Himalaya Day 2023: हर वर्ष हिमालय के संवरक्षण, पर्यावरण और पर्यटन के महत्व को दर्शाने के लिए भारत के उत्तराखंड में 9 सितंबर को हिमालय दिवस मनाया जाता है। हिमालय हजारों पहाड़ियों की श्रृंखला है जो हिंदूकुश कारोकोरम से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक फैली है। आओ जानते हैं हिमालय के बारे में 10 रोचक तथ्य जो आपको हैरान कर देंगे।
1. एक्सिस मुंडी : हिमालय धरती के मध्य भाग में स्थित है। यहां का कैलाश पर्वत तो चमत्कारों की खान है जिसे एक्सिस मुंडी (Axis Mundi) कहा जाता है। हजारों किलोमीटर क्षेत्र में फैला हिमालय चमत्कारों की खान है। हिमालय को धरती का केंद्र माना जाता है क्योंकि इसके उत्तर में उत्तरी ध्रुव और दक्षिण में दक्षिणी ध्रुव है। एक्सिस मुंडी यानी आकाशीय ध्रुवों के बीच पृथ्वी की धुरी।
2. विश्व के सबसे ऊंचे पहाड़ : हिमालय के कुछ प्रमुख शिखरों में सबसे महत्वपूर्ण सागरमाथा हिमालय, एवरेस्ट, अन्नपूर्णा, गणेय, लांगतंग, मानसलू, रोलवालिंग, जुगल, गौरीशंकर, कुंभू, के 2, लहोत्से, मकालू, चो ओयू, नागा, नैनादेवी, धौलागिरी और कंचनजंघा हैं।
3. सबसे बेहतर वातावरण : हिमालय की वादियों में रहने वालों को कभी दमा, टीबी, गठिया, संधिवात, कुष्ठ, चर्मरोग, आमवात, अस्थिरोग और नेत्र रोग जैसी बीमारी नहीं होती। वैज्ञानिक शोधानुसार हिमालय में रहने वाला लंबी उम्र तक निरोगी रहकर जीवित रहता है।
4. एलियंस रहते हैं हिमालय में?: विश्वभर के वैज्ञानिक मानते हैं कि धरती पर कुछ जगहों पर छुपकर रहते हैं दूसरे ग्रह के लोग। उन जगहों में से एक हिमालय है। भारतीय सेना और वैज्ञानिक इस बात को स्वीकार नहीं करते लेकिन वे अस्विकार भी नहीं करते हैं। भारतीय सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आइटीबीपी) की यूनिटों ने सन् 2010 में जम्मू और कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में उडऩे वाली अनजान वस्तुओं (यूएफओ) के देखे जाने की खबर दी थी। लेकिन बाद में इस खबर को दबा दिया गया।
5. मैग्नेटिक हिल : हिमालय में कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जिन्हें मैग्नेटिक हिल कहते हैं। मैग्नेटिक हिल पर गाड़ियां अपने आप ही पहाड़ चढ़ने लगती है। यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं। घड़ियों का समय अचानक ही बदल जाता है। यहां कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां जाने पर इलेक्ट्रॉनिक उपकरण अचानक काम करना बंद कर देते हैं। घड़ियों का समय अचानक ही बदल जाता है।
6. देव स्थान : मुण्डकोपनिषद् के अनुसार सूक्ष्म-शरीरधारी आत्माओं का एक संघ है। इनका केंद्र हिमालय की वादियों में उत्तराखंड में स्थित है। इसे देवात्मा हिमालय कहा जाता है। इन दुर्गम क्षेत्रों में स्थूल-शरीरधारी व्यक्ति सामान्यतया नहीं पहुंच पाते हैं।
