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Last Modified: सोमवार, 16 जनवरी 2023 (21:47 IST)

दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, क्या भारत पर भी होगा असर? सामने आया WEF का सर्वे

दुनिया पर मंडराया मंदी का खतरा, क्या भारत पर भी होगा असर? सामने आया WEF का सर्वे - wef davos 2023 risk of global recession high but india may benefit from trends say economists
दावोस। विश्व आर्थिक मंच (WEF) ने सोमवार को अपने मुख्य अर्थशास्त्री पूर्वानुमान सर्वेक्षण में कहा कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है। हालांकि इस दौरान खाद्य, ऊर्जा और मुद्रास्फीति का दबाव चरम पर पहुंच सकता है। रिपोर्ट में कहा गया कि बांग्लादेश और भारत सहित दक्षिण एशिया क्षेत्र की कुछ अर्थव्यवस्थाओं वैश्विक रुझानों से फायदा मिल सकता है। इन रुझानों में विनिर्माण आपूर्ति श्रृंखलाओं का चीन से दूर जाना शामिल है।
 
डब्ल्यूईएफ ने कहा कि वैश्विक स्तर पर व्यवसाय आर्थिक प्रतिकूलताओं का मुकाबला करने के लिए लागत में उल्लेखनीय कटौती करेंगे। मुख्य अर्थशास्त्री मुद्रास्फीति और मजबूत बही-खाते को लेकर आशावादी हैं।
 
विश्व आर्थिक मंच के मुख्य अर्थशास्त्री समुदाय के ज्यादातर लोगों का मानना है कि अमेरिका और यूरोप में आगे मौद्रिक सख्ती देखने को मिल सकती है।
 
लगभग दो-तिहाई मुख्य अर्थशास्त्रियों का मानना है कि 2023 में वैश्विक मंदी आने की आशंका है। इनमें से 18 प्रतिशत ने इसकी अत्यधिक संभावना जताई। यह आंकड़ा सितंबर 2022 में किए गए पिछले सर्वेक्षण की तुलना में दोगुने से भी अधिक है।
 
सर्वेक्षण में शामिल एक तिहाई लोगों ने कहा कि इस साल वैश्विक मंदी की आशंका नहीं है, हालांकि इस बात पर पूरी सहमति है कि 2023 में वृद्धि की संभावनाएं धूमिल हैं। खासतौर से यूरोप और अमेरिका में।
 
सर्वेक्षण में शामिल सभी मुख्य अर्थशास्त्रियों ने यूरोप में 2023 में कमजोर या बहुत कमजोर वृद्धि की आशंका जताई। अमेरिका के बारे में 91 प्रतिशत उत्तरदाताओं का ऐसा मानना था।
 
चीन की वृद्धि दर को लेकर मुख्य अर्थशास्त्री समान रूप से बंटे हुए हैं। कुछ का मानना है कि वहां मजबूत वृद्धि रहेगी, जबकि कुछ मानते कि यह कमजोर रहेगी।
 
इस बीच, दावोस में विश्व आर्थिक मंच की वार्षिक बैठक की सुरक्षा के लिए स्विट्‍जलैंड ने पूरी तैयारी कर ली है। दुनियाभर के हजारों नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इस छोटे से शहर को एक किले में बदल दिया गया है। इस काम के लिए हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इनमें सेना के करीब 5,000 से अधिक लोग और नागरिक रक्षा सेवा के सैकड़ों पुरुष और महिलाएं शामिल हैं।
 
स्विट्जरलैंड की सेना के अनुसार उन्होंने डब्ल्यूईएफ की बैठक के लिए क्रिसमस से पहले काम शुरू कर दिया और सरकार ने 10-26 जनवरी के बीच 5,000 कर्मियों को तैनात किया है। बैठक समाप्त होने के एक दिन बाद 21 जनवरी तक दावोस के ऊपर हवाई क्षेत्र प्रतिबंधित रहेगा। भाषा Edited by Sudhir Sharma
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