सूर्य ग्रहण के समय में क्या करें क्या ना करें, जानें ग्रहण से बचने के उपाय
Solar Eclipse in 2023 in Hindi: 20 अप्रैल 2023 गुरुवार को वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भारतीय समय अनुसार सुबह करीब 7:04 से दोपहर 12:29 तक लगेगा। इस ग्रहण का सूतक काल भारत में मान्य नहीं होगा फिर भी ग्रहण का प्रभाव तो संपूर्ण धरती पर रहेगा। इसलिए कुछ लोग ग्रहण के नियमों का पालन करेंगे। आप भी करना चाहते हैं तो जानिए कि सूर्य ग्रहण के समय में क्या करें क्या ना करें, जानें ग्रहण से बचने के उपाय।
सूर्य ग्रहण के समय क्या करें:
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जैसे ही ग्रहण का स्पर्श तो स्नान करना चाहिए।
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ग्रहण के मोक्ष काल के बाद भी स्नान करना चाहिए।
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ग्रहण काल में भोजन करने से परहेज करना चाहिए।
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ग्रहण के मोक्ष के बाद पीने का पानी ताजा भर कर पीना चाहिए।
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ग्रहण के समय में जितना संभव हो, मंत्र जाप और दान करना चाहिए।
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यदि आप किसी का श्राद्ध करना चाहते हैं तो ग्रहण काल में कर सकते हैं।
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कोई बालक हैं, अति वृद्ध हैं अथवा रोगी हैं तो पथ्याहार ले सकते हैं।
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यदि कोई बीमार हैं तो आवश्यक औषधि भी ले सकते हैं।
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ग्रहण काल में अपनी राशि के स्वामी ग्रह के मंत्र का जाप भी कर सकते हैं।
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ग्रहण के स्पर्श से पूर्व ही दूध, दही, घी, अचार, चटनी, मुरब्बा, जैसी भोज्य सामग्री में कुशा अथवा तुलसीदल रख देना चाहिए।
सूर्य ग्रहण के समय क्या नहीं करें:
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सूर्य को नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए।
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ग्रहण के दौरान किसी मंदिर या धार्मिक स्थान पर प्रवेश नहीं करना चाहिए।
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ग्रहण के दौरान किसी मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए।
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ग्रहण काल में मैथुन क्रिया से भी बचना चाहिए।
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ग्रहण काल में तेल मालिश वर्जित होती है।
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ग्रहण के समय में बाल या नाखून भी नहीं काटने चाहिए।
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ग्रहण के दौरान यात्रा नहीं करना चाहिए।
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ग्रहण काल में यथासंभव जाप करना चाहिए।
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गर्भवती महिलाओं को ग्रहण के दौरान काटना, सिलना, बुनना, सोना नहीं चाहिए।
ग्रहण के दुष्प्रभाव से बचने के उपाय:
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ग्रहण के तुरंत बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
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ग्रहण की समाप्ति के गंगा स्नान या औषधि स्नान करना चाहिए।
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ग्रहण काल के बाद गरीब या किसी ब्राह्मण को दान देना चाहिए।
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कांसे की कटोरी में घी भरकर तांबे का सिक्का डालकर अपना मुंह देखकर दान करने से लाभ मिलेगा।
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आप ग्रहण के उपरांत औषधि स्नान भी कर सकते हैं। इससे ग्रहण के अशुभ फलों में कमी आएगी।
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सूर्य ग्रहण के दौरान सूर्य और राहु तथा चंद्र ग्रहण के दौरान चंद्रमा और राहु का मंत्र जाप करना चाहिए।
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यदि आपकी राशि अथवा नक्षत्र में ग्रहण लग रहा हो तो आपको ग्रहण काल में अपने राशि स्वामी या नक्षत्र स्वामी के मंत्र का जाप करना चाहिए।