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Written By WD Sports Desk
Last Modified: शुक्रवार, 20 सितम्बर 2024 (11:54 IST)

सुमित नागल ने भारत के लिए खेलने के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की फीस मांगी

सुमित नागल ने भारत के लिए खेलने के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की फीस मांगी - Sumit Nagal demanded fee of $50,000 to play for India
All India Tennis Association Sumit Nagal : अखिल भारतीय टेनिस संघ (AITA) ने गुरूवार को दावा किया कि सुमित नागल ने भारत के लिए डेविस कप (Davis Cup) मुकाबले खेलने के लिए 50,000 अमेरिकी डॉलर की सालाना फीस मांगी थी लेकिन देश के इस शीर्ष एकल खिलाड़ी ने खुद का बचाव करते हुए कहा कि खिलाड़ियों को उनकी सेवाओं के लिए भुगतान किया जाना सामान्य बात है।
 
नागल ने पीठ में खिंचाव का हवाला देते हुए स्वीडन के खिलाफ हाल ही में डेविस कप मुकाबले से हटने का फैसला किया था। इसके कारण उन्हें पिछले महीने अमेरिकी ओपन (US Open) पुरुष युगल स्पर्धा से भी बाहर होना पड़ा था।
 
स्वीडन के खिलाफ भारत एकल विशेषज्ञ के बिना खेलने उतरा और टीम को 0-4 से हार का सामना करना पड़ा। टीम विश्व ग्रुप एक मुकाबले में एक सेट भी नहीं जीत सकी।
 
एआईटीए ने मंगलवार को यह कहकर अपनी नाराजगी जाहिर की कि नागल, युकी भांबरी और शशिकुमार मुकुंद सहित देश के शीर्ष खिलाड़ियों ने देश के लिए खेलने से इनकार कर दिया है।
 
नागल एटीपी 250 हांग्झोउ ओपन में शामिल हुए थे और उन्हें बृहस्पतिवार को खेलना था लेकिन पीठ दर्द के कारण उन्होंने अपना नाम वापस ले लिया।
 
एआईटीए महासचिव अनिल धूपर ने पीटीआई से कहा, ‘‘एक खिलाड़ी को देश के लिए खेलने के लिए पैसे क्यों मांगने चाहिए, आप मुझे बताइए। यह एक बड़ा सवाल है। उन्होंने 50,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 45 लाख रूपए) की सालाना फीस मांगी थी और कहा था कि अगर उन्हें भुगतान नहीं किया गया तो वह नहीं खेलेंगे। ’’
 
ज्यादातर विश्व ग्रुप एक तक सीमित भारत एक सत्र में फरवरी और सितंबर में केवल दो ही मुकाबले खेलता है।
 
धूपर ने कहा, ‘‘देश को तय करने दें कि यह सही है या नहीं। फिर यह सरकार और सभी का फैसला होगा। खिलाड़ियों को ‘टॉप्स’ के जरिए भी भुगतान किया जाता है। और ऐसा नहीं है कि उन्हें डेविस कप खेलने के लिए भुगतान नहीं किया जाता। उन्हें भुगतान किया जाता है। ’’
 
धूपर उस पुरस्कार राशि का जिक्र कर रहे थे जो एआईटीए को डेविस कप में भाग लेने के लिए अंतर्राष्ट्रीय टेनिस महासंघ (आईटीएफ) से मिलती है और टीम के सदस्यों के बीच बांटी जाती है।
 
विश्व ग्रुप एक मुकाबले के लिए एआईटीए को लगभग 30 लाख रूपए मिलते हैं और इसका 70 प्रतिशत हिस्सा भाग लेने वाले खिलाड़ियों के बीच बांटा जाता है जबकि बाकी का 30 प्रतिशत राष्ट्रीय महासंघ के प्रशासनिक खर्चे के लिए रखा जाता है।
निचले ग्रुप के मुकाबले के लिए पुरस्कार राशि कम हो जाती है।
 
धूपर ने कहा, ‘‘किसी अन्य खिलाड़ी ने आईटीएफ पुरस्कार राशि के अपने हिस्से से अतिरिक्त राशि नहीं मांगी। ’’
 
भारत के एक पूर्व डेविस कप खिलाड़ी ने पीटीआई को पुष्टि की कि बीते समय में भी ऐसे उदाहरण रहे हैं जब देश के प्रमुख खिलाड़ियों ने डेविस कप खेलने के लिए पैसे मांगे और उनकी मांगें मान ली गईं।
 
नागल ने एआईटीए के दावे से इनकार नहीं किया और उन्होंने सोशल मीडिया पर एक बयान में अपना बचाव किया।
 
उन्होंने कहा, ‘‘मुआवजे के बारे में मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि पेशेवर खेलों में खिलाड़ियों के लिए यह आम बात है कि उन्हें प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए राशि दी जाती है, भले ही वे अपने देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हों। ’’
 
नागल ने कहा, ‘‘यह व्यक्तिगत फायदे की बात नहीं है। एआईटीए और डेविस कप कप्तान के साथ मेरी चर्चा गोपनीय है और मैं इस बारे में किसी भी तरह की अटकलबाजी में शामिल नहीं होना चाहता।’’ (भाषा) 
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