मेरठ में पिटबुल नस्ल का हमला, पेंचकस और डंडे से छुड़वाया मुंह, किशोर की हालत गंभीर
मेरठ। पालूत जानवर कब आक्रमक हो जाएं, यह कहा नहीं जा सकता। अभी कुछ दिन पहले लखनऊ में रोंगटे खड़े कर देने वाली घटना सामने आई थी। यहां एक पिटबुल ने अपनी मालकिन पर हमला करके मौत के घाट उतार दिया। इस घटना से पूरा प्रदेश स्तब्ध रह गया, क्योंकि कुत्ते को वफादार माना जाता है, वह अपने स्वामी के लिए जान की बाजी खुद लगा देता है।
वहीं ताजा मामला मेरठ में देखने को मिला है, यहां भी एक पिटबुल डॉग ने किशोर पर हमला बोल दिया, हमले से बचाने आए मालिक को भी चोटिल कर दिया। मामला मेरठ के मवाना तहसील क्षेत्र के मुन्नालाल चौकी के पास का है।
चौकी के निकट सौरव की दुकान-मकान है और इन्होंने पिटबुल डॉग पाल रखा है। इन्हीं दुकानों में दानिश मिस्त्री के यहां सालिम बाइक रिपेयरिंग का काम सीख रहा है। सालिम जब दुकान पर आया तो मेनगेट पर बंधे पिटबुल ने उसके चेहरे पर हमला बोल दिया। डॉग की पकड़ इतनी मजबूत थी कि डॉग स्वामी ने किसी तरह पेंचकस और डंडे की सहायता से कुत्ते का मुंह खोला और 14 वर्षीय सालिम को छुड़ाया।
पिटबुल ने किशोर के चेहरे और हाथ को घायल कर दिया। किशोर को छुड़ाने में सौरव भी घायल हो गया है। सौरव को स्थानीय अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया, लेकिन हालत बिगड़ने पर दिल्ली रेफर कर दिया गया है। घटना के बाद से सौरव और उसका परिवार घर बंद करके कहीं चला गया है। पुलिस के मुताबिक मामले की जांच की जा रही है।
इस पूरे मामले पर डीएम दीपक मीणा ने भी एसडीएम मवाना अखिलेश यादव को प्रभावी कार्रवाई के आदेश दिए हैं। इस मामले में कुत्ते के स्वामी के खिलाफ धारा 289 (पालतू जीव को ध्यान से नहीं रखना) में मुकदमा पंजीकृत हो सकता है। वहीं आईपीसी की धारा 324 के मुताबिक किसी जानवर के द्वारा यदि चोट पहुंचाई जाती है तो उसके स्वामी को एक अवधि के लिए कारावास, जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है साथ में आर्थिक दंड दिया जा सकता है।
मेरठ में आजकल खतरनाक किस्म के कुत्ते पाले जा रहे हैं। लेकिन इन सबसे बेखर है नगर निगम। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हुई घटना के बाद भी यहां के अधिकारी अलर्ट नहीं हुए और मेरठ के मवाना में पिटबुल का घातक हमला हो गया और उसका शिकार एक किशोर बन गया। मेरठ में किसने डॉग पाल रखा है, उसकी नस्ल क्या है, इसका पूरा ब्यौरा नहीं है।
पिछले दो सालों में मात्र 150 पालतू डॉग का रजिस्ट्रेशन हुआ है, जबकि स्थिति इससे विपरीत है। शहर में कुत्तों की भरमार है, मवाना में हुई घटना के बाद नगर निगम के अधिकारी कुत्तों के पंजीकरण के लिए टीम निर्धारित करने की बात कह रहे हैं।