मंगलवार, 22 अक्टूबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. प्रादेशिक
  4. Border tourism
Written By Author सुरेश डुग्गर
Last Updated : शनिवार, 1 जून 2019 (18:57 IST)

बॉर्डर टूरिज्म पर संशय के बादल, सीजफायर के उल्लंघन से बाज नहीं आ रही पाक सेना

Border tourism। बॉर्डर टूरिज्म पर संशय के बादल, सीजफायर के उल्लंघन से बाज नहीं आ रही पाक सेना - Border tourism
जम्मू। राज्य में टूरिज्म को पलीता लगाने में पाक सेना की भी अहम भूमिका मानी जा रही है। जहां कश्मीर के टूरिज्म को क्षति पहुंचाने की कोशिशें उसके पिट्ठू आतंकियों द्वारा की जा रही हैं, तो सीमाओं पर सीजफायर का बार-बार उल्लंघन कर वह टूरिज्म विभाग की बॉर्डर टूरिज्म योजनाओं पर पानी फेर रही है।

सीजफायर के 15 सालों के अरसे में बॉर्डर टूरिज्म की योजना को परवान चढ़ाने की कोशिशों को अब पाक सेना नेस्तनाबूद करने की कवायद में जुटी हुई है।
 
ऐसे में सीमांत लोगों का कहना है कि सरकार को चाहिए कि पहले वह पाकिस्तान से बात करे और इस बात की गारंटी ले कि कुछ नहीं होगा। फिर पर्यटन ढांचे को मजबूत किया जाए। इतना जरूर था कि जम्मू संभाग के मंडलायुक्त भी मानते थे कि इस तरह की घटनाएं बॉर्डर टूरिज्म के लिए खतरा हैं। हालांकि उनका कहना है कि इस तरह की घटनाएं रोज नहीं होतीं। बॉर्डर टूरिज्म की योजना एक लंबी सोच को लेकर बनाई गई है जिसे पूरा करने पर इन चीजों को नजरअंदाज करना ही पड़ेगा।
 
पर यह सच है कि चाहे वह सांबा सेक्टर हो, अखनूर का कान्हा चक हो या फिर रणवीर सिंह पुरा या फिर अरनिया सेक्टर। कई बार यहां पर तारबंदी काटकर घुसपैठ की कोशिश की गई। कुछ दिन पहले ही आरएस पुरा सेक्टर में एक घुसपैठिए को जवानों ने मार गिराया था, वहीं 2 दिन पहले फिर पाक की ओर से घुसपैठ कराने की कोशिश की गई। कई स्थानों पर काटी गई तार से साफ जाहिर होता था कि घुसपैठिए पूरी फिराक में थे।
 
इन घटनाओं से साबित होता है कि टूरिज्म विभाग के लिए बॉर्डर टूरिज्म को बढ़ावा देना टेढ़ी खीर जैसा होगा। बॉर्डर के लोगों से जब यह सवाल पूछा गया कि क्या बॉर्डर टूरिज्म पर इसका असर पड़ेगा? तो कोई ना न कह सका। वे कहते थे कि जब भी कभी सीजफायर की उल्लंघना होती है तो काफी सख्ती कर दी जाती है। अगर ऐसा ही माहौल रहा तो टूरिस्ट यहां पर कैसे आएंगे?
 
राज्य के टूरिज्म विभाग ने बॉर्डर टूरिज्म के रूप में सांबा सेक्टर के चमलियाल गांव को बॉर्डर टूरिज्म विलेज बनाने की योजना बनाई है और इस पर काम भी चल रहा है। इसी तरह से विभाग ने सुचेतगढ़ को भी बॉर्डर विलेज बनाने का प्लान तैयार किया है। इसके तहत हाल ही में बैसाखी महोत्सव के दौरान कार्यक्रम आयोजित किए गए, परंतु पिछले कुछ समय से इंटरनेशनल बॉर्डर पर लगातार सीजफायर का उल्लंघन हो रहा है।
 
हालांकि सुरक्षा एजेंसियां एवं टूरिज्म विभाग नहीं मानता कि इससे बॉर्डर टूरिज्म पर कोई असर पड़ेगा। लेकिन इतिहास गवाह रहा है कि बॉर्डर पर तनाव होने पर आसपास के गांवों से लोग पलायन कर जाते हैं। बॉर्डर पर लोगों की आवाजाही बंद कर दी जाती है।
 
यही नहीं, बॉर्डर पर शाम 6 बजे के बाद किसी को अपने खेतों में आने तक नहीं दिया जाता। ऐसे में ऑक्ट्राय पोस्ट (सुचेतगढ़) पर विकसित होने वाले पर्यटन ढांचे को तो मुहैया करा दिया जाएगा लेकिन तनाव होने पर उसका कोई मतलब नहीं रह जाएगा, यह एक कड़वी सच्चाई है।