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Last Modified: मंगलवार, 20 अप्रैल 2021 (14:09 IST)

अस्पतालों में बेड खाली और मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं...

अस्पतालों में बेड खाली और मरीज एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं... - Corona in Indore
इंदौर। अहिल्या नगरी इंदौर में एक तरफ कोरोनावायरस के मरीज इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटक रहे हैं और उन्हें बेड नहीं मिल रहा है। दूसरी तरफ प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल एमवाय, चाचा नेहरू, सेवाकुंज आदि अस्पतालों में सैकड़ों बेड खाली हैं। दरअसल, कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला ने मंगलवार को इन अस्पतालों का दौरा कर यह खुलासा‍ किया है। दूसरी ओर, अस्पताल प्रशासन ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी के चलते गंभीर मरीजों को भर्ती नहीं कर पा रहे हैं। 
 
शुक्ला ने कहा कि मंगलवार को जब मैं अपने साथियों के साथ अस्पताल पहुंचा तो यह देखकर हैरान रह गया कि एमवाय अस्पताल में चौथी और पांचवीं मंजिल पूरी तरह से खाली पड़ी हुई हैं, यहां करीब 100 बेड खाली हैं। दूसरी ओर, मरीज बेड के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि चाचा नेहरू अस्पताल भी खाली पड़ा हुआ है। विधायक ने कहा कि इससे स्पष्ट है कि शासन-प्रशासन के द्वारा व्यवस्थाओं को को सही तरह से अंजाम नहीं दिया जा रहा, जिसका खामियाजा कोरोना के संक्रमित मरीजों को अपनी जान देकर चुकाना पड़ रहा है।
 
इधर 300 बिस्तरों का अस्पताल भी खाली : दूसरी ओर, शहर के कनाड़िया क्षेत्र में 300 बिस्तरों का अस्पताल भी खाली पड़ा हुआ। इस अस्पताल को कुछ समय पहले कोविड अस्पताल के रूप में चिह्नित किया गया था। इसी क्रम में कांग्रेस विधायक संजय शुक्ला और प्रेमचंद गुड्डू की पुत्री रीना बोरासी सहित कई कांग्रेसी नेता कनाड़िया रोड स्थित सेवा कुंज अस्पताल पहुंचे।
 
शुक्ला ने बताया कि वहां डॉक्टरों और स्टाफ से चर्चा की गई, तो उनका कहना था कि हमारी पूरी तैयारी है। ऑक्सीजन का बड़ा सैपरेट टैंक भी है, लेकिन सिर्फ ऑक्सीजन नहीं है। हम 300 मरीजों का उपचार कर सकते हैं, जिसके बाद विधायक संजय शुक्ला ने विश्वास सारंग को भोपाल फोन कर इसकी जानकारी दी।
 इसके पूर्व तक अस्पताल में दूसरी बीमारियों के मरीजों का इलाज किया जा रहा था, लेकिन जिस दिन से अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया गया है, उस दिन से दूसरी बीमारियों का इलाज बंद हो गया है।
 
2600 इंजेक्शन का मांगा हिसाब : विधायक संजय शुक्ला ने प्रशासन से 2600 रेमडिसिविर इंजेक्शन का भी हिसाब मांगा है। उन्होंने कहा कि 1000 इंजेक्शन कैलाश विजयवर्गीय द्वारा उपलब्ध करवाए गए थे, जबकि 1600 इंजेक्शन शासन द्वारा उपलब्ध करवाए गए थे। उन्होंने कहा कि कोई भी यह बताने को तैयार नहीं है कि इन इंजेक्शन का क्या हुआ? 
 
दूसरी ओर, चाचा नेहरू अस्पताल के अधीक्षक हेमंत जैन ने बताया कि अस्पताल में कमिश्नर महोदय ने कोविड केयर सेंटर बनाया है, लेकिन यहां हम एसिम्टोमैटिक मरीजों को ही ले रहे हैं, जिनका ऑक्सीजन सचुरेशन लेबल 95 से ऊपर है। ऑक्सीजन की कमी के कारण हम गंभीर मरीजों को नहीं ले पा रहे हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमने नई व्यवस्था शुरू की है, जिसके तहत सुपर स्पेशलिटी, एमआरटीबी और एमटीएच के वे मरीज जिन्हें रेमडिसिविर इंजेक्शन लगे हैं और उनकी दवाइयां चल रही हैं साथ ही उन्हें ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है, उन्हें यहां शिफ्ट किया जा रहा है ताकि वहां पर दबाव कम होगा और वहां पर दूसरे मरीज भर्ती हो पाएंगे। 
 
 
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