• Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. धर्म-दर्शन
  3. श्रावण मास विशेष
  4. Shiv pooja samagri

श्रावण मास : शिवजी को अर्पित करते हैं 15 तरह के फूल, होते हैं 10 फायदे

श्रावण मास : शिवजी को अर्पित करते हैं 15 तरह के फूल, होते हैं 10 फायदे - Shiv pooja samagri
25 जुलाई 2021 रविवार से श्रावण मास प्रारंभ होने वाला है और सावन का पहला सोमवार 26 जुलाई को रहेगा। श्रावण मास में शिवजी और माता पार्तती की पूजा का महत्व रहता है। पूजा सामग्री कई प्रकार की रहती है परंतु शिवजी को कुछ विशेष प्रकार के फूल ही चढ़ाए जाते हैं। आओ जानते हैं कि भगवान शिव को कौन कौनसे फूल और पूजा सामग्री अर्पित की जाती है।
 
1. धतूरे के फूल
2. हरसिंगार के फूल
3. नागकेसर के सफेद पुष्प
4. सूखे कमल गट्टे
5. कनेर के फूल
6. कुसुम के फूल
7. आंकड़े के फूल
8. कुश के फूल
9. गेंदे के फूल
10. गुलाब के फूल
11. शंख पुष्पी का फूल
12. बेला के फूल
13. चमेली का फूल
14. शेफालिका का फूल
15. आगस्त्य
 
ये फूल अर्पित करने के लाभ : 
1. ऐसी मान्यता है कि शिवजी को चमेली का फूल चढ़ाने से वाहन सुख मिलता है। 
2. कमल का फूल, बिल्वपत्र और शंख पुष्पी चढ़ाने से धनलाभ होता है। 
3. बेला का फूल चढ़ाने से विवाह की समस्या दूर होती है। 
4. संतान प्राप्त के लिए धतूरा अर्पित करना होता।
5. तनाव दूर करने के लिए शेफालिका का फूल अर्पित करना चाहिए। 
6. आगस्त्य का फूल चढ़ाने से मान सम्मान की प्राप्ति होती है। 
7. कनेर का फूल चढ़ाने से वस्त्र आभूषणों की प्राप्ति होती है। 
8. दूर्वा चढ़ाने लंबी आयु प्राप्त होती है। 
10. सफेद कमल का फूल चढ़ाने से सुख शांति की प्राप्ति होती है।
 
शिव पूजन में 11 चढ़ने वाली प्रमुख सामग्री : 1.जल, 2.दूध, 3.दही, 4.शहद, 5.घी, 6.चीनी, 7.ईत्र, 8.चंदन, 9.केसर, 10.भांग और 11. लाल फूल।
उपरोक्त 11 चीजों के अर्पण करने के फायदे : 
1. जल अर्पित करने से मन शांत होता है। 
2. दूध अर्पित करने से सेहत में लाभ होता है।
3. दही अर्पित करने से स्वभाव में सुधार होता है। 
4. शहद अर्पित करने से वाणी में मिठास आती है।
5. घी अर्पित करने से शक्ति बढ़ती है।
6. चीन अर्पित करने से सुख और समृद्धि बढ़ती है। 
7. ईत्र अर्पित करने से विचार और भाव पवित्र होते हैं।
8. चंद ‍अर्पित करने से मान सम्मान प्राप्त होता है।
9. केसर अर्पित करने से सौम्यता प्राप्त होती है। 
10. भांग अर्पित करने से सभी तरह की बुराइया और रोग समाप्त होते हैं।