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Last Modified: बुधवार, 1 फ़रवरी 2023 (23:09 IST)

बजट को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट्‍स, बुनियादी जरूरतों पर नहीं दिया गया ध्यान?

बजट को लेकर क्या बोले एक्सपर्ट्‍स, बुनियादी जरूरतों पर नहीं दिया गया ध्यान? - experts opinion on budget 2023
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में आम बजट 2023-24 पेश किया। इसे लेकर कई प्रतिक्रियाएं उद्योग, कृषि और अन्य क्षेत्रों की प्रतिक्रियाएं सामने आईं। जानिए किसने क्या कहा- 
 
आवास के लिए आवंटन सकारात्मक कदम : पीएनबी हाउसिंग फाइनेंस के एमडी और सीईओ श्री गिरीश कौस्गी ने संकेत दिया कि जैसा कि हमारा देश अमृत काल की ओर अग्रसर है, किफायती आवास के लिए 79,000 करोड़ रुपए का आवंटन का एक सकारात्मक कदम है। यह हमारे देश के ग्रामीण बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और निम्न और मध्यम आय समूहों को शक्ति जोड़ने के लिए एक जीत की स्थिति है। एक समावेशी और सतत आर्थिक विकास की दिशा में पहिए गतिमान हैं और यह 66 प्रतिशत बढ़ी हुई प्रतिबद्धता उच्च ग्रामीण भागीदारी को बढ़ावा देगी।
 
उद्योग जगत ने बताया विकासोन्मुख : वाहन उद्योग ने बुधवार को पेश आम बजट 2023-24 को विकासोन्मुख बताते हुए कहा है कि प्रस्तावित कदमों से तेज गति से स्थायी लेकिन समावेशी विकास को बढ़ावा मिलेगा।
 
वाहन उद्योग की संस्था भारतीय वाहन विनिर्माता सोसायटी के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने कहा कि 13.7 लाख करोड़ रुपये के प्रभावी प्रस्ताव के साथ पूंजी परिव्यय में 33 प्रतिशत वृद्धि से अर्थव्यवस्था वृद्धि को गति मिलेगी, जिससे घरेलू वाहन उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
 
वाहन कलपुर्जा विनिर्माता संघ के अध्यक्ष संजय जे कपूर ने कहा कि यह बजट डिजिटल रूप से सक्षम आत्मनिर्भर भारत का खाका है, जिसमें ऐसे कदमों का समावेश किया गया है, जो अर्थव्यवस्था को तेज गति से स्थायी लेकिन समावेशी वृद्धि प्रदान करेंगे।
 
उन्होंने आगे कहा, “निर्यात, विनिर्माण, स्थानीय मूल्यवर्द्धन पर केंद्रित और हरित ऊर्जा और परिवहन को बढ़ावा देने वाले कदम सही दिशा में बढ़ रहे हैं। व्यक्तिगत आयकर के प्रस्तावों से लोगों के हाथ में और ज्यादा पैसा आएगा, जिससे खपत बढ़ेगी और आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा मिलेगा।’’
 
वाहन डीलरों के संगठन फाडा के अध्यक्ष मनीष राज सिंघानिया ने कहा कि अवसंरचना व्यय में 10 लाख करोड़ की पूंजी परिव्यय से वाहन बिक्री को मदद मिलेगी। इसके अलावा व्यक्तिगत कर स्लैब में कटौती से दोपहिया और यात्री वाहन उद्योग को लाभ होगा।
 
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता सोसायटी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के ‘मेड इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक वाहन कलपुर्जों की कमी के मुश्किल दौर से निकलने के बाद स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला ने आकार लेना शुरू कर दिया है।
 
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि सरकार वर्षों से अवसंरचना निर्माण पर व्यय बढ़ाकर कारोबारी सुगमता बढ़ाने की कोशिश की है।
 
उन्होंने कहा कि अगले साल चुनाव से पहले अंतिम पूर्ण बजट होने के बावजूद सरकार लोकलुभावन वादों से दूर रही और विकासोन्मुख बजट पेश किया।
 
टीवीएस मोटर कंपनी के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने इस बजट को बेहतर तरीके से तैयार दस्तावेज बताया।
 
