अयोध्या में राम पथ पर बवाल, भूमि अधिग्रहण के तरीके से लोग क्यों है नाराज?
राम नगरी अयोध्या में श्री राम के जन्मभूमि का भव्य - दिव्य निर्माण तीव्र गति के साथ हो रहा है। केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या को विश्व में पर्यटन के नक्शे पर प्रमुख रूप से स्थापित करने का पूरा प्रयास कर रही है। इसके तहत अयोध्या में सौन्दर्यकरण एवं विकास की विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
उसी के तहत श्री रामजन्मभूमि जाने वाले मार्गों का नामकरण भी किया गया है। उसी मार्ग में से 13 किलोमीटर का 'राम पथ' मार्ग जो की शहर के अंदर से अयोध्या रामजन्मभूमि को जाता है। 2 लेन का यह रोड अब 4 लेन का किया जा रहा है। इसके तहत राम पथ मार्ग के दुकानों, भवनों एवं अन्य सभी प्रकार की भूमि का अधिकरण सरकार कर रही है।
अयोध्या जनपद के प्रशासन ने राम पथ मार्ग के निवासियों की भूमि को तीन प्रकार से विभाजित किया है :
1. फ्रिहोल्ड भूमि
2. पर्चा शुदा भूमि
3. पट्टा शुदा भूमि
अब प्रशासन के अनुसार जिनकी भूमि फ्रिहोल्ड है। उन्हें भूमि व भवन दोनों का मुआवजा दिया जायगा किन्तु फ्रिहोल्ड भूमि धारको की संख्या काफ़ी कम है। इसके बाद पट्टा शुदा भूमि के अंतर्गत जिनका पट्टा का नवीनकरण हुआ उन्हें केवल भवन गिराने (मलवे) का मुआवजा दिया जायगा। भूमि का नहीं भूमि सरकारी है।
इसी प्रकार से कई लोग पर्चा शुदा भूमि को अपनी बता रहे थे। ऐसी भूमि की संख्या काफ़ी है जो की अधिकतर पूर्वजों के द्वारा बनाई गई है। इस प्रकार की भूमि को भी प्रशासन सरकारी बता रही है और केवल भवन के गिराने (मलबे) का ही मुआवजा दे रही है। इसका राम पथ वासी विरोध कर रहे हैं। राम पथ वासियो ने साफ तौर पर कहा की हम सभी राम मंदिर आंदोलन में बढ़ - चढ़ कर हिस्सा लिए और आज ज़ब भव्य - दिव्य राम मंदिर का निर्माण तीव्र गति से हो रहा उसमे भी बढ़ - चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं। यह हम सभी के लिए गौरव की बात है।
इन लोगों का कहना है कि अयोध्या के सौन्द्रिकरण व विकास कार्यों का कोई विरोध नहीं। राम पथ मार्ग चौडीकरण में जो हम लोगों के भवन, दुकान व भूमि का अधिग्रहण सरकार कर रही है। इसे हमारे पूर्वजों ने अपने खून - पसीने से सींच कर बनाया है। यह उनकी धरोहर के रूप में हमारी बेशकीमती निसानी है। उसे बचाना है।
इस जमीन का अधिग्रहण कर प्रशासन हम लोगों से कह रही है कि आप लोग भूमि के मालिक नहीं है। भूमि सरकारी है। जिस पर आपको रहने का अधिकार दिया गया है। इसके विरोध में राम पथ वासियो ने अपनी मांगो को लेकर राम जानकी मंदिर साहबगंज के प्रांगण पर शांतिपूर्ण मौन अनशन 3 घंटे के लिए किया।
रामपथ के समस्त वासियों का कहना है कि हम भारत सरकार उत्तर प्रदेश सरकार के विकास व सौंदर्यीकरण का विरोध नहीं कर रहे हैं। सरकार की सभी योजनाएं बहुत अच्छी हैं सरकार हम सभी के हित के लिए कार्य कर रही है। परंतु रामपथ चौड़ीकरण को लेकर सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण जिसमें पट्टाशुदा पर्चा सुदा फ्री होल्ड की नीतियों को लेकर यह प्रदर्शन किया जा रहा है।
इसमें सरकार की तरफ से यह स्पष्ट नहीं हो रहा है कि इस योजना के अंतर्गत किस प्रकार का अधिग्रहण किया जाएगा? जिसकी भूमि अधिग्रहण करेंगे मुआवजे की प्रक्रिया क्या होगी? जैसा कि सरकार कह रही है आप सभी जिस जमीन पर रह रहे हैं वह जमीन सरकार की है। आप सभी को दुकान व भवन का मुआवजा दिया जाएगा वह भी मलबे बता कर मूल्य का बहुत कम जिसमे हम नींव भी नहीं भरा सकते। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अभी तक सरकार ने इस बात का स्पष्टीकरण नहीं किया राम पथ पर क्या-क्या योजनाएं उनकी रहेंगी?
लोगों का कहना है कि जनता अपना अमूल्य वोट देकर सरकार बनाती है परंतु सरकार बनने के बाद आज जब जनता परेशान है। सरकार का कोई प्रतिनिधि जनता का सहयोग व उनकी समस्याओं को सुनने के लिए नहीं आ रहा है। हम सब की एक मांग है सरकार जो भी जमीन अधिग्रहण कर रही है उसके एवज में मुआवजा अच्छा दे। जिससे संबंधित व्यक्ति को किसी प्रकार की दिक्कत ना हो। जमीन अधिग्रहण के बाद बची हुई जमीन को वहां रहने वाले व्यक्ति को उसका उत्तराधिकारी व मालिक घोषित करें।
अभी तक हम लोग जिस जमीन पर रह रहे थे खुद को उस जमीन का मालिक मानते थे। इसका पर्चा सुधा जमीन का बैनामा कराए, दाखिल खारिज कर आए, अयोध्या विकास प्राधिकरण व नगरपालिका से मानचित्र पास कराएं, गृह जलकर कर बराबर देते आ रहे हैं। अभी तक किसी ने नहीं बताया कि आप इस जमीन के मालिक नहीं है।
आज जब सरकार को जमीन की जरूरत पड़ी, सरकार हमारी भूमि को अधिग्रहण कर रही है, इसी संदर्भ को लेकर यह मौन प्रदर्शन 3 घंटे का किया जा रहा है, सरकार का प्रशासन का विरोध किसी तरीके से नहीं है। एक मौन प्रदर्शन के दौरान ना रोड जाम करेंगे, किसी प्रकार की नारेबाजी नहीं करेंगे, आम जनमानस को किसी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं होगी, शांतिपूर्ण ढंग से यह आंदोलन होगा, इस आंदोलन में मुख्य रूप से, अयोध्या राम पथ के समस्त लोग मौजूद रहे।