Vastu tips for home temple: घर के मंदिर में भगवान की मूर्तियां रखना आम बात है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मूर्तियों की ऊंचाई के लिए कुछ खास नियम होते हैं? वास्तु शास्त्र और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मूर्तियों की ऊंचाई और उनकी स्थापना का तरीका सही होना चाहिए। यह न केवल ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है बल्कि घर में सकारात्मकता भी लाता है।
मूर्तियों की ऊंचाई का महत्व
मूर्तियों की ऊंचाई का सीधा संबंध पूजा में ध्यान केंद्रित करने और सकारात्मक ऊर्जा से होता है। जब मूर्ति सही ऊंचाई पर रखी जाती है, तो पूजा करते समय आंखों का सीधा संपर्क भगवान की मूर्ति से होता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार मूर्तियों की ऊंचाई
छोटी मूर्तियां
अगर घर का मंदिर छोटा है, तो 3 से 6 इंच की मूर्तियां उपयुक्त मानी जाती हैं। छोटी मूर्तियां कम जगह में भी उचित ऊर्जा का संचार करती हैं।
मध्यम आकार की मूर्तियां
घर के बड़े मंदिरों के लिए 12 से 18 इंच की मूर्तियां आदर्श मानी जाती हैं। यह ऊंचाई पूजा स्थल को भव्यता देती है और भक्तिभाव बढ़ाती है।
बड़ी मूर्तियां
घरों में 24 इंच से बड़ी मूर्तियां रखने की सलाह नहीं दी जाती है। यदि आप बड़ी मूर्तियां रखना चाहते हैं, तो उन्हें किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर रखना बेहतर होता है।
कैसा हो शिवलिंग का आकार
कुछ लोग घर के मंदिर में शिवलिंग रखने का शौक रखते हैं। ऐसे में घर के मंदिर में शिवलिंग का आकार भी अंगूठे के बराबर ही होना चाहिए। इससे बड़ा शिवलिंग घर में नहीं रखना चाहिए। शिवलिंग बहुत ही संवेदनशील होता है. इसी वजह से घर में के मंदिर में छोटा सा शिवलिंग रखने का नियम है।
मूर्ति रखने के अन्य नियम
मूर्ति का स्थान: मूर्तियां हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करनी चाहिए।
दीवार से दूरी: मूर्तियों को दीवार से थोड़ा दूर रखें ताकि उनकी चारों ओर से ऊर्जा प्रवाहित हो सके।
टूटी मूर्तियां: घर में टूटी हुई मूर्तियां रखने से बचें। यह अशुभ माना जाता है।
मूर्ति की स्थिति: मूर्तियां हमेशा बैठी हुई या स्थिर मुद्रा में होनी चाहिए।
मूर्ति स्थापना के समय ध्यान देने योग्य बातें
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पूजा स्थल हमेशा साफ और शांत होना चाहिए।
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पूजा के समय दीपक और अगरबत्ती का उपयोग करें।
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मूर्तियों को नियमित रूप से साफ करें और पूजा सामग्री से सुसज्जित रखें।
घर के मंदिर में मूर्तियां रखने का सही तरीका और उनकी ऊंचाई पर ध्यान देना न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन के लिए भी जरूरी है। सही दिशा-निर्देशों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और परिवार को सुख-समृद्धि मिलती है।
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