• Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. उत्तर प्रदेश
  4. लखीमपुर खीरी मामला : प्रियंका गांधी के साथ मारपीट का आरोप, सांसद दीपक हुड्डा से UP पुलिस की तीखी नोकझोंक
Written By अवनीश कुमार
Last Updated : मंगलवार, 5 अक्टूबर 2021 (19:03 IST)

लखीमपुर खीरी मामला : प्रियंका गांधी के साथ मारपीट का आरोप, सांसद दीपेंद्र हुड्डा से UP पुलिस की तीखी नोकझोंक

PriyankaGandhi | लखीमपुर खीरी मामला : प्रियंका गांधी के साथ मारपीट का आरोप, सांसद दीपक हुड्डा से UP पुलिस की तीखी नोकझोंक
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के लखीमपुर में प्रदर्शन कर रहे किसानों के कुचलने के मामले में विपक्ष अब जमकर योगी सरकार पर हावी हो गया है और वहीं आनन-फानन में पुलिस को किसानों की तहरीर पर मंत्री के बेटे सहित 15 लोगों के ऊपर मुकदमा दर्ज करना पड़ा है। लेकिन लखीमपुर पीड़ित किसानों से मिलने पहुंच रही कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी व सांसद दीपेंद्र हुड्डा से पुलिस की कड़ी नोकझोंक हुई है। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने प्रियंका गांधी व उनके साथ हाथापाई करने का पुलिस पर आरोप लगाया है।

 
लखनऊ से चलकर लखीमपुर जा रही प्रियंका गांधी को रोकने के लिए यूपी पुलिस की तरफ से लगातार प्रयास किए जा रहे थे, लेकिन पुलिस के हर प्रयास कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के सामने नाकाम साबित हो रहे थे। प्रियंका गांधी व दीपक हुड्डा को रोकने में पुलिस कामयाब हो गई और सीतापुर में इनके काफिले को पुलिस ने घेराबंदी करके रोक लिया। लेकिन इस दौरान पुलिस की प्रियंका गांधी से तीखी नोकझोंक हो गई और देखते ही देखते पुलिस अपना आपा खो बैठी और साथ में चल रहे सांसद दीपक हुड्डा को धक्का देते हुए गाड़ी में बैठने लगी। दीपेंद्र हुड्डा के साथ हो रही अभद्रता को देख प्रियंका गांधी ने बीचबचाव किया तो इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई।

 
हालात इस कदर पहुंच गए कि महिला पुलिस प्रियंका गांधी के साथ भी धक्का-मुक्की करने लगी जिसे लेकर प्रियंका गांधी सड़क पर खड़े होकर पुलिस से आदेश की कॉपी मांगने लगी और उन्होंने पुलिस से कहा कि 'अरेस्ट करो हम खुशी से जाएंगे, लेकिन जिस तरह धक्का-मुक्की की गई। इसमें फिजिकल असॉल्ट, अटेंप्ट टू किडनैप, किडनैप, अटेंप्ट टू मोलेस्ट, अटेंप्ट टू हार्म की धाराएं लगती हैं। समझे। मैं समझती हूं, छूकर देखो मुझे। जाकर अपने अफसरों-मंत्रियों से वारंट लाओ, ऑर्डर लाओ। महिलाओं को आगे मत करो। मुझे धकेलकर लाए हो। तुम्हारे प्रदेश में यह नहीं चलेगा। देश का कानून चलेगा। तुम्हें कोई हक नहीं है। हेलो सीओ साहब ऑर्डर कहां है? ऑर्डर निकालिए। कौन से ऑर्डर से रोका है आपने मुझे। इसमें मुझे बिठाओगे? ये है लीगल स्टेटस तुम्हारा।'

 
प्रियंका गांधी और पुलिस के बीच घंटों चली नोकझोंक के बाद पुलिस ने जबर्दस्ती करते हुए प्रियंका गांधी व दीपेंद्र हुड्डा को हिरासत में ले लिया और उन्हें सीतापुर के 2 बटालियन पीएसी गेस्ट हाउस ले जाया गया है। डीएमएसपी सहित भारी पुलिस फोर्स मौके पर हैं।

अधिकारियों से प्रियंका की नोंकझोक : उत्तरप्रदेश के लखनऊ से लखीमपुर पहुंचने के लिए कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी को कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर कड़ा संघर्ष करना पड़ा है और कड़े संघर्ष के बाद उनका काफिला आखिरकार लखीमपुर के लिए रवाना हो गया है। निजी गाड़ी से लखीमपुर के लिए निकलीं राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने एक वीडियो जारी करते हुए योगी सरकार पर निशाना साधा है और उन्होंने कहा है कि जिस तरह से इस देश में किसान को कुचला जा रहा है, उसके लिए लफ्ज ही नहीं है। आज जो हुआ, वो दिखाता है कि ये सरकार किसानों को कुचलने और खत्म करने की राजनीति कर रही है। ये देश किसानों का देश है, बीजेपी विचारधारा की जागीर नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में किसानों को कुचला जा रहा है, उसके लिए तो शब्द ही नहीं है। कई महीनों से किसान आवाज उठा रहे हैं कि उनके साथ गलत हो रहा है। आज जो कुछ हुआ है, वह यह साफ कर देता है कि सरकार किसानों को कुचलने की राजनीति कर रही है और किसानों को खत्म करने की राजनीति कर रही है। लेकिन यह देश किसानों का देश है। यह बीजेपी की विचारधारा की जागीर का देश नहीं है। यह देश किसानों ने बनाया है, किसानों ने सींचा है और किसानों का देश है।
 
नैतिक अधिकार सरकार और पुलिस खो चुकी है : कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने कहा कि लखनऊ से जब मैं लखीमपुर के लिए निकली तो मुझे एक बात समझ में आ गई, जब बलप्रयोग करना पड़ता है तो आप मान लीजिए पुलिस और सरकार नैतिक अधिकार खो चुकी है। मैं अपने घर से निकलकर कोई अपराध करने नहीं जा रही हूं। मैं सिर्फ उन पीड़ित परिवारों से मिलने जा रही हूं और उनके आंसू पोंछने जा रही हूं।

अब आप ही बताइए कि इसमें कौन सी बुराई है? और मैं क्या गलत कर रही हूं और अगर गलत कर रही हूं तो आपके पास आदेश होना चाहिए। नहीं तो आपके पास वॉरंट है, फिर भी आप मुझे रोक रहे हैं, मेरी गाड़ी को रोक रहे हैं और जब मैं सीओ को बुला रही हूं लेकिन वे सामने नहीं आ रहे हैं। अगर वे सही काम कर रहे हैं तो फिर वे मुझसे छुप क्यों रहे हैं?