लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटों के दौरान ज्यादातर इलाकों में बारिश हुई। 17 जिलों में 944 से अधिक गांवों के करीब 8.43 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। इस दौरान वर्षाजनित हादसों, आकाशीय बिजली और मकान गिरने से 11 लोगों की मौत हो गई और जगह-जगह जलभराव से जनजीवन प्रभावित हुआ।
आंचलिक मौसम केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान प्रदेश में अनेक स्थानों पर वर्षा हुई। कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी बारिश भी हुई। प्रदेश में मंगलवार को भी अनेक स्थानों पर वर्षा होने की संभावना है।
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में भारी बारिश को देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन ने मंगलवार को भी 12वीं तक के सभी सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों को बंद करने का फैसला किया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश से प्रभावित जिलों में पूरी मुस्तैदी से राहत कार्य चलाने और किसी तरह की जनहानि और पशु हानि के पीड़ितों को तुरंत सहायता राशि देने के निर्देश दिए हैं।
झांसी जिले में अलग-अलग क्षेत्रों में सोमवार को दोपहर के समय आकाशीय बिजली गिरने से तीन महिलाओं और एक बच्ची समेत 7 लोगों की मौत हो गई तथा 6 से अधिक लोग झुलस गए। मरने वालों में 5 लोग मऊरानीपुर तथा एक रक्सा क्षेत्र का निवासी है। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति संतोषजनक बताई गई है।
सदर तहसील के उपजिलाधिकारी शशि भूषण ने बताया कि क्षेत्र में लखनपुरा, रक्सा निवासी गोविंद सिंह (49) की खेत में काम करते समय आकाशीय बिजली गिरने से मौत हो गई, जबकि प्रेम सिंह व लक्ष्मण झुलस गए जिन्हें उपचार के लिए चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है।
अमेठी जिले के जामो इलाके में रविवार रात बारिश के बीच एक कच्चा मकान ढह जाने से मलबे में दबकर राम सजीवन (37) नामक व्यक्ति की मौत हो गई और प्रतापगढ़ के उदयपुर थाना क्षेत्र स्थित रेउआ लालगंज गांव के रहने वाले दिलीप सिंह (30) की भारी बारिश के कारण कच्चा मकान सोमवार सुबह ढहने से मलबे में दबकर मौत हो गई। पुलिस ने दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम कराया है।
बाराबंकी से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, नेपाल के बांधों से घाघरा नदी में छोड़े गए पानी से जिले की तीन तहसीलों-सिरौलीगौसपुर, रामनगर और रामसनेहीघाट क्षेत्र के 80 गांवों की करीब दो लाख आबादी पर संकट मंडराने लगा है। इन गांवों में बने स्कूल और अस्पताल भी बाढ़ की चपेट में आ गए हैं।
पर्वतपुर और तेलवारी गांव के पास तेज़ कटान से कई मकान नदी में समा गए हैं। संपर्क मार्गों पर पानी बहने के कारण लोग परिजनों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे हुए हैं। वहीं, बाढ़ पीएसी भी बाढ़ पीड़ितों की मदद कर रही है।
घाघरा नदी एल्गिन ब्रिज पर खतरे के निशान से 78 सेमी ऊपर बह रही है। संपर्क मार्गों पर पानी भर जाने से इनका संपर्क मुख्य मार्गों से टूट गया है। उन्होंने बताया कि नदी का जलस्तर एक सेंटीमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है।
बलरामपुर से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में गोंडा-बढ़नी गोरखपुर रेलवे मार्ग पुल पर बाढ़ का पानी आ जाने से रेलगाड़ियों का परिचालन रोक दिया गया है। बलरामपुर में बाढ़ के पानी में बह जाने से दो लोगों की मौत हो गई जबकि दो अन्य की तलाश की जा रही है।
पुलिस ने बताया कि गैसड़ी कोतवाली क्षेत्र के मदारहवा गांव की सुमिरता (55) का शव तालाब से निकाला गया और आलम (16) का शव सोमवार को बरामद किया गया, जो रविवार को पानी में बह गया था।
बलरामपुर रेलवे स्टेशन के अधीक्षक पी आर सोमवंशी ने बताया कि गैजहवा और कोवापुर स्टेशनों के बीच पुल संख्या 149 पर पानी आ जाने के कारण अपराह्न दो बजकर 45 मिनट से अगले आदेश तक रेलगाड़ियों का आवागमन रोक दिया गया है जिससे करीब दो दर्जन रेलगाड़ियों का परिचालन प्रभावित हुआ है।
बदायूं से में भारी बारिश और तेज हवा चलने से सरसों, उड़द और बाजरा की खड़ी फसलें नष्ट हो गई हैं। इसके अलावा नवनिर्मित रोडवेज बस अड्डे की एक दीवार भी ढह गई।
मौसम विभाग के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान बरेली के मीरगंज में सबसे ज्यादा 23 सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गई। इसके अलावा बरेली के ही नवाबगंज में 18 सेमी., बिजनौर के नजीबाबाद और नगीना में 17-17 सेमी., बिजनौर नगर में 16 सेमी., लखीमपुर खीरी के शारदा नगर में 15, प्रतापगढ़ के कुंडा, सीतापुर के नीमसार और बाराबंकी के रामनगर में 13-13, कानपुर देहात के अकबरपुर और जालौन के कालपी में 12-12, हमीरपुर, बाराबंकी के फतेहपुर, बहराइच के कैसरगंज तथा कन्नौज के तिर्वा में 11-11 सेंटीमीटर, लखीमपुर खीरी जिले के निघासन, प्रतापगढ़ के पट्टी और उन्नाव के हसनगंज में 10-10 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई।
Edited by : Nrapendra Gupta