हाथरस मामले में पुलिस ने दर्ज किए 19 मामले, प्रदर्शनकारियों पर लगाई गंभीर धाराएं
लखनऊ/हाथरस। हाथरस में दलित युवती के कथित सामूहिक बलात्कार और उसकी मौत की घटना को लेकर हो रहे प्रदर्शनों के बीच उत्तर प्रदेश पुलिस ने जातिगत संघर्ष भड़काने के प्रयास करने से लेकर देशद्रोह तक के आरोपों में राज्य भर में कम से कम 19 प्राथमिकियां दर्ज की हैं।
हाथरस मामले में कार्रवाई को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शन के बीच पीड़ित परिवार के गांव गए आम आदमी पार्टी के शिष्टमंडल के साथ एक व्यक्ति की झड़प हो और उसने राज्यसभा सदस्य संजय सिंह पर स्याही फेंक दी।
भारत में संयुक्त राष्ट्र की स्थाई समन्वयक ने हाथरस और बलरामपुर में दलित युवतियों के साथ हुई कथित सामूहिक बलात्कार की घटनाओं को लेकर आलोचना की है, जिस पर विदेश मंत्रालय ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
हाथरस जिले के चंदपा थाने में ‘अज्ञात लोगों’ के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि उन्होंने जातिगत संघर्ष भड़काने, समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकार की छवि खराब करने की कोशिश की है, साथ ही इन सभी के खिलाफ राजद्रोह (124ए) का मामला भी दर्ज किया गया है।
रविवार की दोपहर में दर्ज हुई प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता की 18 अन्य धाराओं और आईटी कानून की एक धारा का भी जिक्र है।
लखनऊ में सोमवार को पुलिस के अवर महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि उत्तर प्रदेश के अन्य जिलों में भी ऐसी ही प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं।
उन्होंने बताया कि हाथरस जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में छह मामले दर्ज किए गए हैं, उनके अलावा बिजनौर, सहारनपुर, बुलंदशहर, प्रयागराज, अयोध्या और लखनऊ में और 13 प्राथमिकियां दर्ज हुई हैं। इन प्राथमिकियों में सोशल मीडिया पर किए गए पोस्ट का भी जिक्र है।
भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हालिया घटनाओं के संदर्भ में कहा कि अराजक तत्व राज्य में साम्प्रदायिक और जातिगत हिंसा भड़काना चाहते हैं।
राज्य के हाथरस जिले में 14 सितंबर को 19 साल की दलित युवती के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार की घटना के बाद करीब एक पखवाड़े बाद उसने दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। कथित रूप से माता-पिता की राजामंदी के बगैर देर रात उसका अंतिम संस्कार कर दिए जाने से मामला और बिगड़ गया।
लखनऊ में शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा ने दावा किया कि पुलिस ने उन्हें हाथरस घटना से जुड़े पोस्टर लगाने जाने से रोका और घर में घंटों नजरबंद करके रखा। पुलिस ने इन आरोपों से इंकार किया है। (भाषा)