गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. व्रत-त्योहार
  3. महाशिवरात्रि
  4. Saptdhan shringar
Written By
Last Modified: बुधवार, 2 मार्च 2022 (11:48 IST)

आज दूल्हा बने राजा महाकालेश्वर का सप्त धान श्रृंगार, जानिए शिव जी को सप्तधान चढ़ाने के 10 लाभ

आज दूल्हा बने राजा महाकालेश्वर का सप्त धान श्रृंगार, जानिए शिव जी को सप्तधान चढ़ाने के 10 लाभ - Saptdhan shringar
Saptdhan shringar
महाशिवरात्रि के 9 दिन पहले उज्जैन में शिव नवरात्रि की शुरुआत होती है। 9 दिन तक महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग का विशेष श्रृंगार किया जाता है। नौ दिन तक शिव और पार्वती के विवाह की रस्में निभाई जाती है। इन नौ दिनों तक भगवान श्री महाकाल अपने भक्तों को अलग-अलग स्वरूपों में दर्शन देकर उनकी मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। महाशिवरात्रि के बाद आज महाकालेश्वर का सप्तधान श्रृंगार किया गया।
 
 
महाकाल उज्जैन आने वाले भक्तों को शिव नवरात्रि के दिनों में भगवान के शेषनाग, मनमहेश, चंद्रमौलेश्वर, शिव तांडव, उमा महेश, होल्कर, घटाटोप तथा सप्त धान मुखारविंद में दर्शनों का लाभ मिलता है। आओ जानते हैं कि यह शिवजी को सप्तधान अर्पित करने के क्या है 10 लाभ। 
 
क्या है यह सप्तधान : महाशिवरात्रि 2022: शिवरात्रि पर भगवान शिव को बिल्वपत्र, धतूरा, आंकड़ा, पंचामृत, जल आदि अर्पित किया जाता है। इसी के साथ सप्तधान की शिवा मुठ्ठी को चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। इसमें कच्चे चावल, सफेद तिल, खड़े मूंग, जौ और सतुआ होता है। आमतौर पर यह धान सावन माह के प्रति सोमवार को एक-एक मुठ्ठी अर्पित किए जाते हैं परंतु यहां उक्त सभी में ज्वार और गेंहू मिलाकर एक मुट्ठी महाशिवरात्रि पर शिवजी के समक्ष अर्पित करें। इसके लिए किसी विद्वान से पूछकर यह कार्य करें।
 
शिवा मुट्ठी अर्पित करने का तरीका : शिवा मुट्ठी चढ़ाने से पहले शिवजी का जलाभिषेक करें फिर शिवजी को पंचामृत चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को जल से पुन: स्नान कराने के बाद 108 बेलपत्र पर ऊं नम: शिवाय लिखकर चढ़ाएं। इसके बाद शिवजी को इत्र अर्पित करें। फिर पीली धोती शिवलिंग पर चढ़ाएं और साथ में माता पार्वती को चुनरी चढ़ाएं। इसके बाद पूरे शिव परिवार को जल दें और पूजा करें। अंत में शिवा मुट्ठी अर्पित करें। 
 
हालांकि कई जगहों पर सप्तधान यह माने गए हैं- 1.जौ, 2.गेहूं, 3.चावल, 4.तिल, 5.कंगनी, 6.उड़द और 7.मूंग।

सप्तधान चढ़ाने के 10 लाभ
 
1. इससे सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं।
 
2. घर में धन और धान्य बना रहता है।
 
3. सुख-शांति का आशीर्वाद मिलता है।
 
4. सभी तरह के रोग मिट जाते हैं।
 
5. यह सभी तरह के पापों का नाश करता है। 
 
6. अनावश्यक भय और चिंता का निवारण होता है। 
 
7. इससे सभी तरह के ग्रह दोषों से मुक्ति मिलत है।
 
8. इससे पितृदोष का भी निवारण होता है। 
 
9. कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है।
 
10. अकाल मृत्यु नहीं होती है।
ये भी पढ़ें
Panchak March 2022: अग्नि पंचक शुरू, जानिए समय और किन खास बातों का रखें ध्यान