हें मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में बुलाया जाता है।
 
7. पंडित प्रदीप मिश्रा | pandit pradeep mishra : भोपाल के पास सिरहोर के रहने वाले पंडित प्रदीप मिश्रा जी एक प्रसिद्ध भजन प्रस्तुतकर्ता और कथाकार हैं जो शिव महापुराण की कथाओं को कहने के लिए प्रसिद्ध होने के साथ ही उनके द्वारा बताए जा रहे छोटे छोटे उपायों के कारण में वे लोकप्रिय हैं। कई बार वे अपने विवादित बयानों के कारण भी चर्चा में रहे हैं। जहां भी उनकी कथा होती है वहां लाखों लोगों की भीड़ उमड़ती है। 
 
8. अनिरुद्धाचार्य जी महाराज | aniruddhacharya : वृंदावन के रहने वाले अनिरुद्धाचार्य जी महाराज का जन्म मध्यप्रदेश के दमोह जिले मे रिंवझा नामक गांव में हुआ था। यूट्यूब चैनल या टीवी पर आपने इन्हें जरूर देखा होगा। ये अपने कथा और प्रवचनों के दौरान लोगों को गो सेवा और जीवन मूल्यों के बारे में भी बताते हैं और साथ ही सनातन धर्म का प्रचार प्रसार भी करते हैं। उनके लाखों फॉलोअर हैं।
9. वैष्णव राम भद्राचार्य | Rambhadracharya : तुलसी पीठाधीश्वर कथावाचक जगतगुरु भद्राचार्य को सभी जानते हैं। वैष्णव संप्रदाय के रामानंदाचार्य स्वामी श्रीराम भद्राचार्य जी महाराज पांच वर्ष की आयु में ही अपनी आंखों की रोशनी खो चुके थे, लेकिन लगन ऐसी कि ना केवल पीएचडी की बल्कि एक विश्वविद्यालय की स्थापना कर विकलांगों के लिए शिक्षा के नए द्वार खोल दिए। वर्ष 2015 में भारत सरकार ने विलक्षण आध्यात्मिक एवं शैक्षिक विभूति को भारत सरकार के सर्वोच्च नागरिक अलंकरण पद्विभूषण से सम्मानित किया है। वे 125 से अधिक पुस्तकें भी लिख चुके हैं। प्रसिद्ध संत और कथा वाचन भद्राचार्य भी इस वर्ष खासे चर्चित रहे हैं। धर्मचक्रवर्ती, तुलसीपीठ के संस्थापक, पद्मविभूषण, जगद्गुरु श्री रामभद्राचार्य जी वही हैं जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट में रामलला के पक्ष में वेद पुराण के उद्धारण के साथ गवाही दी थी। जगद्गुरु रामभद्राचार्य चित्रकूट में रहते हैं।
 
10. देवकीनंदन ठाकुर जी : यह सबसे चर्चित कथा वाचक रहे हैं। खासकर सनातन धर्म का समर्थन करने और धर्म विरोधियों को लताड़ने के कारण यह वर्ष 2022 और 2023 में खासे चर्चा में रहे हैं। ये कथावाचक और भजय गायक होने के साथ साथ ही आध्यात्मिक गुरु भी हैं। वर्ष 2015 में इन्हें 'यूपी रतन' पुरस्कार से सम्मानित भी किया जा चुका है। मथुरा के ओहावा गांव में इनका जन्म हुआ है। मात्र 6 साल की उम्र में घर छोड़कर वृंदावन पहुंच गए और ब्रज के रासलीला संस्थान में हिस्सा ले लिया।
 
इसके अलावा मुरारी बापू, संत अवधेशानंद गिरी और भी कई अन्य संत चर्चा में रहे हैं। दिवंगत संतों में नीम करोली बाबा और संत अच्युतानंद काफी चर्चा में रहे।
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