7. चमत्कारिक प्राणियों का स्थल : हिमालय में ऐसे कई जीव-जंतु हैं, जो बहुत ही दुर्लभ है। उनमें से एक दुनिया का सबसे दुर्लभ मृग है कस्तूरी मृग। मान्यता है कि येति का निवास हिमालय में ही है। येति या यति एक विशालकाय हिम मानव है। हिमालय में जैन, बौद्ध और हिन्दू संतों के कई प्राचीन मठ और गुफाएं हैं। मान्यता है कि गुफाओं में आज भी कई ऐसे तपस्वी हैं, जो हजारों वर्षों से तपस्या कर रहे हैं।
8. मानव की उत्पत्ति हिमालय क्षेत्र में हुई : पुराणों के अनुसार विवस्ता नदी के किनारे मानव की उत्पत्ति हुई थी। प्रसिद्ध समाज विज्ञानी कालचेंटर के अनुसार मनुष्य प्राकृतिक रूप से फल और अनाज पर निर्भर करता है अतः हिमालय का क्षेत्र ही मानव की स्वाभाविक जन्मस्थली है। इसका सबसे बड़ा प्रमाण है यहां जीवाश्म का पाया जाना, जो विश्व में अन्य जगहों पर पाए गए दूसरे सभी जीवाश्मों की अपेक्षा कहीं ज्यादा पुराना है। विज्ञानियों एवं इतिहासवेत्ताओं के अनुसार हिमालय पर फल, अन्न और शाक आदि सभी खाद्य पदार्थ पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होते हैं। स्वभावतः मानव का मूल आहार यही है।
9. विश्व की अधिकतर नदियों का उद्गम स्थल और प्रकृतिक झीलें : सिंधु, गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र और यांगतेज बड़ी नदियां हैं जो हिमालय से ही निकलती है। इन्हीं की सैंकड़ों सहायक नदियां हैं। जैसे सरस्वती, चंद्रभागा, (चिनाब), यमुना, शुतुद्री (सतलुज), वितस्ता (झेलम), इरावती (रावी), कुहू (काबुल), गोमती, धूतपापा (शारदा), बाहुदा (राप्ती), दृषद्वती (चितंग), विपाशा (बियास), देविका (दीग), सरयू (घाघरा), रंक्षू (रामगंगा), गंडकी (गंडक), कौशिकी (कोसी), त्रित्या और लोहित्या (ब्रह्मपुत्र)।
हिमालय में विश्व की सबसे सुंदर और अद्भुत झीलें हैं। कहते हैं कि हिमालय में 4,699 झीलें पाई जाती हैं। सूरज ताल, नैनीताल, लाहौल स्पीती, चंद्रताल, मानसरोवर, पैंगोंग त्सो, दशीर, ब्रिघू झील, महाकाली झील, चंदर नौन लेक्स, त्सो ल्हामो झील, चोलमू झील, नागिन झील, मनसर झील, रेणुका झील, रिवालसर झील, सातताल झील, त्सोंगमो या चांगू झील, सुमेन्दु झील, सेला झील आदि।
10. चमत्कारिक जड़ी-बूटियों का भंडार : हनुमानजी हिमालय के एक क्षेत्र से ही संजीवनी का पर्वत उखाड़कर ले गए थे। हिमालय ही एकमात्र ऐसा क्षेत्र है, जहां दुनियाभर की जड़ी-बूटियों का भंडार है। हिमालय की वनसंपदा अतुलनीय है। हिमालय में लाखों जड़ी-बूटियां हैं जिससे व्यक्ति के हर तरह के रोग को दूर किया जा सकता है।
हिमालय में ऐसी भी कई चमत्कारिक जड़ी-बूटियां हैं जिनका वर्णन अथर्ववेद, आयुर्वेद और जड़ी-बूटियों के ग्रंथों में मिलता है। सोमवल्ली, संजीवनी बूटी, अरुंधती, ब्रह्मकमल जैसी वनस्पतियां हिमालय के एक विशेष क्षेत्र में पाई जाती हैं। कहते हैं कि सैंकड़ों वर्ष तक जिंदा रहने का राज हिमालय में ही छिपा हुआ है।