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Written By हिमा अग्रवाल
Last Modified: बुधवार, 30 अगस्त 2023 (09:53 IST)

UP के घोसी उपचुनाव में होगा INDIA गठबंधन की ताकत का पहला परीक्षण, सपा की प्रतिष्ठा भी दांव पर

UP के घोसी उपचुनाव में होगा INDIA गठबंधन की ताकत का पहला परीक्षण,    सपा की प्रतिष्ठा भी दांव पर - ghosi bypoll 2023 India Alliance
ghosi bypoll 2023  : भाजपा के लिए भी यह 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले पार्टी के यूपी में अजेय होने का परसेप्शन क्रिएट करने का मौका है। समाजवादी पार्टी के लिए यह जीत उसकी साख और 'इंडिया' की ताकत होगी। घोसी विधानसभा का उपचुनाव सपा और भाजपा के लिए नाक का सवाल बन गया है। दोनों ही पार्टियां इस चुनाव को हर हाल में जीतकर अपना परचम फहराना चाहती है, क्योंकि लोकसभा चुनाव निकट है।

 2024 से पहले भाजपा इस सीट को जीतकर वह यूपी में अजेय होने का डंका बजाना चाहती है। दूसरी तरफ अखिलेश सपा से दलबदल कर गए भाजपा प्रत्याशी को हराकर इस सीट पर अपना कब्जा बनाए रखना चाहती है। इसलिए सपा की सारी फौज और अखिलेश का परिवार वहां डेरा डालकर दिन रात एक किए हुए हैं।

सपा के साथ विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की उत्तरप्रदेश में ताकत का पहला परिणाम भी घोसी के परिणामों से मिल जाएगा। कांग्रेस और बसपा के चुनाव मैदान से हट जाने पर अब वहां सपा और भाजपा के बीच सीधा मुकाबला है।
 
 इस उपचुनाव में दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है, बीजेपी के प्रत्याशी दारा सिंह चौहान के नामांकन के वक्त ही एनडीए का पूरा कुनबा नामांकन की रैली में दिखाई दिया तो उसके बाद से ही बीजेपी के 10 से अधिक मंत्रियों के साथ पार्टी कैडर के लोग घोसी में डटे हुए हैं। दूसरी ओर समाजवादी पार्टी के गिग्गज भी अपनी फौज के साथ अपना तंबू तानकर मैदान में मौजूद हैं। 
 
उत्तर प्रदेश का महासंग्राम इन दिनों घोसी में चल रहा है। मऊ जिले की इस विधानसभा सीट पर पिछली बार समाजवादी पार्टी के दारा सिंह चौहान विजयी हुए थे लेकिन इस बार उपचुनाव में वह दलबदल कर भाजपा से चुनाव लड़ रहे हैं। उन्हीं के सपा से दलबदल करने पर इस सीट के लिए उपचुनाव हो रहा है।
 
इन सबके बीच समाजवादी पार्टी के सुप्रीमों अखिलेश यादव खुद घोसी में पार्टी के लिए प्रचार करने पहुंच रहें हैं जबकि उपचुनावों से अखिलेश आमतौर पर दूर रहते आए हैं। मैनपुरी लोकसभा के उपचुनाव में उन्होंने यह परंपरा तब तोड़ी थी जब मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद पैतृक सीट पर उनकी पत्नी डिंपल ने चुनाव लडा था। यही वह उपचुनाव था जब रूठे हुए शिवपाल चाचा भी बहु की खातिर गुस्सा थूक कर डिंपल की ऐतिहासिक जीत के लिए जुट गए थे और रामगोपाल यादव को भी शिवपाल से गले मिलना पड़ा था। अब पूरा मुलायम परिवार एक साथ सपा को जिताने के लिए भूख-प्यास की परवाह न कर मतदाताओं को लुभाने में लगा हुआ है। 
 
अब घोसी में हो रहे उपचुनाव में समाजवादी पार्टी ने आक्रामक रूप दिखाना शुरू कर दिया है। सपा उम्मीदवार सुधाकर सिंह के लिए सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी प्रचार करने पहुंचे। बता दें कि घोसी में हो रहे उपचुनाव में 5 सितंबर को मतदान होना है उसके पहले दोनों पक्षों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। 
 
आजमगढ़ रामपुर के उपचुनाव में प्रचार न करने पर समाजवादी पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ था। माना जा रहा है उससे सीख लेते हुए इस उप चुनाव में अखिलेश यादव प्रचार करते हुए दिखाई देंगे। घोसी उपचुनाव की लड़ाई में बाहरी बनाम स्थानीय में फिलहाल सुधाकर सिंह यादव को स्थानीय होने का फायदा मिल सकता है। Edited by: Sudhir Sharma
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