कश्मीर घाटी में भीषण शीतलहर, तापमान शून्य से 7.7 डिग्री सेल्सियस नीचे
श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार को भी शीतलहर का प्रकोप जारी रहा और घाटी में न्यूनतम तापमान शून्य से कई डिग्री नीचे रहा। जम्मू-कश्मीर की ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर में तापमान शून्य से 7.2 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया, जो इससे पूर्ववर्ती रात के शून्य से 7.7 डिग्री सेल्सियस नीचे के तापमान से थोड़ा अधिक है।
अधिकारियों ने बताया कि उत्तरी कश्मीर में बारामूला के गुलमर्ग स्कीइंग स्थल पर न्यूनतम तापमान शून्य से 10 डिग्री नीचे रहा, जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से 11.5 डिग्री नीचे से अधिक है। दक्षिण कश्मीर में पहलगाम पर्यटन स्थल पर पारा शून्य के 12.5 डिग्री नीचे तक चला गया, जो उसकी पिछली रात के तापमान शून्य से 12 डिग्री नीचे से कम था।
कूपवाड़ा में न्यूनतम तापमान शून्य से 3.7 डिग्री नीचे और कोकरनाग में शून्य से 10.9 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया गया। पारे में गिरावट से जलाशयों में तथा घाटी के कई क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति लाइनों में पानी बर्फ बन गया है। अगले कुछ दिनों तक न्यूनतम तापमान के जमाव बिंदु के नीचे रहने की ही संभावना है, क्योंकि मौसम वैज्ञानिकों ने 2 फरवरी को घाटी में पश्चिमी विक्षोभ के आने की संभावना व्यक्त की है।
कश्मीर फिलहाल 'चिल्लईकलां' की गिरफ्त में है। यह 40 दिन का ऐसा दौर होता है, जब पूरे क्षेत्र में शीतलहर चलती है और तापमान काफी गिर जाता है। प्रसिद्ध डल झील समेत जलाशयों में पानी बर्फ बन जाता है। इस दौरान ज्यादातर क्षेत्रों खासकर ऊंचाई वाले इलाकों में खूब बर्फबारी होती है। कश्मीर में चिल्लईकलां का दौर 21 दिसंबर को शुरू होता है और उसका समापन 31 जनवरी को होता है। उसके बाद भी घाटी में शीतलहर जारी रहती है, क्योंकि फिर 20 दिन के 'चिल्लई-खुर्द' और 10 दिन के 'चिल्लई-बच्चा' का दौर आता है। (भाषा)