गुरुवार, 28 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. श्राद्ध पर्व
  4. Shraddha Purnima 2023
Written By

Shraddha paksha 2023: पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध पर क्या और किसका श्राद्ध करते हैं

Shraddha paksha 2023: पूर्णिमा और प्रतिपदा श्राद्ध पर क्या और किसका श्राद्ध करते हैं - Shraddha Purnima 2023
pitru paksha 2023 : हिन्दू पंचांग के अनुसार इस बार पितृ पक्ष यानी श्राद्ध महालय भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो गए हैं। इस वर्ष पितृ पक्ष का 29 सितंबर 2023 से शुरू हो गए हैं, और इसका समापन 14 अक्टूबर 2023 को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर होगा। 
 
धार्मिक शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक यानी कुल 16 दिनों तक चलता है। इसमें श्राद्ध का पहला दिन और आखिरी दिन बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। 
 
आइए जानते हैं यहां पूर्णिमा और प्रतिपदा यानी पहले श्राद्ध में क्या करते हैं...
 
1. पूर्णिमा के श्राद्ध को ऋषि तर्पण भी कहा जाता है। इस दिन मंत्रदृष्‍टा ऋषि मुनि अगस्त्य का तर्पण किया जाता है। इन्होंने ऋषि मुनियों की रक्षा के लिए समुद्र को पी लिया था और दो असुरों को खा गए थे। इसी के सम्मान में श्राद्ध पक्ष की पूर्णिमा तिथि को इनका तर्पण करके ही पितृ पक्ष की शुरुआत की जाती है।
 
2. श्राद्ध की 16 तिथियां होती हैं, पूर्णिमा, प्रतिपदा, द्वि‍तीया, तृतीया, चतुर्थी, पंचमी, षष्ठी, सप्तमी, अष्टमी, नवमी, दशमी, एकादशी, द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी और अमावस्या। उक्त किसी भी एक तिथि में व्यक्ति की मृत्यु होती है चाहे वह कृष्ण पक्ष की तिथि हो या शुक्ल पक्ष की। श्राद्ध में जब यह तिथि आती है तो जिस तिथि में व्यक्ति की मृत्यु हुई है उस तिथि में उसका श्राद्ध करने का विधान है।
 
3. जिनकी मृत्यु पूर्णिमा को हुई है उनका श्राद्ध पूर्णिमा को करते हैं। इनका श्राद्ध केवल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा अथवा आश्विन कृष्ण अमावस्या को किया जाता है। इसे प्रोष्ठपदी पूर्णिमा भी कहा जाता हैं।
 
4. जिस तिथि पर पूर्वजों की मृत्यु हुई थी, उस तिथि पर घरों में विशेष पूजा-अर्चना के साथ नदी, तालाब आदि स्थानों पर वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तर्पण किया जाता है। 
 
5. इस दिन भाद्रपद पूर्णिमा की तिथि पर यानी पितृ पक्ष के पहले दिन ब्राह्मणों को दान-पुण्य और भोजन भी कराया जाता है। यह केवल भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा अथवा आश्विन कृष्ण अमावस्या को किया जाता है। गाय, काले कुत्ते और कौए के लिए अलग से ग्रास निकालकर उन्हें खिलाना चाहिए।

अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। वेबदुनिया इसकी पुष्टि नहीं करता है। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

 
ये भी पढ़ें
Shraddha 2023: श्राद्ध पक्ष में क्या खरीदें और क्या नहीं खरीदना चाहिए