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Last Updated : सोमवार, 25 जुलाई 2022 (13:05 IST)

भगवान श्री महाकालेश्‍वर चन्द्रमौलेश्वर व श्री मनमहेश के रूप में अपने भक्तों को देंगे दर्शन

सोमवार 25 जुलाई को भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकलेगी

भगवान श्री महाकालेश्‍वर चन्द्रमौलेश्वर व श्री मनमहेश के रूप में अपने भक्तों को देंगे दर्शन - Mahakal sawari marg
उज्जैन। बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक दक्षिणमुखी भगवान श्री महाकालेश्वर की श्रावण-भाद्रपद माह में निकलने वाली सवारी के क्रम में श्रावण माह के दूसरे सोमवार 25 जुलाई को भगवान श्री महाकालेश्वर चन्द्रमौलेश्वर के रूप में अपने भक्तों को दर्शन देंगे।
 
श्री महाकालेश्‍वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक श्री गणेश कुमार धाकड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि श्री महाकालेश्‍वर भगवान पालकी में श्री चन्द्रमौलेश्वर और हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में विराजित होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
 
भगवान श्री महाकालेश्वर जी की सवारी निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर के कोटितीर्थ कुंड के पास स्थित सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर का पूजन-अर्चन होगा। उसके बाद भगवान श्री चन्द्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। जैसे पालकी मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंचेगी, सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा पालकी में विराजित भगवान महाकाल को सलामी दी जाएगी। उसके बाद सवारी परंपरागत मार्ग से होते हुए क्षिप्रातट रामघाट पर पहुंचेगी। जहां पर भगवान श्री महाकाल का क्षिप्रा के जल से अभिषेक एवं पूजन किया जाएगा। पूजन-अर्चन के बाद सवारी निर्धारित मार्गो से होते हुए पुनः श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुचेगी।
 
भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां अभिषेक और पूजन-के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मन्दिर पहुंचेगी।
 
श्रध्‍दालुओं से निवेदन है कि, कृपया सवारी मार्ग में सडक की ओर व्यापारी गण भट्टी चालू न रखें एवं न ही तेल का कढ़ाव रखें।  
 
कृपया दर्शनार्थी सवारी में उल्टी दिशा में न चलें तथा सवारी निकलने तक अपने स्थान पर खड़े रहें। दर्शनार्थी कृपया गलियों में वाहन न रखें। श्रद्धालु सवारी के मध्य सिक्के नारियल केले फल, आदि न फेंके। सवारी के बीच में प्रसाद व चित्र वितरण न करें, सवारी आगे बढने के पश्चात ही वितरण करें। पालकी के आस-पास अनावश्यक संख्या में लोग न रहें।
 
गौरी जोशी