चाणक्य के अनुसार कौन से 4 अवसर पर धन को खर्च करें जी भर कर
Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में जीवन के हर पहलु के संबंध में सूत्र वाक्य में शिक्षा और मार्गदर्शन दिया है। चाणक्य को समाज, राजनीति और अर्थशास्त्र का ज्ञाता माना जाता है। उन्होंने धन के संबंध में भी बहुत कुछ कहा है। चाणक्य के अनुसार कुछ जगहों या अवसरों पर पर धन खर्च करने से उसमें वृद्धि होती है। आओ जानते हैं उनमें से 4 प्रमुख अवसरों के बारे में।
1. मंदिर में दान : चाणक्य के अनुसार समय समय पर मंदिर में दान दक्षिणा देने से ईश्वरीय कृपा होती है एवं धन और बढ़ता है। घर में कभी दरिद्रता नहीं आती है। मंदिर में नहीं तो किसी पवित्र स्थान या तीर्थ क्षेत्र में दान करें। संन्यासियों के आश्रम में दान करें।
2. रोग-दवा : किसी बीमार व्यक्ति की सहायता करने में धन खर्च करने से परोपकार और पुण्य की प्राप्ति होती है, जिससे ईश्वर प्रसन्न होते हैं और ऐसे व्यक्ति के धन में बरकत बनी रहती है। खासकर कुष्ट रोगियों की सहायता करना चाहिए। दवा के लिए या अस्पताल के लिए भी दान कर सकते हैं।बन रहे अस्पताल में आर्थिक मदन कर सकते हैं।
3. शिक्षा : शिक्षा या ऐसे व्यक्ति को शिक्षित करने में धन खर्च करें जो अपनी पढ़ाई पूरी करना चाहता है लेकिन धन के अभाव में नहीं कर पा रहा है। ऐसा व्यक्ति देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त करता है। गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करना बहुत बड़ा पुण्य का कार्य होता है।
4. सामाजिक कार्य : स्कूल, अस्पताल, धर्मशाला, मंदिर, आश्रम, कुएं, बावड़ी, सड़क आदि बनवाने में आर्थिक सहायता करना पुण्य का कार्य है। इससे ना सिर्फ समाज में प्रतिष्ठा बढ़ती है, बल्कि देश और समाज का विकास भी होता है। साथ ही हजारों लोगों की दुआएं भी मिलती है। इससे धन शुद्ध होता है और दिन-रात वृद्धि की ओर बढ़ता चला जाता है।