उन्होंने कहा कि अवसंरचना पर बढ़ते व्यय पर जोर और लीथियन आयन बैटरी विनिर्माण को सहयोग से इस उद्योग को बहुत लाभ होगा।
 
हीरो इलेक्ट्रिक के प्रबंध निदेशक नवीन मुंजाल ने कहा कि इस बजट में दिखता है कि इलेक्ट्रिक वाहन अपनाने के लिए सरकार प्रेरित कर रही है, जिससे देश को शून्य कार्बन उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने में मदद मिले और भविष्योन्मुखी और वैकल्पिक ईंधन प्रौद्योगिकी तैयार हो।
 
अशोक लेलैंड के कार्यकारी चेयरमैन धीरज हिंदुजा ने कहा कि राष्ट्र के निर्माण में सड़क परिवहन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और सरकार के लक्ष्य को पूरा में और ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
 
इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता सोसायटी के महानिदेशक सोहिंदर गिल ने कहा कि अच्छी गुणवत्ता के ‘मेड इन इंडिया’ इलेक्ट्रिक वाहन कलपुर्जों की कमी के मुश्किल दौर से निकलने के बाद स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला ने आकार लेना शुरू कर दिया है।
 
 
जीजेईपीसी के पूर्व अध्यक्ष और कामा के प्रबंध निदेशक, कोलिन शाह ने कहा कि वित्त मंत्री ने निर्यात और रोजगार सृजित करने के लिए लैब में विकसित हीरों की क्षमता को स्वीकार किया है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘पांच साल के लिए एक आरएंडडी अनुदान, स्थानीय विनिर्माण क्षमता बनाने में मदद करेगा, जिससे आने वाले वर्षों में मशीनरी के आयात पर हमारी निर्भरता कम हो जाएगी।
 
पीएनजी ज्वेलर्स के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक सौरभ गाडगिल ने कहा कि इस साल के बजट में सबसे बड़ी निराशा यह है कि इसने सोने पर आयात शुल्क में कमी के मसले को हल नहीं किया गया है।
 
बुनियादी मुद्दों पर ध्यान नहीं : ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) ने केंद्रीय बजट 2023-24 पर असंतोष जताते हुए कहा है कि इसमें बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा के अलावा कई अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान नहीं किया गया है।  
 
एटक ने बयान में कहा कि बेरोजगारी, स्वास्थ्य, शिक्षा, महंगाई आदि के महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित किए बिना बजट बेहद खोखला है। सिवाय इसके कि मतदाताओं को लुभाने के इरादे से कुछ झुनझुना थमाया गया है। इसका उद्देश्य जन केंद्रित आर्थिक विकास और मानव विकास की ओर बढ़ना नहीं है।’’ बजट भाषण झूठ और बाजीगरी से भरा हुआ था। यूनियन ने कहा कि लोगों से संबंधित किसी भी वास्तविक मुद्दे का समाधान नहीं किया गया है।
 
चिकित्सा क्षेत्र ने किया स्वागत : डॉक्टरों और चिकित्सा विशेषज्ञों ने बुधवार को केंद्रीय बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बढ़े हुए आवंटन और 157 नर्सिंग कॉलेज स्थापित करने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि ये भारतीय स्वास्थ्य सेवा तंत्र को मजबूत गति प्रदान करेंगे। 
उन्होंने कहा कि इस साल का बजट चिकित्सा अनुसंधान पर ध्यान देने वाला और भविष्योन्मुखी है तथा सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त करता है।
 
केंद्रीय बजट 2023-24 में स्वास्थ्य क्षेत्र को 89,155 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जो 2022-23 में आवंटित 79,145 करोड़ रुपये से लगभग 13 प्रतिशत अधिक है।

सर गंगा राम अस्पताल के अध्यक्ष (प्रबंधन बोर्ड) डॉ अजय स्वरूप ने कहा, ‘‘हमें इस बात की बहुत खुशी है कि इस साल स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए धन का आवंटन बढ़ा दिया गया है।’’ उन्होंने कहा कि जहां तक ​​नर्सिंग देखभाल के लिए आवश्यक छात्रों की संख्या का सवाल है, 157 नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना से इस अंतर को पाटने में मदद मिलेगी।
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