गुरुवार, 21 नवंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. सनातन धर्म
  3. इतिहास
  4. 5 interesting facts about Narmada Valley Civilization
Written By WD Feature Desk
Last Updated : गुरुवार, 15 फ़रवरी 2024 (12:38 IST)

नर्मदा घाटी सभ्यता के बारे में 5 रोचक तथ्य

Narmada Jayanti 2024
Narmada Valley : 16 फरवरी को नर्मदा जयंती (Narmada Jayanti 2024) रहेगी। विश्व की प्राचीनतम नदी सभ्यताओं में से एक नर्मदा घाटी की सभ्यता का का जिक्र कम ही किया जाता है, जबकि पुरात्ववेत्ताओं अनुसार यहां भारत की सबसे प्राचीन सभ्यता के अवशेष पाए गए हैं। नर्मदा को विश्‍व की सबसे प्राचीन नदियों में गिना जाता है और इसकी सभ्यका को सिंधु घाटी की सभ्यता से भी पुराना माना जाता है। आओ जानते हैं नर्मदा घाटी सभ्यता के बारे में 5 रोचक तथ्‍य।
1. सबसे प्राचीन नगर : नर्मदा घाटी के प्राचीन नगरों की बात करें तो महिष्मती (महेश्वर), नेमावर, हतोदक, ओंकारेश्‍वर, मंडलेश्‍वर, त्रिपुरी, नंदीनगर आदि ऐसे कई प्राचीन नगर है जहां किए गए उत्खनन से उनके 2200 वर्ष पुराने होने के प्रमाण मिले हैं। जबलपुर से लेकर सीहोर, नर्मदापुरम, बड़वानी, धार, खंडवा, खरगोन, हरसूद आदि तक किए गए और लगातार जारी उत्खनन कार्यों ने ऐसे अनेक पुराकालीन रहस्यों को उजागर किया है। यहां भीमबैठका, भेड़ाघाट, नेमावर, हरदा, ओंकारेश्वर, महेश्वर, होशंगाबाद, बावनगजा, अंगारेश्वर, शूलपाणी आदि नर्मदा तट के प्राचीन स्थान हैं। 
narmada jayanti 2024
narmada jayanti
2. शैलचित्र : नर्मदा घाटी क्षेत्र में भीमबेटका गुफा के शैलचित्रों को सबसे पुराना माना जाता है। यहां 750 शैलाश्रय हैं जिनमें 500 शैलाश्रय चित्रों द्वारा सज्जित हैं। पूर्व पाषाणकाल से मध्य ऐतिहासिक काल तक यह स्थान मानव गतिविधियों का केंद्र रहा। इन चित्रों में शिकार, नाच-गाना, घोड़े व हाथी की सवारी, लड़ते हुए जानवर, श्रृंगार, मुखौटे और घरेलू जीवन का बड़ा ही शानदार चित्रण किया गया है। इसके अलावा वन में रहने वाले बाघ, शेर से लेकर जंगली सूअर, भैंसा, हाथी, हिरण, घोड़ा, कुत्ता, बंदर, छिपकली व बिच्छू तक चित्रित हैं। चित्रों में प्रयोग किए गए खनिज रंगों में मुख्य रूप से गेंरुआ, लाल और सफेद हैं और कहीं-कहीं पीला और हरा रंग भी प्रयोग हुआ है। इसकी कार्बन डेटिंग से पता चला है कि इनमें से कुछ चित्र तो लगभग 25 से 35 हजार वर्ष पुराने हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में कई गुफाएं हैं। एक गुफा में 10 हजार वर्ष पुराने शैलचित्र मिले हैं। यहां मिले शैलचित्रों में स्पष्ट रूप से एक उड़नतश्तरी बनी हुई है।
3. डायनासोर के अंडे : नर्मदा घाटी में डायनासोर के अंडे भी पाए गए हैं और यहां कई विशालकाय प्रजातियों के कंकाल भी मिले हैं। इसके मिलने से यह सिद्ध होता है कि यह नदी और घाटी कितनी पुरानी है। यहां डायनासोर के अंडों के जीवाश्म पाए गए, तो दक्षिण एशिया में सबसे विशाल भैंस के जीवाश्म भी मिले हैं। 
4. मानव खोपड़ी : संपादक एवं प्रकाशक डॉ. शशिकांत भट्ट की पुस्तक 'नर्मदा वैली : कल्चर एंड सिविलाइजेशन' नर्मदा घाटी की सभ्यता के बारे में विस्तार से उल्लेख मिलता है। इस किताब के अनुसार नर्मदा किनारे मानव खोपड़ी का 5 से 6 लाख वर्ष पुराना जीवाश्म मिला है। इससे यह खुलासा होता है कि यहां सभ्यता का काल कितना पुराना है। इसके अलवा एकेडेमी ऑफ इंडियन न्यूमिस्मेटिक्स एंड सिगिलोग्राफी, इंदौर ने नर्मदा घाटी की संस्कृति व सभ्यता पर केंद्रित देश-विदेश के विद्वानों के 70 शोध पत्रों पर आधारित एक विशेषांक निकाला था, जो इस प्राचीन सभ्यता की खोज और उससे जुड़ी चुनौतियों को प्रस्तुत करता है।
5. रेवा नदी : हिन्दू पुराणों में नर्मदा को रेवा नदी भी कहा गया है। पुराणों में इस नदी पर एक अलग ही रेवाखंड नाम से विस्तार में उल्लेख मिलता है। पुराणों के अनुसार नर्मदा नदी को पाताल की नदी माना जाता है। यह भी पौराणिक मान्यता या जनश्रुति प्रचलित है कि नर्मदा के जल को बांधने का प्रयास किया गया तो भविष्य में प्रलय होगी। इसका जल पाताल में समाकर धरती को भूकंपों से पाट देगा। यह नदी पूर्व से पश्‍चिम की ओर बहती है जबकि भारत के अधिकतर नदियां पूर्व की ओर बहती है। 
पौराणिक मान्यता के अनुसार नर्मदा के तट पर हैहयवंशी छत्रियों और भार्गववंशी ब्राह्मणों का प्राचीनकाल से ही राज रहा है। सहस्रबाहु महेश्वर ( प्राचीन महिष्मती ) का राजा था और उनके कुल पुरोहित भार्गव प्रमुख जमदग्नि ॠषि (परशुराम के पिता) थे। नर्मदा नदी के तट पर महिष्मती (महेश्वर) नरेश हजार बाहों वाले सहस्रबाहु अर्जुन और दस सिर वाले लंकापति रावण के बीच एक बार भयानक युद्ध हुआ। इस युद्ध में रावण हार गया था और उसे बंदी बना लिया गया था। बाद में रावण के पितामह महर्षि पुलत्स्य के आग्रह पर उसे छोड़ा गया। अंत में रावण ने उसे अपना मित्र बना लिया था।
ये भी पढ़ें
नर्मदा नदी पर कितने बांध बना दिए गए हैं?