उत्तरप्रदेश के संभल में हुई हिंसा के मद्देनजर कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार निर्दोष लोगों की हत्या के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है और केवल भाजपा-आरएसएस ही वहां शांति एवं सद्भाव को आग लगाने के लिए दोषी है।
विपक्षी पार्टी ने कहा कि संभल में प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी के वीडियो आदित्यनाथ और भाजपा-आरएसएस की सुनियोजित साजिश के परिणाम को दर्शाते हैं।
कांग्रेस के मीडिया और प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि आदित्यनाथ के प्रशासन ने एक बार फिर सांप्रदायिक सद्भाव के प्रति घोर उपेक्षा दिखाई है। उन्होंने आरोप लगाया, इस पूरे मामले में भाजपा न तो सर्वेक्षण को आगे बढ़ाना चाहती थी और न ही इसे रोकना चाहती थी, इसका एकमात्र उद्देश्य सद्भाव को बिगाड़ना था।'
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, संभल में मुगलकालीन मस्जिद के अदालत के आदेश पर सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच रविवार को हुई झड़प में तीन लोगों की मौत हो गई और करीब 20 सुरक्षाकर्मियों सहित कई अन्य घायल हो गए।
खेड़ा ने एक बयान में कहा, उत्तर प्रदेश में कोई भी नागरिक मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के शासन में सुरक्षित नहीं है, जिन्होंने बटेंगे तो कटेंगे का निंदनीय नारा दिया था। यह आज संभल की अत्यंत निंदनीय घटनाओं से स्पष्ट है।
उन्होंने आरोप लगाया कि संभल में प्रदर्शनकारियों पर सीधी गोलीबारी के वीडियो आदित्यनाथ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)-राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सुनियोजित साजिश का भयावह परिणाम दर्शाते हैं।
खेड़ा ने कहा, हम पूरी जिम्मेदारी के साथ कहते हैं कि आदित्यनाथ प्रशासन निर्दोष लोगों की हत्या के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है और संभल की शांति और सद्भाव को आग लगाने के लिए केवल भाजपा-आरएसएस ही दोषी है। अल्पसंख्यक समुदाय को दूसरे दर्जे का नागरिक मानने वाली मोदी-योगी सरकारों ने जल्दबाजी में अदालत में याचिका दायर कर दी।
उन्होंने कहा कि यह सबको पता है कि अदालत ने दूसरे पक्ष को सुने बिना ही तत्काल सर्वेक्षण का आदेश दे दिया। उन्होंने कहा, सर्वेक्षण दल के साथ आए दंगाइयों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इससे स्पष्ट है कि प्रदेश में उपचुनाव के बाद योगी के नेतृत्व वाली सरकार ने हिंसा और नफरत की राजनीति को और तेज कर दिया है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि पुलिस और प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इस हिंसा में कई निर्दोष लोगों की जान गई है और दो दर्जन से अधिक लोग घायल हुए हैं। खेड़ा ने कहा, सांप्रदायिक नफरत भड़काना और दो समुदायों के बीच दरार डालना भाजपा-आरएसएस का डीएनए है।
उन्होंने कहा, एक तरफ एक हैं तो सेफ हैं का खोखला नारा है, दूसरी तरफ, वे समुदायों को बांटते हैं। एक तरफ, एक दशक से चल रहा सबका साथ-सबका विश्वास का झूठ है, दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय को लगातार निशाना बनाया जा रहा है।
खेड़ा ने कहा, हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री आदित्यनाथ से पूछना चाहते हैं कि क्या वे जून 2022 में (आरएसएस प्रमुख) मोहन भागवत जी के दिए बयान का पालन करेंगे (भले ही यह दिखावा हो!), जिसमें उन्होंने कहा था कि इतिहास एक ऐसी चीज है जिसे हम बदल नहीं सकते। न तो आज के हिंदुओं ने और न ही आज के मुसलमानों ने इसे बनाया, यह उस समय हुआ...हर मस्जिद में शिवलिंग क्यों देखना?...अब हमें कोई आंदोलन नहीं करना है..?
उन्होंने कहा, न तो मोदी जी, न ही मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और न ही मोहन भागवत जी के पास इसका जवाब है!
खेड़ा ने कहा कि राहुल गांधी लगातार और जोरदार तरीके से नफरत के बाजार में मोहब्बत की दुकान की बात करते रहे हैं और ऐसे में संभल की जनता से अपील है कि वे नफरत की राजनीति को पहचानें, आपसी एकता, सौहार्द और सद्भाव बनाए रखें तथा कानूनी तरीके से अपने अधिकारों की रक्षा के लिए कदम उठाएं। (भाषा)